अमेरिका-रूस स्टार्ट संधि
परमाणु हथियारों के जखीरे में कटौती के लिए अमेरिका व रूस के मध्य स्टार्ट संधि (स्टे्रटेजिक आम्र्स रिडक्शन ट्रीटी) 5 दिसंबर, 2009 को ही समाप्त हो गई थी। 8 अप्रैल, 2010 को स्टार्ट प्रथम के स्थान पर नई स्टार्ट संधि पर अमेरिका व रूस के बीच चेक गणराज्य की राजधानी प्राग में हस्ताक्षर किये गये। अमेरिकी की ओर से राष्ट्रपति बराक ओबामा व रूस की ओर से वहां के राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने हस्ताक्षर किए। मूलरूप से यह संधि दस वर्र्षों के लिए प्रभावी होगी, जबकि इसका कार्यकाल 5 वर्र्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा।
क्या है इस संधि में?
नई स्टार्ट संधि में दोनों देशों में सात वर्र्षों में अपने परमाणु हथियारों की संख्या में एक-तिहाई तक कटौती करने तथा उन्हें ले जाने वाली पनडुब्बियों, मिसाइलों व बमवर्षकों की संख्या में आधी से अधिक कटौती करने के लिए समझौता किया गया है। साथ ही ऑपरेशन डिप्लॉयड न्यूक्लियर वारहैड्स की संख्या को घटाकर 1550 तक सीमित करने के मुद्दे पर भी दोनों पक्ष राजी हो गए।
संधि पर हस्ताक्षर के पश्चात अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने परमाणु नि:शस्त्रीकरण के लक्ष्य की ओर प्रतिबद्वता व्यक्त की।
किसके पास कितने परमाणु हथियार
वर्तमान समय में संयुक्त राज्य अमेरिका के पास 3696 व रूस के पास 4237 डिप्लॉयड परमाणु हथियार हैं। अमेरिका के पास कुल 10,000 परमाणु हथियार हैं। हालांकि रूस के बारे में पूरी निश्चितता से कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। फिर भी एक अनुमान के अनुसार रूस के पास लगभग 15000-17000 परमाणु हथियारों का जखीरा है।
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