स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) की रिपोर्ट के मुताबिक 2012-16 के दौरान दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार भारत ने आयात किये जो कि ग्लोबल आर्म्स ट्रेड का 13% था l वर्ष 2007-2011 की तुलना में 2012-2016 के दौरान हथियार खरीद में 43% की बृद्धि हुई l भारत मुख्य रूप से रूस अमेरिका, यूरोप, इजरायल और दक्षिण कोरिया से आयात करता है l भारत के बाद दूसरा सबसे बाद आयातक था सऊदी अरब l
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भारत के किस राज्य में सबसे अधिक लाइसेंसी हथियार हैं?
ग्लोबल GDP का कितना सैन्य खर्च के रूप में होता है ?
2016 में सैन्य वैश्विक खर्च 108 लाख करोड़ रुपये रहा जो कि 2015से 0.4 फीसदी ज्यादा रहा l यह रकम ग्लोबल GDP का 2.2% है सालाना खर्च का सर्वाधिक आंकड़ा 2011 का है तब 109 लाख करोड़ रुपये इकट्ठे हुए थे l
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सबसे ज्यादा सैन्य खर्च (रुपये में)किस देश का है ?
देश | खर्च (2016) लाख करोड़ रुपये में | बृद्धि |
1. अमेरिका | 39.10 | 1.7% |
2. चीन | 13.76 | 5.4% |
3. रूस | 4.43 | 5.9% |
4. सऊदी अरब | 4.07 | - (30%) |
5. भारत | 3.58 | 8.5% |
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विश्व में सबसे बड़े निर्यातक देश कौन से हैं ?
इस सारिणी के माध्यम से देखने पर पता चलता है कि अमेरिका विश्व में सबसे ज्यादा अधिकार बेचने वाला देश है जबकि रूस का स्थान दूसरा हैl
देश | निर्यात में हिस्सा |
1. अमेरिका | 33% |
2. रूस | 23% |
3. चीन | 6.2% |
4. फ़्रांस | 6.0% |
5. जर्मनी | 5.6% |
अगर सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में देखा जाये तो ओमान अपनी कुल GDP का 16.7% हिस्सा सैन्य खर्च पर करता है जबकि दूसरा स्थान सऊदी अरब का हैl आइये अब विश्व के प्रमुख देशों पर नजर डालते हैं:
देश | रैंक | मिलिट्री खर्च (GDP %के रूप में) |
1. ओमान | 1 | 16.7 |
2. सऊदी अरेबिया | 2 | 10.4 |
3. कांगो | 3 | 7.0 |
4. अल्जीरिया | 4 | 6.7 |
5. कुवैत | 5 | 6.5 |
6. इजराइल | 6 | 5.8 |
7.रूस | 7 | 5.3 |
8. ईरान | 8 | 4.8 |
9. बहरीन | 9 | 4.8 |
10.जॉर्डन | 10 | 4.5 |
11. पाकिस्तान | 22 | 3.4 |
12.अमेरिका | 23 | 3.3 |
13. दक्षिण कोरिया | 29 | 2.7 |
14. इंडिया | 33 | 2.5 |
15.चीन | 49 | 1.9 |
16.ग्रेट ब्रिटन | 54 | 1.9 |
यहाँ पर यह बात बताना जरूरी है कि भारत अपनी कुल GDP का केवल 1.8% ही स्वास्थ्य क्षेत्र पर खर्च करता है लेकिन रक्षा क्षेत्र पर 2.5% खर्च करता है l यह देश का दुर्भाग्य ही माना जायेगा कि देश के लोगों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य की जरुरत है लेकिन रुपये की कमी के कारण ऐसा नही हो पा रहा है l सरकार को चाहिए कि अपने पडोसी देशों से शांति के रिश्ते कायम करे ताकि रक्षा बजट को कम करके शिक्षा और स्वास्थ्य का बजट बढाया जा सके l
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