Indian Railways: इंटरनेट के मुकाबले काउंटर से क्यों जल्दी बुक हो जाता है Tatkal Ticket, जानें

Indian Railways:  भारतीय रेलवे में प्रतिदिन बड़ी संख्या में यात्री टिकट बुक करते हैं। इसमें से कुछ यात्री तत्काल टिकट बुक करते हैं, जिससे कम समय में ही कंफर्म टिकट मिल सके। हालांकि, कुछ देर के लिए खुलने वाली टिकट विंडो में कुछ मिनटों की देरी में ही सभी टिकट बुक हो जाती हैं। वहीं, इंटरनेट के मुकाबले काउंटर से जल्दी टिकट बुक होता है। हालांकि, ऐसा क्यों होता है, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

May 18, 2023, 19:10 IST
तत्काल टिकट बुकिंग
तत्काल टिकट बुकिंग

Indian Railways: भारतीय रेलवे प्रतिदिन 13 हजार से अधिक यात्री ट्रेनों का संचालन करता है। इन ट्रेनों के माध्यम से बड़ी संख्या में यात्री एक जगह से दूसरी जगह तक का सफर पूरा करते हैं। हालांकि, रेलवे में सफर के लिए महीनों पहले टिकट बुक करना पड़ता है, जिससे कंफर्म टिकट मिल सके। वहीं, लंबे इंतजार से बचने के लिए लोग रेलवे के तत्काल कोटे से टिकट बुक करते हैं, जिससे कम समय में ही कंफर्म टिकट मिल सके। इसके तहत एक निश्चित अवधि में टिकट को बुक करना होता है, जिसमें एसी और स्लीपर के लिए सुबह एक घंटा का मौका मिलता है। हालांकि, इस 1 घंटे के बीच बहुत तेजी से टिकट बुक हो जाती हैं। वहीं, इंटरनेट के मुकाबले काउंटर पर जल्दी टिकट बुक होता है। हालांकि, ऐसा क्यों होता है, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

एक दिन पहले बुक करें टिकट

तत्काल टिकट को यात्रा से एक दिन पहले बुक कर सकते हैं। इसके लिए इंटरनेट का प्रयोग किया जा सकता है या फिर 3,000 से अधिक कंप्यूटरराइज्ड पैसेंजर सेंटर के 10,000 से अधिक काउंटर से इसे बुक किया जा सकता है। 

 

काउंटर से क्यों जल्दी बुक होता है तत्काल टिकट

दरअसल, भारतीय रेलवे में प्रमुख रेलवे स्टेशनों दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई को ऑप्टिकल फाइबर की मदद से जोड़ा गया है, जिससे इन स्टेशनों के बीच हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी रहती है। वहीं, अन्य कनेक्शन की तुलना में यह अधिक सुरक्षित भी रहता है। ऐसे में इन स्टेशनों के बीच आने वाले सभी स्टेशनों को पैसेंजर रिर्जवेशन सेंटर से जोड़ा जाता है। इसमें स्टेशन काउंटर और टिकट वेंडिंग मशीन भी शामिल होती हैं। स्टेशन और रिजर्वेशन सेंटर के बीच डायरेक्ट लिंक होता है। ऐसे में जैसे ही टिकट काउंटर से बुक होती है, तो यह कम समय में बुक होती है। वहीं, दूसरी ओर जब रेलवे को छोड़कर दूसरी पार्टी इंटरनेट से टिकट बुक करती है, तो वेब ब्राउजर के बाद डाटा एक फायर वॉल से होकर गुजरता है। यह भारतीय रेलवे में डाटा को सुरक्षित रखने के लिए उपकरण होता है, जिससे कोई भी व्यक्ति रेलवे के सर्वर को हैक न कर सके। ऐसे में इंटरनेट से होने वाली बुकिंग के डाटा को पहले फायर वॉल की मदद से जांचा जाता है, जिसके बाद यह डाटा रेलवे को ट्रांसफर कर दिया जाता है। इस वजह से काउंटर की तुलना में इंटरनेट पर तत्काल टिकट बुक करने में देर लगती है। 

 

कितने बार बुक कर सकते हैं टिकट

भारतीय रेलवे के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपनी IRCTC की आईडी से एक महीने में अधिकतम 12 बार तत्काल टिकट बुक कर सकता है। इसे लेकर रेलवे की ओर से कुछ समय पहले ही बदलाव किया गया है। 

 

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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