पूर्वोत्तर भारत अब सिर्फ अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और अनोखी संस्कृति के लिए ही नहीं, बल्कि इंजीनियरिंग के चमत्कार के लिए भी जाना जाएगा। मिजोरम के बैराबी-सैरांग रेल प्रोजेक्ट पर बना भारत का सबसे ऊंचा रेल पुल अब दिल्ली के ऐतिहासिक कुतुब मीनार को भी पीछे छोड़ चुका है। यह उपलब्धि न केवल तकनीकी कौशल का उदाहरण है, बल्कि पूर्वोत्तर राज्यों को मुख्यधारा से जोड़ने का ऐतिहासिक कदम भी है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मिजोरम की पहली रेल लाइन बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन (Bairabi Sairang Line) का उद्घाटन किया और राज्य की पहली राजधानी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसके साथ ही मिजोरम की राजधानी आइजोल अब सीधे दिल्ली से रेल मार्ग द्वारा जुड़ गई है।
ट्रेन में खाली सीट ढूँढना अब हुआ आसान, किस डिब्बे में कौन-सी है खाली? जानें ऐसे
रेल टिकट बुकिंग से जुड़ी बड़ी अपडेट, इस तारीख से लागू हो रहा यह नया बदलाव
पुल की ऊंचाई बनाम कुतुब मीनार
- ब्रिज नंबर 144 (सैरांग के पास) की पिलर ऊंचाई 114 मीटर है।
- यह कुतुब मीनार (72 मीटर) से 42 मीटर ज्यादा ऊंचा है।
- अब यह भारत का सबसे ऊंचा पिलर रेलवे ब्रिज बन गया है।
प्रोजेक्ट और कनेक्टिविटी की अहमियत
- बैराबी-सैरांग लाइन मिजोरम को पहली बार भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ती है।
- कुल लंबाई 51.38 किमी और लागत लगभग ₹8,070 करोड़।
- इसमें बने हैं:
- 45 सुरंगें
- 55 बड़े पुल (रिकॉर्ड वाला पुल भी शामिल)
- 87 छोटे पुल
- कई नए रेलवे स्टेशन
- सीधे राजधानी आइजोल तक रेल पहुंचने से यात्रा आसान होगी।
मंत्री का दौरा और जनता की प्रतिक्रिया
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पुल का दौरा किया और इसका वीडियो साझा किया। पहली राजधानी एक्सप्रेस से यात्रा करने वाले यात्रियों ने पुल के नज़ारे को “अविश्वसनीय” बताया।
Another North Eastern state capital Aizawl on Indian Railways map.
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) September 13, 2025
Ka-lawm-e PM @narendramodi Ji. pic.twitter.com/tQLMbwOpMG
इंजीनियरिंग और विकास का प्रतीक
- यह प्रोजेक्ट भारत सरकार के पूर्वोत्तर में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी देने के संकल्प का हिस्सा है।
- आइजोल जुड़ने के बाद मिजोरम, पूर्वोत्तर का चौथा राज्य राजधानी बन गया जो रेलवे नेटवर्क से सीधे जुड़ा है (असम, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के बाद)।
रेल लाइन बैराबी–सैरांग रेलवे लाइन हाई लाइट्स
विशेषता | मिजोरम बैराबी-सैरांग ब्रिज | कुतुब मीनार |
ऊंचाई | 114 मीटर | 72 मीटर |
रेल प्रोजेक्ट लागत | ₹8,070 करोड़ | — |
लाइन की लंबाई | 51.38 किमी | — |
उद्घाटन | सितम्बर 2025 | 1199 ईस्वी (ऐतिहासिक) |
क्या होगा फायदा?
- परिवहन लागत घटेगी
- पर्यटन और व्यापार में तेजी आएगी
- अस्पतालों, विश्वविद्यालयों और बाजारों तक आसान पहुंच
- रोज़गार और स्थानीय विकास को बढ़ावा
यह पुल केवल लोहे और कंक्रीट की संरचना नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर की उम्मीदों और भारत की महत्वाकांक्षाओं का प्रतीक है।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation