जब भी कोई विद्यार्थी किसी भी विषय के टॉपिक की पढ़ाई करता है चाहे वह भौतिक विज्ञान (Physics) में कोई derivation समझना हो, रसायन विज्ञान (Chemistry) में कोई रासायनिक सूत्र याद करना हो, Mathematics में कोई प्रश्न हल करना हो या फिर इतिहास (History) में लम्बे-2 प्रश्न याद करना हो, तब उसके दिमाग़ में बस यही चल रहा होता है कि मैं इसे क्यों पढूँ या याद करूँ? इसका मेरे जीवन में क्या महत्व्व है?
जब भी कोई विद्यार्थी स्कूल जाने के लिए सुबह उठता है, तब उसके दिमाग़ में बहुत से सवाल चल रहे होते हैं जैसे
• स्कूल जाना क्यों ज़रूरी है?
• पढ़ाई करना क्यों ज़रूरी है?
जब हम ये सभी प्रश्न किसी से पूछते हैं, तो हमें बस एक ही उत्तर मिलता है कि अच्छी जॉब के लिए, किन्तु उनका क्या जिन्हें आगे चल कर अपना पारिवारिक व्यवसाय जॉइन करना है, तो क्या उनके लिए पढ़ाई करना ज़रूरी नहीं है. ऐसे विद्यार्थियों के लिए तो पढ़ाई और भी बोरिंग हो जाती है.
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आज हम इस लेख में बताएँगे कि जीवन में पढ़ाई का क्या महत्त्व होता है. अगर विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई के महत्त्व को समझ लेंगे तो उनको कभी भी यह नहीं सोचना पड़ेगा कि पढ़ाई करना क्यों ज़रूरी है. आइये विस्तार से जानते हैं जीवन में पढ़ाई का महत्त्व:
1. समय प्रबंधन (Time Management):
सभी सफल व्यक्तियों में जो एक चीज़ कॉमन होती है वह है टाइम मैनेजमेंट चाहे फिर वो क्रिकेट में सचिन रमेश तेंदुलकर हो या फिर सिनेमा में शाहरुख खान. सभी का एक रूटीन होता है समय पर उठना और फिर समय पर प्रैक्टिस/रिहर्सल करना. सभी को जीवन में टाइम मैनेजमेंट करना पड़ता है. इसलिए हम जीवन में टाइम मैनेजमेंट के महत्त्व को नाकार नहीं सकते.
जब विद्यार्थी स्कूल जाते हैं तो उन्हें समय पर उठना पड़ता है, स्कूल के लिए निकलना पड़ता है. स्कूल में एक निश्चित समय पर लंच करना पड़ता है. जिससे उनकी लाइफ बिल्कुल disciplined होती है. और वो जीवन में समयनिष्ठ (punctual) रहना सीखते हैं जो किसी भी नौकरी या व्यवसाय के लिए बहुत ही ज़रूरी है.
2. एकाग्रता शक्ति (Concentration power):
हम सभी ने महाभारत में अर्जुन के द्वारा मछली की आँख पर अपने धनुष से तीर मारने वाली कहानी सुनी है. यह केवल एक कहानी नहीं है. इससे हमें सीख भी मिलती है अर्जुन ऐसा केवल अपनी एकाग्रता शक्ति के कारण ही कर पाए थे. कभी-कभी हम किसी lesson या टॉपिक को याद करने में बहुत समय लगा देते हैं, लकिन फिर भी वह टॉपिक हमें याद नहीं हो पाता. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हमारा मन भटकता रहता है, लकिन जैसे ही हम सब भूल कर केवल उस lesson या टॉपिक पर अपना ध्यान केंद्रित कर पढ़ते हैं तो वह जल्दी ही हमें याद हो जाता. यह सब एकाग्रता शक्ति के कारण होता है. जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकाग्रता शक्ति बहुत ही ज़रूरी होती है.
3. आत्मविश्वास (Self-confidence) और सहन शक्ति (Tolerance Power):
जब भी कोई विद्यार्थी स्कूल में किसी छोटी या बड़ी प्रतियोगिता में भाग लेता है और उसे जीतता है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ता है. किन्तु कभी-कभी विद्यार्थियों को हार का सामना भी करना पड़ता है जिससे उन्हें अपनी गलती के बारे में पता चलता है साथ ही साथ उनकी सहन शक्ति भी बढ़ती है. आत्मविश्वास और सहन शक्ति के बिना जीवन में सफलता पाना असंभव होता है फिर चाहे वो व्यापार में कोई डील पक्की करना हो या फिर कोई नौकरी ढूँढना हो.
4. निर्णय लेना (Decision Making):
विद्यार्थी स्कूल में पढ़ाई के दौरान बहुत से छोटे या बड़े निर्णय लेते हैं. कभी कुछ निर्णय सही निकलते हैं तो कभी कुछ निर्णय गलत. ऐसे करने से विद्यार्थियों की जीवन में निर्णय लेने की काबिलियत बढ़ती है. हमें अपने जीवन में हर पल कोई न कोई निर्णय लेना पड़ता है चाहे फिर वो करियर से सम्बंधित हो या फिर व्यापार से सम्बंधित हो.
निष्कर्ष:
जीवन में सफलता पाने के लिए समय प्रबंधन, एकाग्रता शक्ति, आत्मविश्वास, सहन शक्ति और निर्णय जैसे भाव अति आवश्यक होते हैं. इनके बिना जीवन में सफलता पाना असंभव है. स्कूल में पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी इन सभी के बारे में सीखते हैं. इसलिए हमारे जीवन में पढ़ाई करना बहुत ही ज़रूरी होता है.
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