उबासी/जम्हाई आने के पीछे वैज्ञानिक कारण

Jan 11, 2018, 10:16 IST

उबासी लेना एक बहुत ही आम प्रक्रिया है. यह हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा है. इसे हर कोई यहां तक की जानवर भी लेते है. अधिकतर उबासी तब आती है जब हम सोने जाते हैं या जब सोकर उठते है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि हमें उबासी क्यों आती है, इसके पीछे क्या कोई वैज्ञानिक कारण है या फिर यह एक प्राकृतिक घटना है.

उबासी लेना सभी की रोज़मर्रा ज़िन्दगी का हिस्सा है. हम सब के साथ जानवर भी उबासी लेते हैं. यह एक आम और अनियंत्रित प्रक्रिया है. उबासी लेना सबके लिए एक समान नहीं होता है. कोई इसे ज्यादा लेता है तो कोई कम. अधिकतर इन परिस्थितियों में हम सब उबासी लेते है: जब हम सोने जाते है या सोकर उठते है, या फिर किसी काम से ऊब गए हो आदि. यहाँ तक कि अल्ट्रासाउण्ड निरीक्षण के दौरान 20 सप्ताह के शिशुओं की गर्भ में उबासियाँ रिकॉर्ड की गई हैं.लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि उबासी लेने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है भी या नहीं. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते है कि उबासी आने के पीछे क्या-क्या वैज्ञानिक कारण होते हैं.

Scientific reasons behind yawning
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हमारे शरीर में, उबासी लेना एक समन्वित प्रवृत्ति है: छाती में यह मांसपेशियों द्वारा, गले में कंठनली (larynx) और मुंह में तालु (palate) से होती है. उबासी एक अर्द्ध-स्वैच्छिक (semi-voluntary) और आंशिक रूप से अनैच्छिक (reflex) क्रिया है जो कि मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitter) द्वारा नियंत्रित होती है. यह मूल रूप से न्यूरोपैप्टाइड (neuropeptide) प्रोटीन, न्यूरोट्रांसमीटर और कुछ हार्मोन से जुड़ी हुई प्रक्रिया है.
उबासी लेने के पीछे वैज्ञानिक कारण
- उबासी के बारे में कई सिद्धांत दिए गए हैं, लेकिन चिकित्सा के पिता (father of medicine) हिप्पोक्रेट्स (Hippocrates) ने सबसे पहले सिद्धांत दिया और बताया कि यह फेफड़ों से दूषित हवा को हटाने का एक तरीका है. ऐसा कहा जा सकता है कि उबासी लेना श्वसन प्रणाली (Respiratory System) का ही एक कार्य है.
- लेकिन कुछ अन्य सिद्धांतों के अनुसार उबासी लेने से रक्तचाप में वृद्धि, हृदय की गति नियंत्रित, रक्त में ऑक्सीजन में वृद्धि होती है, जिससे शरीर का मोटर फंक्शन और सतर्कता में सुधार होता है.
- कुछ शोधकर्ताओं का कहना है कि उबासी हो सकता है कि मस्तिष्क के तापमान से जुड़ी हो. मतलब जब मस्तिष्क थक जाता है या फिर गरम हो जाता है तो उसको स्थिर या सामान्य बनाने के लिए उबासी ली जाती  हो. इसके अलावा उबासी लेने के बाद शरीर से ठंडा रक्त मस्तिष्क में भरता है और गर्म रक्त गले की नस के माध्यम से बाहर आता है.

Yawning is related with brain
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डॉ.एंड्रयू गैलप (Dr. Andrew Gallup) और ओमर टोन्सी ईल्डकर (Omar Tonsi Eldakar) (2011) के अनुसार, बाहरी तापमान भी उबासी को प्रभावित कर सकता है. यदि बाहरी तापमान सामान्य से अधिक गर्म होता है, तो जीव उबासी कम लेता है.
उबासी लेना संक्रामक (contagious) भी हो सकता है. इसको लेकर कुछ सामाजिक और विकास पर आधारित जैविक विवरण दिए गए हैं. उबासी हमारे 24 घंटे के चक्र से संबंधित जैविक गतिविधि से भी जुड़ा हुआ है, जो सोने और जागने का संकेत देता है. संक्रामक उबासी तब भी आती है जब हम किसी को उबासी करते देखते है या फिर किसी अन्य व्यक्ति के बारे में सोच रहें हो. लगभग 42 से 55% मानव को किसी अन्य व्यक्ति को देख कर या फिर बार-बार कोई वीडियो में उबासी देखने से भी आती है.
हम यह भी कह सकते हैं कि जब हम बोर हो रहे हो या थके हुए हो, तब  हम आमतौर पर उतना गहरा श्वास नहीं ले पाते है जितना सामान्य तौर पर लेते है. इसका मतलब हमारा शरीर, श्वास धीमी लेने के कारण कम ऑक्सीजन ले पता है. इसलिए, उबासी लेने से रक्त में ऑक्सीजन बढ़ती है और कार्बन डाइऑक्साइड को रक्त से बाहर निकालने में मदद मिलती है.
जब हम उबासी लेते हैं तो हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पढ़ता है?
जब हम उबासी लेते हैं तो शरीर के कई अंग तेज़ी से काम करने लगते हैं. सबसे पहले, मुंह खुलता है और जितना संभव हो हवा शरीर में जा पाती है. जब हम श्वास लेते हैं, वायु फेफड़ों में भर जाती है, पेट की मांसपेशियों पर प्रेशर पढ़ता है और डायाफ्राम (diaphragm) नीचे की और चली जाती है. जिसके कारण फेफड़ों का विस्तार होता है, इसकी क्षमता बढ़ जाती है और श्वसन प्रणाली सही से काम कर पाती है.

उपरोक्त लेने से ज्ञात होता है कि उबासी को लेकर कई वैज्ञानिकों ने अलग-अलग सिद्धांत दिए है कि उबासी क्यों आती है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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