Rail Rakshak Dal: भारतीय रेलवे ने हाल ही में रेल हादसों के बाद बचाव के लिए 'रेल रक्षक दल' का गठन किया है. रेलवे सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पहल को सराहा जा रहा है. यह पहल उत्तर पश्चिमी रेलवे (NWR) जोन में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई है. इस दल की जिम्मेदारी दुर्घटना स्थल पर तुरंत पहुंचकर बचाव कार्य करने की होगी.
उत्तर पश्चिम रेलवे के आईजी आरपीएफ ज्योति कुमार सतीजा ने बातया की अब किसी भी दुर्घटना के दौरान तुरंत राहत कार्य में शामिल होगा, उन्होंने बताया कि इसे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की पहल पर शुरू किया गया है. इसके तहत रेलवे में होने वाली घटनाओं के बाद बचाव कार्य बेहतर तरीके से अंजाम दिया जा सकेगा.
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'रेल रक्षक दल' में कौन है शामिल:
रेल रक्षक दल में भारतीय रेलवे सुरक्षा बल (RPF) के कर्मियों को शामिल किये जा रहे है. इस दल को विशेष रूप से दुर्घटनास्थल पर तुरंत पहुंचने और राहत कार्य में मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, उन्हें राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) द्वारा प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि वे आपदा या दुर्घटना के समय प्रभावी रूप से काम कर सकें.
यह टीम टॉर्च, वॉकी-टॉकी, रस्सी, फर्स्ट एड किट और अन्य उपकरणों से लैस होगी, जिससे वे दुर्घटना स्थल पर आवश्यक सहायता प्रदान कर सकते हैं.
कहां होगी इनकी तैनाती:
एनडीआरएफ द्वारा प्रशिक्षित इस टीम को चार मंडलों में तैनात किया जा रहा है, जो दुर्घटना राहत ट्रेन से पहले सड़क मार्ग से घटनास्थल पर पहुंच सकती है. इन्हे जहां तैनात किया जा रहा है वह इस प्रकार है-
- बांदीकुई
- लालगढ़
- उदयपुर
- मेड़ता रोड
कवच 4.0 की शुरुआत:
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कवच 4.0 की शुरुआत की जानकारी भी दी. कवच 4.0 तकनीक का इस्तेमाल पहली बार सवाई माधोपुर में किया गया है, और इसे पूरे भारत में लागू करने की योजना है. बता दें कि कवच प्रणाली ट्रेन टकराव रोधी प्रणाली (Train Collision Avoidance System) है, जिसे भारतीय रेलवे द्वारा ट्रेन संचालन को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए विकसित किया गया है.
कवच कैसे करता है काम:
यह तकनीक लोको पायलट को 10 किलोमीटर दूर का सिग्नल कैब में ही दिखा सकती है. अगर ट्रेन रेड सिग्नल के करीब होती है और पायलट ध्यान नहीं देता, तो कवच अपने आप ब्रेक लगा देगा.
आने वाले वर्षों में 10 हजार से अधिक लोकोमोटिव और 9 हजार किलोमीटर अतिरिक्त मार्गों पर कवच लगाने का लक्ष्य है, जिससे पूरा रेल नेटवर्क सुरक्षित हो जाएगा.
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#WATCH | Jaipur, Rajasthan | Amid the increasing number of train accidents across the country, Indian Railways has, for the first time, established a Rail Rakshak Dal. As part of a pilot project, Indian Railways has launched this initiative in the North Western Railway (NWR)… pic.twitter.com/s4CmvgcH7Q
— ANI (@ANI) September 24, 2024
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