उत्तर प्रदेश राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए विश्व विख्यात है। धार्मिक रूप से भी इसका विशेष महत्त्व है। इस कड़ी में बौद्ध धर्म से जुड़े अनुयायियों के लिए भी यह जगह अधिक महत्त्वपूर्ण है। क्योंकि, यही वह जगह है, जहां गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।
वहीं, उन्होंने अपनी अंतिम सांस भी यहां पर ली थी। गौतम बुद्ध के नाम पर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर जिला भी है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपी के किस जिले में गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश का परिचय
उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है। यह कुल 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो कि पूरे भारत के 7.33 फीसदी हिस्सा पर है। वहीं, यह सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य भी है। साल 2011 में यहां की जनसंख्या 19 करोड़ 98 लाख 12 हजार 341 दर्ज की गई थी, जो कि पूरे भारत की करीब 16.5 फीसदी थी।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले और मंडल
उत्तर प्रदेश राज्य में कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। ये मंडल कुल चार संभागों का हिस्सा हैं, जिनमें पश्चिमांचल, पूर्वांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड है। कुछ किताबों में हमें रोहिलखंड और बघेलखंड का भी जिक्र मिलता है। प्रदेश में कुल 17 नगर निगम, 28 विकास प्राधिकरण, 75 नगर पंचायत और 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण मौजूद हैं।
उत्तर प्रदेश के चार दिशाओं के चार जिले
उत्तर प्रदेश के सबसे पूर्वी जिले की बात करें, तो यह बलिया है। वहीं, सबसे पश्चिमी जिला शामली है। सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर, तो सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है।
उत्तर प्रदेश के किस जिले में गौतम बुद्ध ने दिया था उपदेश
आपको बता दें कि गौतम बुद्ध ने 49 दिनों तक बिहार के बोधगया गांव में एक पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था। इसके बाद उन्होंने वाराणसी जिले के सारनाथ गांव में अपना पहला उपदेश दिया था। इस घटना को धर्म-चक्र-पालन के नाम से जाना जाता है।
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