क्या भारत एक गुप्त परमाणु सिटी बना रहा है?

Mar 29, 2019, 12:52 IST

अमेरिका के एक जनरल में छपी खबर के अनुसार, भारत एक गुप्त परमाणु सिटी (Secret Nuclear City) का निर्माण कर्नाटक राज्य के चित्रदुर्ग जिले के चल्लकेरे गांव में कर रहा है. अमेरिकी जनरल का दावा है कि इस गुप्त परमाणु सिटी का निर्माण 2012 में शुरू हुआ था और 2017 के अंत तक पूरा होने की संभावना थी.

Secret Nuclear city of India
Secret Nuclear city of India

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) का अनुमान है कि भारत में अभी 90 से 110 के बीच परमाणु हथियार मौजूद है, जबकि पाकिस्तान का अनुमानित भंडार 120 है. चीन के पास 260 के लगभग परमाणु हथियार मौजूद हैं.
चीन ने सफलतापूर्वक एक थर्मोन्यूक्लियर हथियार का परीक्षण किया है जिसमे दो चरणों में विस्फोट होता है इस कारण यह ज्यादा घातक माना जा रहा है. चीन ने एक स्टेज में विस्फोट करने वाले थर्मोन्यूक्लियर हथियार का परीक्षण 1967 में किया था. जैसा कि सभी को पता है कि भारत के आस-पास परमाणु हथियारों से संपन्न देश हैं इस हालत में भारत अपनी सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय अवश्य करेगा.

अमेरिका के एक जनरल में छपी खबर के अनुसार, भारत एक गुप्त परमाणु सिटी (Secret Nuclear City) का निर्माण कर्नाटक राज्य के चित्रदुर्ग जिले के चल्लाकेरे गांव में कर रहा है. अमेरिकी जनरल का दावा है कि इस गुप्त परमाणु सिटी का निर्माण 2012 में शुरू हुआ था और 2017 के अंत तक पूरा होने की संभावना थी.

chitradurgaa secret nuclear city
Image source:Oneindia Tamil

इस गुप्त सिटी को वैमानिकी परीक्षण रेंज (एटीआर) कहा जा रहा है. इसका संचालन रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया जा रहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि परमाणु वैज्ञानिक चुपके – चुपके यहां दिन- रात काम कर रहे हैं. मैगज़ीन का दावा है कि भारत इस फैसिलिटी का उपयोग थर्मोन्यूक्लियर हथियार बनाने के लिए कर रहा है.

अमेरिकी जनरल ने भारत के गुप्त परमाणु सिटी के निर्माण के बारे में खबर तब छापी जब अमेरिकी स्पेस एजेंसी “नाशा” ने सेटेलाइट इमेज के आधार पर बताया कि भारत में एक ऐसी सरंचना का निर्माण दिख रहा है जो कि देखने में किसी परमाणु संयंत्र के आकार जैसा है.    

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सेवानिवृत्त भारतीय सरकारी अधिकारियों और लंदन और वाशिंगटन में बैठे स्वतंत्र विशेषज्ञों के मुताबिक, इस सीक्रेट सिटी को बनाने के पीछे भारत का उद्येश्य समृद्ध यूरेनियम ईंधन का एक अतिरिक्त भंडार इकठ्ठा करना है, जिसका उपयोग नए हाइड्रोजन बमों में किया जा सकता है, जिन्हें थर्मोन्यूक्लियर हथियार भी कहा जाता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस परियोजना में उपमहाद्वीप के सबसे बड़े सैन्य संचालन वाले परमाणु केन्द्रों, परमाणु-अनुसंधान प्रयोगशालाओं, परमाणु हथियार और विमान-परीक्षण की सुविधाएं शामिल होंगी. इस प्रकार इस परियोजना के उद्येश्यों में; परमाणु अनुसंधान का विस्तार, भारत के परमाणु रिएक्टरों के लिए ईंधन का उत्पादन और नई पनडुब्बियों के लिए परमाणु ईंधन की आपूर्ति करना शामिल है.

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व परमाणु प्रमुख जॉन कार्लसन के मुताबिक, भारत उन तीन देशों में से एक है, जो परमाणु हथियारों के लिए छदम सामग्री तैयार करते हैं - अन्य देश पाकिस्तान और उत्तर कोरिया हैं. भारत के थर्मोन्यूक्लियर प्रोग्राम का विस्तार होने के साथ यह यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, इज़राइल, फ्रांस और चीन जैसे देशों की बराबरी कर लेगा जिनके पास थर्मोन्यूक्लियर हथियार हैं.

अंत में यह बताना जरूरी है कि भारत सरकार ने इस तरह की किसी भी गुप्त परमाणु सिटी (Secret Nuclear City) के निर्माण की बात का खंडन किया है. वास्तव में सच्चाई क्या है इसका बारे में सटीकता के साथ कुछ भी नही कहा जा सकता है.

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
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