उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला है गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली, जानें

उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि पूरे भारत का 7.33 फीसदी हिस्सा है। इसके साथ ही यह सबसे अधिक जिले वाला राज्य भी है। प्रदेश भगवान श्रीराम की जन्मस्थली भी है। इसके साथ ही यह रामचरितमानस लिखने वाले गोस्वामी तुलसीदास की भी जन्मस्थली है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला तुलसीदास की जन्मस्थली है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Mar 9, 2024, 09:00 IST
तुलसीदास की जन्मस्थली
तुलसीदास की जन्मस्थली

उत्तर प्रदेश सरस-संस्कृति, विविधता, अनूठी परंपराओं और समृद्ध इतिहास वाला राज्य है। यही वजह है कि हर साल यहां बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी पर्यटन के लिए पहुंचते हैं। भारत का यह राज्य देश का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जिसका कुल क्षेत्रफल 240,928 वर्ग किलोमीटर है, जो कि पूरे भारत का 7.33 फीसदी है।

वहीं, भगवान श्रीराम की जन्मस्थली यानि कि अयोध्या भी उत्तर प्रदेश में ही है। श्रीराम के जीवन का वर्णन करने वाली रामचरितमानस गोस्वामी तुलसीदास द्वारा अवधी भाषा में लिखी गई है। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला तुलसीदास की जन्मस्थली है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

 

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सबसे अधिक जिले वाला राज्य

उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक जिले वाला राज्य है। यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। इसके साथ ही यहां 822 सामुदायिक विकास खंड, 17 नगर निगम और 437 नगर पंचायत हैं। प्रदेश का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी है, जो कि 7680 वर्ग किलमीटर में फैला हुआ है। वहीं, सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। प्रदेश का सबसे पूर्वी जिला बलिया, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर, सबसे पश्चिमी जिला शामली और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है। 

कौन-सा जिला है तुलसीदास की जन्मस्थली

अब सवाल है कि उत्तर प्रदेश का कौन-सा जिला गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली है, तो आपको बता दें कि प्रदेश के चित्रकूट जिले का राजापुर गांव तुलसीदास की जन्मस्थली है। हाल ही मे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस स्थल को विकसित करने की घोषणा की गई है, जिससे आने वाले समय में लोग यहां पहुंचकर अपनी श्रद्धा अर्पित कर सके। 

 

16वीं शताब्दी में लिखी थी रामचरितमानस

गोवस्वामी तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में रामचरितमानस को अवधी भाषा में लिखा था। इस रामायण को हम तुलसी रामायण के नाम से भी जानते हैं। 

 

तुलसीदास का परिचय

गोस्वामी तुलसीदास का जन्म 1511 में चित्रकूट में हुआ था, जो कि हिंदी साहित्य के महान भक्त कवि थे। 1589 विक्रमी में तुलसीदास का विवाह बदरिया की विदुषी रत्नावली से हुआ, जिसके बाद इन्हें तारक नाम का एक पुत्र भी प्राप्त हुआ। हालांकि, वह अधिक समय तक जीवित नहीं रहा। तुलसीदास ने रामचरितमानस को लिखने के साथ-साथ ब्रज भाषा में विनय पत्रिका को भी लिखा। उन्होंने अपना अंतिम समय वाराणसी में असीघाट पर बिताया और 1623 में उनकी मृत्यु हो गई। 

Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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