भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन कही जाती है। इसके कुल नेटवर्क की बात करें, तो इसका 67 हजार से अधिक किलोमीटर का नेटवर्क है, जिसमें करीब 8 हजार रेलवे स्टेशन आते हैं। इन रेलवे स्टेशनों से प्रतिदिन 13 हजार से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं और इन ट्रेनों से करोड़ों यात्री सफर करते हैं।
आपने भारत में चलने वाली अलग-अलग ट्रेनों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि भारत की सबसे पुरानी ट्रेन कौन-सी है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
क्या है भारतीय रेलवे का इतिहास
भारतीय रेलवे का इतिहास 160 साल से भी अधिक पुराना है। पहली रेलवे लाइन का प्रस्ताव 1832 में मद्रास (चेन्नई) में ब्रिटिश सरकार ने रखा था।
हालांकि, इस प्रस्ताव पर विचार नहीं किया गया। इसके बाद 1837 में मद्रास के नजदीक रेड हिल्स से चिंताद्रिपेट पुल तक पहली रेलवे लाइन बिछाई गई, जिसका उपयोग ग्रेनाइट के परिवहन के लिए हुआ था। वहीं, 1845 में गोदावरी नदी पर बांध के निर्माण के लिए पत्थर की आपूर्ति के लिए डॉवलेश्वरम में और 1851 में रुड़की में सोलानी एक्वाडक्ट के निर्माण सामग्री के परिवहन के लिए अस्थायी रूप से रेलवे लाइन बिछाई गई थीं।
कब चली पहली पैसेंजर ट्रेन
भारत में पहली पैसेंजर ट्रेन का संचालन 16 अप्रैल 1853 को किया गया था। यह ट्रेन बोरीबंदर (बॉम्बे) से ठाणे के बीच 34 किलोमीटर की दूरी पर चली थी। ट्रेन में कुल 14 डिब्बे जोड़े गए थे और इन्हें साहिब, सिंध और सुल्तान नामक भाप से चलने वाले लोकोमोटिव द्वारा खींचा गया था। उस समय इस ट्रेन में कुल 400 यात्रियों ने यात्रा की थी।
कौन-सी है सबसे पुरानी ट्रेन
भारत की सबसे पुरानी ट्रेन की बात करें, तो यह हावड़ा- कालका मेल है। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल के कलकत्ता से लेकर हरियाणा के पंचकूला के कालका शहर तक चलती है।
कितनी पुरानी है ट्रेन
भारत में हावड़ा-कालका मेल बीते 158 सालों से यात्रियों की सेवा में चल रही है।
1891 में हुआ विस्तार
पहले यह ट्रेन हावड़ा से दिल्ली तक चलती थी। हालांकि, साल 1891 में इसके रूट में विस्तार किया गया और यह कालका तक पहुंची।
इस नाम से भी जानी जाती है ट्रेन
हावड़ा-कालका मेल को हम नेताजी एक्सप्रेस के नाम से भी जानते हैं, जो कि भारतीय रेलवे की प्रमुख ट्रेनों में शामिल है।
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