क्या कभी सोचा है कि भारत देश का नाम “भारत” ही क्यों पड़ा?

विश्व में भारत सबसे पुरानी सभ्यता का एक जाना-माना देश है जहाँ वर्षों से कई प्रजातीय समूह एक साथ रहते हैं। भारत विविध सभ्यताओं का देश है जहाँ लोग अपने धर्म और इच्छा के अनुसार लगभग 1650 भाषाएँ और बोलियों का इस्तेमाल करते हैं। संस्कृति, परंपरा, धर्म, और भाषा से अलग होने के बावजूद भी लोग यहाँ पर एक-दूसरे का सम्मान करते हैं | प्राचीन काल से ही हमारे देश को भारत (संस्कृत का शब्द है) के नाम से पुकारा जाता है | भारत का नाम 'भारत' कैसे पड़ा इसके पीछे कई इतिहासकारों ने अपने अपने विचार रखे है|

Aug 9, 2016, 13:01 IST

विश्व में भारत सबसे पुरानी सभ्यता का एक जाना-माना देश है जहाँ वर्षों से कई प्रजातीय समूह एक साथ रहते हैं। भारत विविध सभ्यताओं का देश है जहाँ लोग अपने धर्म और इच्छा के अनुसार लगभग 1650 भाषाएँ और बोलियों का इस्तेमाल करते हैं। संस्कृति, परंपरा, धर्म, और भाषा से अलग होने के बावजूद भी लोग यहाँ पर एक-दूसरे का सम्मान करते हैं | प्राचीन काल से ही हमारे देश को भारत (संस्कृत का शब्द है) के नाम से पुकारा जाता है | भारत देश का नाम 'भारत' कैसे पड़ा इसके पीछे कई इतिहासकारों ने अपने अपने विचार रखे है|

तो आइये जाने भारत देश का नाम "भारत" कैसे पड़ा

1. पहला प्रमाण, भारत के भौगोलिक इतिहास के अनुसार:

ऋग्वेद की सांतवी किताब के 18वें श्लोक में 'दशराजन' युद्ध यानि कि 'दस राजाओं के युद्ध' का वर्णन मिलता है | यह युद्ध दस राजाओं के महासंघ और भरत जनजाति के त्र्त्सू राजवंश के राजा सुदास के बीच लड़ा गया था |यह युद्ध पंजाब में रावी नदी पर हुआ था | इस युद्ध में राजा सुदास ने दस राजाओं के महासंघ पर विजय पाई थी | इस विजय ने राजा सुदास की प्रसिद्धि को कई गुना बढ़ा दिया था और अंतत: लोग खुद को भरत जनजाति के सदस्यों के रूप में जानने लगे थे | इसीलिए, भरत नाम लोगों के मुंह पर रहने लगा और फिर आगे चलकर लोग 'भारतवर्ष' या ‘भारत की भूमि’ के नाम से बुलाने लगे |

2. दूसरा प्रमाण , महाभारत और भरत चक्रवर्ती के अनुसार है:

महाभारत के अनुसार इंडिया को भारतवर्ष नाम, राजा भरत चक्रवर्ती के नाम पर दिया गया था | राजा भरत, भरत राजवंश के संस्थापक और कौरवों और पांडवों के पूर्वज थे | वह हस्तिनापुर के राजा दुष्यंत और रानी शकुंतला के बेटे थे। और क्षत्रिय वर्ण के वंशज थे । भरत ने पूरे भारत के साम्राज्य को जीत कर एक संगठित राज्य की स्थापना की जिसे ‘भारतवर्ष’ नाम दिया गया |

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विष्णु पुराण के एक खंड के हिसाब से : इंडिया को भारतवर्ष उस समय से कहा जाता है जब, भरत के पिता ने अपना पूरा राजपाट अपने पुत्र को सौंप दिया और खुद सन्यासी बनकर जंगल में चले गए |

विष्णु पुराण के अनुसार :

उत्तरं यत्समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम् ।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र संततिः ।।

इस श्लोक का अर्थ है : एक देश (वर्सम )जो कि समुद्र के उत्तर और बर्फ के पहाड़ों के दक्षिण में है जिसे ' भारतम' कहते है | और यहाँ परभरतके वंशजों की मौजूदगी के प्रमाण भी मिले हैं |

हालांकि ऐसा भी कहा जाता है किभारतनामक शब्द प्राचीन ग्रन्थ पुराण से लिया गया है जो किइंडियाको भारत वर्सम के नाम से वर्णित करता है | उन्होंने इस शब्द का प्रयोग इसे अन्य महाद्वीपों या फिर वर्सास से अलग करने के लिए किया है |

आश्चर्यजनक बात यह है कि भरत के साम्राज्य में अर्थात भारतवर्ष में आज के पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन,ईरान,ताजिकिस्तान, उज्वेकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, तुर्कमेनिस्तान, उत्तर-पश्चिम तिब्बत, नेपाल और बांग्लादेश सभी सम्मिलित थे |

3. तीसरा प्रमाण, संस्कृत के अनुसार भारत का जन्म:

 भारत आधिकारिक संस्कृत नाम है भारत गणराज्य देश का | संस्कृत में भारत का मतलब अग्नि होता है क्योंकि इस शब्द का संस्कृत रूट “bhr” है जिसका मतलब 'सहन करना' या फिर 'किसी भार को उठाना' होता है अर्थात इसका मतलब ‘आग को बरकरार रखना है’ | इसका यह भी अर्थ है : ज्ञान की प्राप्ति के लिए लगातार प्रयास करते रहना |

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4. चौथा प्रमाण: जैन धर्म के अनुसार:

इंडिया का असली नाम भारत है जिसे सम्राट भरत चक्रवर्तीजो के नाम पर रखा गया था जो कि जैन धर्म के पहले तीर्थंकर के सबसे बड़े पुत्र थे | इस कहानी के अनुसार भारत का असली नाम, जैन धर्म की ही देन है और इसी से भारत की सभ्यता का विकास हुआ है और इसी को आजकल इंडिया के नाम से भी जाना जाता है |

एक और इतिहासकार के अनुसार यह भी कहा जाता है कि:

‘इंडिया’ नाम का उदय ‘इंडस’ नाम के शब्द से हुआ है जो कि पुराने फारसी शब्द ‘हिन्दुस्’ से निकला है |जो उत्तरार्द्ध में संस्कृत शब्द 'सिंधु' से लिया गया था, जिससे सिंधु नदी का नाम पड़ा |

इंडिया को हिंदुस्तान भी कहा जाता है जिसका मतलब होता है हिन्दुओं के रहने का स्थान | 1947 के पहले इस क्षेत्र को उत्तरी भारत और पाकिस्तान के रूप में भी जाना जाता था |

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Shikha Goyal is a journalist and a content writer with 9+ years of experience. She is a Science Graduate with Post Graduate degrees in Mathematics and Mass Communication & Journalism. She has previously taught in an IAS coaching institute and was also an editor in the publishing industry. At jagranjosh.com, she creates digital content on General Knowledge. She can be reached at shikha.goyal@jagrannewmedia.com
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