विश्व रक्तदाता दिवस 2017: इतिहास, थीम और स्लोगन

Jun 14, 2017, 12:00 IST

विश्व रक्तदान दिवस पूरे विश्व में 14 जून को मनाया जाता है. इसकी शुरूआत 14 जून 2004 को "विश्व स्वास्थ्य संगठन, रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट सोसाइटी के अंतर्राष्ट्रीय संघ" द्वारा की गई थी. इस क मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के सभी देशों के रक्तदाताओं को धन्यवाद देना, उन्हें स्वैच्छिक, सुरक्षित और अवैतनिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए और पर्याप्त रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करना था. इस लेख में बताया गया हैं कि कौन-कौन रक्त दान कर सकता हैं और यह कार्यक्रम कैसे मनाया गया.

विश्व रक्तदान दिवस पूरे विश्व में 14 जून को मनाया जाता है. इसकी शुरूआत 14 जून 2004 को "विश्व स्वास्थ्य संगठन, रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट सोसाइटी के अंतर्राष्ट्रीय संघ" द्वारा की गई थी. 14 जून 1868 को जन्मे महान वैज्ञानिक एवं  ABO रक्त समूह की खोज के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टेनर के जन्मदिन के अवसर पर विश्व रक्तदान दिवस मनाया जाता है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों की आवश्यकता के बारे में लोगों की जागरूकता को बढ़ाना और दान के रूप में जीवन-रक्षक रक्त देने हेतु रक्तदाताओं को धन्यवाद देना है.

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Source: www.google.co.in
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मई, 2005 में 58वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में अपने सभी 192 सदस्य देशों में आधिकारिक तौर विश्व रक्तदान दिवस मनाने की घोषणा की गई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस कदम का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर के सभी देशों के रक्तदाताओं को धन्यवाद देना, उन्हें स्वैच्छिक, सुरक्षित और अवैतनिक रक्तदान को बढ़ावा देने के लिए और पर्याप्त रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित करना था.
लेकिन जैसे-जैसे रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है, वैसे ही रक्त आधान की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है और इस कारण से भारत सरकार को रक्त की आपूर्ति करने में परेशानी हो रही है. कैंसर के निवारण के लिए कीमोथेरेपी जैसे कुछ उपचारों में, रोगियों को दैनिक रक्त की आवश्यकता होती है. कार दुर्घटना में घायल रोगियों को भी 100 यूनिट रक्त की आवश्यकता हो सकती है, इसके अतिरिक्त, रक्त का निर्माण नहीं किया जा सकता है, अतः रक्त की आपूर्ति का एकमात्र स्रोत रक्तदान ही है.

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रक्त दान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए

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1. सबसे पहले रक्तदान पूरी तरह सुरक्षित है, जो करना चाहे आसानी से कर सकता है : प्रत्येक दाता के लिए नया और जीवाणुरहित उपकरण का उपयोग किया जाता है जब वह रक्त दान करता है, इसलिए रक्तदान के बाद कोई भी संचारी रोग या संक्रमण होना असंभव है। इसके अलावा, रक्त के दान के बाद किसी प्रकार की  कमजोरी या चक्कर नहीं आते है क्योंकि रक्त आपके शरीर के वजन का केवल 7% है.
2. आप पूरे रक्त या इसके विशिष्ट घटकों को दान कर सकते हैं : क्या आप जानते हैं कि रक्त में चार प्रकार के घटक होते हैं, लाल कोशिकाएं (red cells), प्लेटलेट्स (platelets), प्लाज्मा (plasma) और क्रायोप्रेसिपिटेट  (cryoprecipitate). इनमें से प्रत्येक, cryoprecipitate को छोड़कर रक्त दान की हर एक इकाई से प्राप्त किया जा सकता है. मरीजों को केवल खून के एक विशिष्ट घटक की आवश्यकता होती है, आप एक घटक या फिर पूरा रक्त दान कर सकते हैं. रक्त के घटकों कि दान देने की प्रक्रिया को अफेरेसिस (apheresis) कहते है.
3. सिर्फ O-ve एक अलग प्रकार का रक्त हैं : O-ve रक्त को सर्वदाता कहते है, यह आपातकालीन स्थितियों में अत्यंत सहायक होता हैं क्योंकि इस रक्त की लाल कोशिकाओं में प्रोटीन नहीं होता हैं जिस कारण से यह रक्त किसी को भी दान दिया जा सकता है. लेकिन विश्व जनसंख्या का केवल 6.6% रक्त इस प्रकार का है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिशानिर्देशों के अनुसार कुछ महत्वपूर्ण मापदंड हैं जो निर्धारित करते हैं कि कैन रक्त दान करने योग्य हैं और कौन नहीं.
- न्यूनतम निर्धारित वजन 50 किलोग्राम और 18-60 साल की उम्र में रक्त दान करना चाहिए.
- आपके शरीर का सामान्य तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं होना चाहिए.
- व्यक्ति को संक्रामक बीमारियाँ जैसे कि एचआईवी या कैंसर, मधुमेह, अस्थमा, रेबीज़ आदि नहीं होनी चाहिए.
- रक्त दान के लिए न्यूनतम निर्धारित स्तर 12.5 ग्राम / डीएल है.
- पल्स रेट 50 से 100 के बीच होना चाहिए.
- डायस्टोलिक BP 50-100 mm Hg और सिस्टोलिक BP 100-180 mm Hg के बीच होना चाहिए.
रक्तदाता को एक और महत्वपूर्ण बात का ध्यान देना होता हैं कि रक्तदान करने से पहले रक्तदाता को कम से कम 8 सप्ताह तक वजन करना पड़ता है. क्योंकि शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की पर्याप्त गुणवत्ता का पुनरुत्पादन करने के लिए लंबा समय लगता है. हालांकि, प्लाज्मा केवल कुछ घंटों के अंतराल के भीतर ही निर्मित हो जाता है. इसीलिए जो प्लेटलेट्स दान करते हैं वे 7 दिनों के बाद फिर से दान कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, यदि आप लाल रक्त कोशिकाओं को दान कर रहे हैं, तो आप 16 सप्ताह के बाद फिर से दान कर सकते हैं.

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विश्व रक्तदाता दिवस 2017  slogan : What can you do? Give blood. Give now. Give often
2017 में विश्व रक्तदान दिवस से संबंधित कार्यक्रमों का मेजबान देश - वियतनाम
विश्व रक्तदान दिवस 2017 से संबंधित वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी का अवसर वियतनाम की "हेमेटोलॉजी और रक्त संक्रमण से संबंधित राष्ट्रीय संस्थान (NIHBT)" को दिया गया है. अतः वैश्विक कार्यक्रमों का आयोजन वियतनाम की राजधानी हनोई में 14 जून 2017 को किया जाएगा.
इस लेख से यह जानकारी मिलती हैं कि विश्व रक्तदान दिवस क्यों मनाया जाता हैं, कौन-कौन रक्त दान कर सकता हैं, विश्व रक्तदान दिवस 2017 का स्लोगन क्या हैं और इससे संबंधित कार्यक्रमों का मेजबान देश कौन हैं.

रक्त : संरचना और कार्य

Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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