उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए, छह जिलों में विशेष शिक्षा जोन (SEZ) स्थापित करने की घोषणा की है. बता दें कि प्रदेश को अगले पांच वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य के साथ शिक्षा और कौशल विकास को प्राथमिकता दी जा रही है.
सरकार के इस कदम से राज्य में शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा. हाल ही में सरकार ने उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति-2024 को भी मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य खासकर पिछड़े क्षेत्रों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना है.
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किन जिलों में की जाएगी स्थापना:
इस दिशा में सरकार ने लखनऊ, गोरखपुर, अयोध्या, आगरा, गौतम बुद्ध नगर और बुंदेलखंड में SEZ स्थापित करने का निर्णय लिया है. ये SEZ विभिन्न स्तरों पर, प्री-प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय तक, शैक्षिक संस्थानों का एक केंद्र बनेंगे.
पहला SEZ मॉडल लखनऊ में:
लखनऊ में स्थापित होने वाला पहला विशेष शिक्षा जोन (SEZ) उत्तर प्रदेश का एक मॉडल SEZ होगा, जो राज्य के शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में एक नई पहल की शुरुआत करेगा. यह SEZ लखनऊ के मोहन रोड पर 785 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाएगा. इसमें से 103 एकड़ पर पहले से विकास कार्य शुरू हो चुका है, और इसके लिए एक अभिरुचि प्रस्ताव (EOI) भी जारी किया गया है.
विशेष शिक्षा जोन (SEZ) की खासियत:
शिक्षा और कौशल का एकीकृत केंद्र: SEZ में शिक्षा के सभी स्तरों के संस्थानों की सुविधा होगी, जिसमें प्री-प्राइमरी से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के शिक्षण संस्थान शामिल होंगे.
कौशल विकास और रोजगार केंद्रित शिक्षा: SEZ में कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जाएगा ताकि छात्र न केवल शैक्षणिक ज्ञान बल्कि अपनी स्किल्स को भी बढ़ा सके.
शोध और नवाचार: SEZ में अनुसंधान और नवाचार को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे नई खोजों और तकनीकी विकास को बढ़ावा मिलेगा. इससे न केवल शिक्षा में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न होंगे.
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