Indian Railways: भारतीय रेलवे में लोकोमोटिव पर अलग-अलग प्रकार की लाइटों का इस्तेमाल किया जाता है। यह लाइटें आपको अलग-अलग रंग में देखने को मिल जाएंगी। इन लाइटों का इस्तेमाल अलग-अलग मौकों पर किया जाता है। वर्तमान में रेलवे की ओर से नए लोकोमोटिव में हेडलाइट की जगह बदल दी गई है। पहले हेडलाइट लोकोमोटिव के ऊपर होती थी, जिसे अब बीच में कर दिया गया है। वहीं, लोकोमोटिव के आगे अलग-अलग रंग की लाइटें भी होती हैं, जिनका अलग-अलग मतलब होता है। इस लेख के माध्यम से हम लाइटों के मतलब को समझेंगे।
लोकोमोटिव के आगे कितने तरह की होती हैं लाइट
लोकोमोटिव के आगे तीन तरह की लाइटें लगी रहती हैं। इन लाइटों मे पहली तरह का लाइट हेडलाइट होती हैं, वहीं बाकी दो लाइटों में से एक सफेद और एक लाल रंग का लाइट होती है। इन लाइटों को लोकोमोटिव इंडीकेटर कहा जाता है। हालांकि, पहले लोकोमोटिव की हेडलाइट के बार में जानेंगे कि आखिर क्यों हेडलाइट की जगह बदली गई है और यह कैसे चलती है।
क्यों बदला गया है हेडलाइट का स्थान
आपने कुछ पुराने लोकोमोटिव पर ध्यान दिया होगा, तो देखा होगा कि पुराने लोकोमोटिव में हेडलाइट को ऊपर की तरफ लगाया जाता था। हालांकि, अब नए लोकोमोटिव में इन हेडलाइट की जगह बदलकर बीच में कर दी गई है। इसके कारण की बात करें, तो पुराने लोकोमोटिव में लाइट ऊपर होने की वजह से लोको-पायलट को परेशानी का सामना करना पड़ता था। क्योंकि, इससे लोको-पायलट को लोकोमोटिव के शीशे पर भी रिफ्रेक्शन आता था। वहीं, बारिश के दिनों में रात के समय में बारिश की बूंदों पर लाइट पड़ने पर वह चमकती थी, जिससे लोको-पायलट को आगे देखने में परेशानी होती थी। इसके साथ ही अधिक ऊंचाई पर होने की वजह से इसकी मरम्मत में भी कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
कितने दूर तक देता है दिखाई
लोकोमोटिव की हेडलाइट 350 मीटर की दूरी तक पड़ती है। ऐसे में रात के समय लोको-पायलट को एक निश्चित दूरी तक रेलवे ट्रैक पर दिखाई पड़ता है। हेडलाइट में दो बल्ब का प्रयोग किया जाता है, जो कि Parallel कनेक्ट होते हैं। ऐसे में यदि एक बल्ब खराब हो जाए, तो दूसरे बल्ब की मदद से ट्रैक पर देखा जा सके। इसके साथ ही इन्हें 24 वोल्ट के DC करंट से चलाया जाता है।
क्या होता है लाल रंग की लाइट का मतलब
लोकोमोटिव में आगे की तरफ लाल रंग की लाइट भी लगी रहती है। जब लोकोमोटिव को शंटिंग के लिए उल्टी दिशा में चलाया जाता है, तब लाल रंग की लाइट को ऑन किया जाता है, जिससे रेलवे कर्मचारियों को पता रहे कि लोकोमोटिव शंटिंग के लिए उल्टी दिशा में जा रहा है।
क्या होता है सफेद लाइट का मतलब
लोकोमोटिव जब शंटिंग के लिए आगे की तरफ बढ़ता है, तब सफेद रंग का लाइट का इस्तेमाल किया जाता है। लोकोमोटिव के आगे लाल और सफेद रंग की दो-दो लाइटें लगी रहती हैं।
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