शक्तिशाली तूफान गोनी (Typhoon Goni) ने पूर्वी फिलीपींस में रविवार को दस्तक दी है. टाइफून गोनी, फिलीपींस में सुपर टाइफून रोली (Super Typhoon Rolly) के रूप में जाना जाता है. यह एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात है जिसने हाल ही में एक अत्यंत शक्तिशाली श्रेणी 5 के रूप में भूस्खलन किया है.
टाइफून गोनी को 2020 का सबसे शक्तिशाली तूफान बताया जा रहा है. तूफान 'गोनी' 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ सुबह के समय कटनडुआनिस प्रांत से टकराया और बीच-बीच में इन हवाओं की गति 280 किलोमीटर प्रति घंटे भी रही. 347,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया.
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार लगभग 16 लोगों की मौत हो गई है और कुछ लापता भी बताए जा रहे हैं. बिकोल क्षेत्र में भूस्खलन हुआ जिसके कारण 300 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है.
गोनी एक उष्णकटिबंधीय अवसाद के रूप में गठित हुआ और बाद में उष्णकटिबंधीय तूफान गोनी बन गया. यह एक श्रेणी 5 के बराबर सुपर टाइफून में तेज हो गया था.
इस तरह के तूफान से क्या प्रभाव पड़ा?
PAGASA के अनुसार, तूफान से जुड़ी तेज हवाओं ने उच्च जोखिम वाले ढांचे को नुकसान पहुंचाया है और "फर्स्ट क्लास" सामग्री से बने आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों को नुकसान पहुँचा है. इसके अलावा, जबकि कुछ केले के बागानों को नुकसान हुआ है, नारियल के बागानों को व्यापक नुकसान होने की उम्मीद है. चावल और मकई के बागानों को भी गंभीर नुकसान हो सकता है.
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उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की पांच श्रेणियां
हवा की गति के आधार पर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की पांच श्रेणियां हैं.
39 से 73 मील प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर हवाओं के साथ एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात (Tropical Storm) कहलाता है. एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात जिसकी अधिकतम निरंतर हवाएं 74 मील प्रति घंटे (64 समुद्री मील) या उससे अधिक होती हैं. पश्चिमी उत्तरी प्रशांत क्षेत्र में, तूफान को टाइफून कहा जाता है; हिंद महासागर और दक्षिण प्रशांत महासागर में इसी तरह के तूफान को चक्रवात (Cyclone) कहा जाता है.
हरिकेन (Hurricanes), टाइफून (Typhoons) और चक्रवात (Cyclones) में क्या अंतर होता है?
वे सभी एक ही चीज हैं यानि उष्णकटिबंधीय चक्रवात. लेकिन इन्हें अलग-अलग स्थानों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है.
जब चक्रवात उत्तरी अटलांटिक महासागर और पूर्वोत्तर प्रशांत महासागर में उत्पन्न होते हैं तो इन्हें हरिकेन (Hurricanes) के नाम से जाना जाता है.
जब चक्रवात उत्तर पश्चिमी प्रशांत महासागर में उत्पन्न होते हैं तो इन्हें टाइफून (Typhoon) के रूप में जाना जाता है.
इन्हें चक्रवात (Cyclone) दक्षिण प्रशांत और हिंद महासागर में कहा जाता है. इस प्रकार की वायुमंडलीय गतिविधियों के लिए ये सही शब्द है.
चक्रवातों की उत्पत्ति कैसे होती है?
जब वायु उष्ण सागरीय जल के संपर्क में आती है तो वायु गर्म होकर तीव्रता से ऊपर उठती है. उपर उठने पर जैसे ही वायु ठंडी होती है तो इसे सागरीय सतह से उपर उठने वाली गर्म हवा द्वारा दूसरी ओर धकेल दिया जाता है. इस प्रक्रिया के कारण हवाएं तीव्र बनती हैं. और सागर के ऊपर निर्मित उष्णकटिबंधीय चक्रवात से विशाल लहरें उत्पन्न हो जाती हैं. जब ये लहरें भूमि पर पहुँचती हैं, जो तटीय क्षेत्रों में भयावह बाढ़ का कारण बन जाती है. ऐसा कहा जाता है कि स्थल पर इन तीव्र हवाओं के कारण काफी ज्यादा क्षति हो सकती है. तटीय क्षेत्रों में, ये हवाएं मकानों, पेड़ों व वाहनों को अपने साथ उड़ा भी सकती हैं.
अंत में चक्रवात के विभिन्न भागों के बारे में जानते हैं.
आंख (Eye): यह तूफान के केंद्र में एक शांत क्षेत्र होता है और इसे तूफ़ान की ‘आंख’ कहा जाता है. इस क्षेत्र में हल्की हवाएं बहती हैं और आसमान में हलके बादल छाए रहते हैं. परन्तु कभी-कभी आसमान बिल्कुल साफ भी होता है.
आँख की परिधि (Eye wall): यह तूफ़ान की आँख के चारो ओर होता है जहां पर बहुत तेज़ हवाएं चलती हैं. ये तूफ़ान ‘आँख के चारो ओर वृताकार पथ में घूमते है और यहाँ पर तेज हवाओं के साथ मूसलाधार वर्षा भी होती है.
रेन बैंड्स (Rain bands): हरिकेन की आँख की परिधि से बाहर की ओर दूर तक एक वर्षा कटिबंधो तथा बादलों का विस्तार होता है जो कि गरज के साथ भारी वर्षा भी लाती है तथा कभी-कभी टोरनाडो भी निर्मित हो जाते हैं.
विश्व में चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं?
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