अफगानिस्तान में खनिज भंडार
अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किए गये एक अध्ययन के अनुसार अफगानिस्तान की धरती के गर्भ में लगभग 1 खरब अमेरिकी डॉलर मूल्य के खनिज पदार्थ छुपे हुए हैं। लंबे समय से अफगानिस्तान युद्ध व तबाही की बिभीषिका को झेल रहा है और इस खजाने की सहायता से वह दुनिया के धनी देशों में शुमार हो सकता है। यह प्रारंभिक सर्वेक्षण अमेरिकी भूगर्भ विभाग ने किया है।
सर्वेक्षण के अनुसार अफगानिस्तान की धरती अपने गर्भ में लीथियम, आयरन, सोना, नियोबियम, कोबाल्ट और अन्य खनिज पदार्थ छिपाये हुए है। अफगानिस्तान के लीथियम के भंडार तो बोलीविया के भंडार के बराबर हैं। बोलीविया में दुनिया के सबसे बड़े लीथियम भंडार उपलब्ध हैं। वर्तमान वैज्ञानिक युग में लीथियम की काफी ज्यादा मांग है और यह धातु काफी महंगी भी है। लीथियम का इस्तेमाल मोबाइल फोन, कैमरे, आई-पैड और लैपटॉप की बैटरियों के निर्माण में किया जाता है। आने वाले समय में जब हाइब्रिड व इलेक्ट्रिक कारों का निर्माण बढ़ जाएगा तो लीथियम की मांग और भी बढ़ जाएगी। विश्लेषकों का तो यहां तक कहना है कि लीथियम के मामले में अफगानिस्तान लीथियम का सऊदी अरब बन सकता है।
इतना ही नहीं अफगानिस्तान में आयरन व कॉपर के भी काफी बड़े भंडार हैं जो इस देश को इन दो धातुओं के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश बना सकते हैं।
भारत को मिल सकता है फायदा
अफगानिस्तान में भारत समर्थक करजई सरकार का शासन है। आयरन अयस्क के उत्खनन के लिए जिन 7 फर्र्मों को शॉर्टलिस्ट किया गया है उनमें पांच भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार वहां आयरन के कुल भंडार लगभग 5 से 6 अरब टन हैं।
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