भारतीय क्रिकेट के उभरते युवा सितारे रिंकू सिंह की चर्चा आजकल सभी लोग करते है. इस समय रिंकू T20 क्रिकेट में भारत के एक बेहतरीन फिनिशर के रूप में उभरे है. आईपीएल से लेकर इंटरनेशनल क्रिकेट तक यूपी के इस लाल ने अपना नाम कर दिया है.
रिंकू ने अपने शानदार करियर की शुरुआत कड़ी मेहनत, अनुशासन और लगन से की है. हम में से काफी कम लोग ही उनकी इस सफलता के पीछे के संघर्षों के बारें में जानते होंगे चलिये आज हम उनके संघर्ष के दिनों से लेकर उनके क्रिकेटिंग करियर तक के सफ़र के बारें जानने की कोशिश करते है.
चारो तरफ रिंकू के ही चर्चे:
रिंकू सिंह ने सबसे पहले पिछले आईपीएल में सुर्खियां बटोरी थी जब उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ लगातार 5 छक्के लगाकर केकेआर की टीम को अप्रत्याशित जीत दिलाई थी. तब से रिंकू क्रिकेट प्रेमियों की नजरों में आ गए. उसके बाद से रिंकू ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अपने शानादर प्रदर्शन के दम पर उन्होंने भारतीय टीम में जगह बनाई. उन्होंने 2010 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था.
रिंकू के बारें में | |
पूरा नाम | रिंकू खानचंद सिंह |
जन्म | 12 अक्टूबर 1997 |
उम्र | 26 वर्ष |
जन्म स्थान | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश |
पिता का नाम | खानचंद सिंह |
किन संघर्षों से गुजरे है रिंकू:
जिन संघर्षों से रिंकू आज इस मुकाम पर पहुंचें है शायद कोई ही क्रिकेटर की ऐसी कहानी होगी क्योंकि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी जिस कारण उन्हें हर तहर की परेशानियों का समाना करना पड़ता था लेकिन उनके दृढ संकल्प के आगे सभी बाधाएं बौनी पड़ गयी.
मां का मिला साथ: रिंकू ने news 24 स्पोर्ट्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि पिता क्रिकेट खेलने से मना करते थे लेकिन मां ने उनका साथ दिया. रिंकू ने आगे बताया कि मां लोगों से पैसे उधार लेकर मेरे किट का प्रबंध करती थी.
पोछा लगाने की जॉब हुई थी ऑफर: उन्होंने बताया था कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनके पिता भाई के साथ जॉब करने के लिए कहते थे, जहां उन्हें पोछा लगाने का काम करना था. उनके पिता हमेशा उन्हें क्रिकेट छोड़ देने की बात बोलते रहते थे लेकिन रिंकू वहां कहां रुकने वाले थे.
गैस सिलिंडर की डिलीवरी करते थे पिता: रिंकू के पिता खानचंद रसोई गैस सिलिंडर की डिलीवरी का काम करते थे. बेटे के संघर्षों के बारें में उबके पिता ने बताया था कि क्रिकेट खेलने को लेकर रिंकू की पिटाई भी की थी. लेकिन पिता की मार बेटे के लिए आशीर्वाद बन गया.
टीम इंडिया में चयन के बाद रो पड़े मां-बेटे:
रिंकू सिंह ने 16 साल की उम्र में उत्तर प्रदेश के लिए लिस्ट A क्रिकेट में डेब्यू किया था. लेकिन असली कहानी अभी बाकी थी. रिंकू ने बाताया कि जब उनका सेलेक्शन टीम इंडिया में हुआ तो वह मां को वीडियो कॉल कर अपनी टीम इंडिया की 35 नंबर वाली जर्सी दिखाई जिसके बाद मां-बेटे दोनों की आंखे खुशी से भर आई.
रिंकू का क्रिकेटिंग करियर:
रिंकू का अभी तक क्रिकेट करियर काफी कमाल का रहा है. उन्होंने अभी तक अपनी बल्लेबाजी से सबको प्रभावित किया है और वह एक बेहतरीन फिनिशर के रूप में उभरे है. चलिये उनके करियर पर एक नजर डालते है-
बैटिंग करियर:
मैच | पारी | रन | उच्च स्कोर | छक्के | 100/50 | |
T20I | 11 | 7 | 248 | 68* | 13 | 0/1 |
आईपीएल | 31 | 29 | 725 | 67 | 38 | 0/4 |
क्रिकेट में रिंकू का सफ़र:
डोमेस्टिक सफर |
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आईपीएल सफ़र |
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इंटरनेशनल सफ़र |
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