अरावली, जिसका शाब्दिक अर्थ है-‘शिखरों की पंक्ति’, भारत के पश्चिमोत्तर भाग में स्थित वलित पर्वतमाला है,जोकि उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में लगभग 1100 किमी. की लंबाई में विस्तृत है| माउंट आबू में स्थित ‘गुरुशिखर’ इसकी सर्वोच्च चोटी है| यह पर्वतमाला भारत में जल विभाजक की भूमिका निभाती है और इस पर्वतमाला से बनास, लूनी, सखी व साबरमती नदियां निकलती हैं|
अरावली पर्वतमाला की विशेषताएँ
• अरावली पर्वतमाला विश्व के सर्वाधिक प्राचीन वलित पर्वतों में से एक है, इसीलिए वर्तमान में यह पर्वतमाला अवशिष्ट पर्वत के रूप में ही बची हुई है|
• प्राकृतिक संसाधनों की दृष्टि से सम्पन्न इस पर्वतमाला का विस्तार दिल्ली से लेकर गुजरात राज्य तक है|
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• यह क्षेत्र भारत में में वृहद जल विभाजक का अंग है, जो भारत में गंगा व यमुना की सहायक नदियों और पूर्वी राजस्थान की नदियों के प्रवाह क्षेत्र को अलग करता है|
• राजस्थान में दक्षिण पश्चिम मानसून के दौरान कम वर्षा होने का एक कारण भी अरावली पर्वतमाला है, क्योंकि यह पर्वतमाला मानसूनी हवाओं के समानान्तर स्थित होने के कारण वर्षा करने में सहायक साबित नहीं होती है|
• अरावली पर्वतमाला अपेक्षाकृत आर्द्र पूर्वी राजस्थान व मरुस्थलीय और शुष्क पश्चिमी राजस्थान को प्राकृतिक रूप से विभाजित करती है|
• यह पर्वतमाला जैव-विविधता के मामले में समृद्ध है और यहाँ कई तरह के औषधीय पौधे पाये जाते हैं|
• अरावली पर्वतमाला के ही उत्तरी विस्तार को दिल्ली में ‘दिल्ली रिज’ के नाम से जाना जाता है|
• वर्तमान में लाल बलुआ पत्थर व अन्य खनिजों की प्राप्ति के लिए किए जा रहे खनन से अरावली पर्वतमाला का अस्तित्व तेजी से सिमट रहा है|
माउंट आबू पर्यटन स्थल
सिरोही जिले का ‘माउंट आबू’ शहर अरावली पर्वतमाला में स्थित राजस्थान का एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल है| यह गुजरात राज्य के पालनपुर से भी केवल 58 किमी. की दूरी पर स्थित है| माउंट आबू पर्यटन स्थल के साथ-साथ जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ-स्थल भी हैं| यहाँ स्थित ‘दिलवाड़ा जैन मंदिर’ पूरे विश्व में प्रसिद्ध है| इस मंदिर का निर्माण सफ़ेद रंग के पत्थर से किया गया है|
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‘अचलगढ़ का किला’ भी महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र है, जिसका निर्माण मेवाड़ के राणा कुंभा ने करवाया था| यहाँ स्थित ‘नक्की लेक’ आबू की प्राकृतिक सुंदरता का एक अन्य उदाहरण है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है|
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माउंट आबू में ‘अधर देवी’, ‘श्री रघुनाथजी’ व ‘दत्तात्रेय’ जैसे हिन्दू मंदिर भी स्थित हैं|
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