शहीद दिवस पर महात्मा गांधी को क्यों याद किया जाता है?

Jan 30, 2019, 13:09 IST

भारत में शहीद दिवस या सर्वोदया दिवस उन लोगों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है जिन्होंने भारत की आजादी के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया है. भारत में शहीद दिवस को 30 जनवरी, 23 मार्च इत्यादि विभिन्न दिनों में मनाया जाता है. महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. क्या आप जानते हैं कि 30 जनवरी के दिन महात्मा गांधी को शहीद दिवस पर याद क्यों किया जाता है. भारत में 30 जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है, शहीद दिवस कैसे मनाया जाता है इत्यादि. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.

शहीद दिवस के मौके पर हम देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को याद करते हैं. साथ ही हम उन महान पुरुषों को भी याद करते हैं जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए अपना बलिदान दिया.

भारत में शहीद दिवस अलग-अलग दिनों में मनाते हैं, लेकिन मुख्य रूप से देश में 2 शहीद दिवस को ही ज्यादा जाना जाता है.

सबसे पहला शहीद दिवस जिसे सर्वोदय दिवस भी कहते हैं, 30 जनवरी को पूरे भारत में मनाया जाता है, जबकि दूसरा शहीद दिवस 23 मार्च को मनाया जाता है. दोनों की अलग-अलग वजहें हैं, लेकिन 30 जनवरी वाले शहीद दिवस को महात्मा गांधी के साथ-साथ उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है, जो देश की आजादी के लिए लड़े और अपने प्राणों की बलि दे दी. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं कि शहीद दिवस पर महात्मा गांधी जी को क्यों याद किया जाता है?

“खुद वो बदलाव बनो जो दुनिया में देखना चाहते हो”. - महात्मा गांधी

महात्मा गांधी के बारे में


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गांधीजी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 पोरबंदर, गुजरात, भारत में हुआ था और उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था. उनकी 13 साल की उम्र में शादी हो गई थी और अपनी पढ़ाई के लिए वह इंग्लैंड तक गए थे.

गांधीजी गोपाल कृष्ण गोखले के अनुरोध पर जनवरी 1915 में साउथ अफ्रीका से भारत लौटे थे.

गांधीजी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनीतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे. राजनीतिक और सामाजिक प्रगति की प्राप्ति हेतु अपने अहिंसक विरोध के सिद्धांत के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति भी प्राप्त हुई. विश्व स्थर पर महात्मा गांधी सिर्फ एक नाम ही नहीं अपितु शान्ति और अहिंसा का प्रतीक हैं.

इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि वह अपने अनुयायियों द्वारा राष्ट्रपिता के रूप में लोकप्रिय हुए और उन्हें बापू जी के नाम से भी जाना जाता है.

कई नेताओं के साथ हजारों लोगों ने उनका समर्थन किया और उनके नक्शेकदम पर चले. उन्होंने खेड़ा में अहिंसक कर विद्रोह, 1920 के दशक के प्रारंभ में असहयोग आंदोलन और 1930 में प्रसिद्ध दांडी मार्च का नेतृत्व किया और अन्य आंदोलन किए और उनके अहम प्रयासों से भारत को 1947 में आजादी प्राप्त हुई.

महात्मा गांधी की हत्या कैसे हुई?


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30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली के बिड़ला भवन में राष्ट्रपिता गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. वे यहां रोज शाम को प्रार्थना किया करते थे. 30 जनवरी 1948 की शाम को जब वे संध्याकालीन प्रार्थना के लिए जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे उनके पैर छूने के बहाने से नीचे झुका और फिर सामने से उन पर पिस्तौल से तीन गोलियां दाग दी थीं.

उस समय गांधीजी अपने अनुचरों से घिरे हुए थे. गोडसे ने बापू की हत्या प्रार्थना सभा में शामिल होने से पहले ही कर दी थी. हत्या के बाद गोडसे को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया जिसमें 8 नवंबर 1949 को उनका परीक्षण पंजाब उच्च न्यायालय में किया गया था और फिर 15 नवंबर 1949 को नाथूराम गोडसे को अंबाला जेल में फांसी दे दी गई.

इसलिए हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी जी को याद किया जाता है. इस दिन विशेष श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन होता है. साथ ही आपको बता दें कि हर साल इस दिन राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना के प्रमुख राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं.

सेना के जवान भी उनके सम्मान में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए अपने हथियार को नीचे झुकाते हैं और पूरे देश में गांधी जी के समेत अन्य शहीदों को भी याद कर दो मिनट का मौन रखा जाता है. कई स्कूलों में इस दिन कार्यक्रम होते हैं जिसमें छात्र देशभक्ति के गीतों को व नाटकों का प्रदर्शन करते हैं.

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23 मार्च: इस दिन को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दे दी गई थी.

17 नवंबर – लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि को मनाने के लिए उड़ीसा में शहीद दिवस मनाया जाता है.

19 नवंबर – मध्यप्रदेश के झांसी में रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिवस 19 नवंबर को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है. ये उन लोगों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है, जिन्होंने 1857 की क्रांति में अपने प्राणों की बलि दी थी.

इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि “जिन लोगों ने वास्तव में इतिहास बनाया है, वे शहीद हैं!”

तो अब आप जान गए होंगे कि 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्थर पर शहीद दिवस महात्मा गांधी की याद में उनको और अन्य शहीदों को श्रदांजली देने के लिए देश भर में मनाया जाता है.

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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