"Prepare To Face The Troubled Situations"
- IPS Dr. रविंदर कुमार सिंघल
भारत के महारष्ट्र कैडर के IPS Dr. रविंदर कुमार सिंघल ने हाल ही में फ्रांस में आयोजित आयरनमैन ट्रायथलॉन को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया. इस प्रतियोगिता में 180 किमी साइकलिंग , लगभग 4 किमी तैराकी और 42 किलोमीटर की पूर्ण मैराथन शामिल होती है. 53 वर्षीय IPS रविंदरकुमार सिंघल ने 17 घंटे के निर्धारित समय के मुकाबले में मात्र 15 घंटे और 13 मिनट में ट्रायथलॉन पूरा किया, उनके ट्रेनर डॉ मुस्तफा टोपीवाला हैं.
इस आयु में जब अधिकतर IPS अपनी फिटनेस पर काम करना बंद कर देते हैं वहीँ दूसरी तरफ डॉ. सिंघल ने ऐसी प्रतियोगिता में भारत का नाम रोशन किया है जिसमे भाग लेने के बारे में युवा भी नहीं सोच सकते. अपनी फिटनेस की वजह से ही डॉ. सिंघल, फ्रांस में आयोजित आयरनमैन ट्रायथलॉन जीतने में कामयाब हुए हैं.
How to write better Essay in IAS Exam
यह सब संभव हुआ है इनके अथक प्रयास तथा कभी न हार मानने वाले मनोभाव से. IAS अभ्यर्थियों को इनके जीवन से यह प्रेरणा मिलती है की एक बार सिविल सेवा में सिलेक्शन के बाद पूरे विश्व में सेवा करने के दरवाजे आपके लिए खुल जाते हैं. साथ ही साथ आप अपनी सभी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं. IPS रविंदर कुमार सिंघल का जीवन इस बात का प्रतीक है की सिविल सेवा में सिलेक्शन के बाद किसी भी सेवा में रहकर आप देश में तथा देशा के बाहर भी देश का नाम रोशन कर सकते हैं बस जरूरत है अपने आप को लगातार बेहतर बनाने की.
डॉ. रविंदर के पूरे करियर ग्राफ देखने पर आप यह जान पायेंगे की वह जहाँ भी रहे उन्होंने अपनी प्रतिभा तथा क्षमता से सभी को प्रभावित किया तथा हमेशा ही अपनी उच्च सेवा के लिए सम्मान तथा पुरस्कार जीते. IAS अभ्यार्थ्यियों को भी इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए की सदैव विकासशील रहने का प्रयास करे तथा जीवन में कभी हार नहीं मानें.
अपने जीवन की सफलताओं तथा समाज को बहुत पास से देखने से मिले अनुभव को साझा करने के लिए डॉ. रविंदर ने अपनी एक वेबसाइट भी बनायीं है जिसे कोई भी देख सकता है. यहाँ इन्होने अपने जीवन से जुड़े हुए कुछ आयोजनों तथा अपने विचारों को बड़े ही मनोभावन तरीके से प्रस्तुत किया है .
जानिए ऐसे IAS अधिकारियों को जिन पर भारत को है गर्व
IPS रविंदर कुमार सिंघल का अनुभव
IPS रविंदर कुमार सिंघल ने 1996 में भारतीय पुलिस सेवा(IPS) ज्वाइन की थी. 17 वर्षों की सर्विस के दौरान उन्होंने बहुत से आयोजनों की सफलता पूर्वक व्यवस्था की है. इनमे से प्रमुख त्र्यम्बकेश्वर का कुम्भ मेला, नांदेड का “गुरु ता गद्दी तेर शताब्दी समारोह” हैं.
एक नौकरशाह के रूप में उनकी यात्रा मसूरी और हैदराबाद में अनिवार्य प्रशिक्षण के साथ शुरू हुई। वर्ष 1998 में उन्हें एएसपी सांगली शहर डिवीज़न के रूप में अपनी पहली पोस्टिंग मिली थी और वर्ष 1999 में उन्हें अमरावती शहर में डीसीपी के रूप में तैनात किया गया था। अमरावती में तीन साल की सेवा के बाद, उन्हें एसपी नासिक जिले के रूप में तैनात किया गया था।
एसपी नासिक के रूप में, उन्होंने अपनी टीम के साथ वर्ष 2003 में कुंभ मेला, त्र्यम्बकेश्वर के पूरे पुलिस प्रबंधन को संभाला। यातायात प्रबंधन, भीड़ प्रबंधन, शाही स्नानों के प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, सुरक्षा / निगरानी और 10 प्रमुख नागा अखाड़ों की गतिविधियों की निगरानी के साथ महत्वपूर्ण दिनों पर आने वाले करीब 15 लाख तीर्थयात्रियों के लिए योजना और उसका निष्पादन पूर्ण प्रतिबद्धता से उच्चतम स्तर के साथ किया था । पूरा आयोजन शांतिपूर्वक और सफलतापूर्वक संपन्न हो गया था और इस उपलब्धि के लिए इन्हें डीजीपी की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
2007 से 2009 तक, इन्होने “गुरु ता गद्दी तेर शताब्दी समारोह” के रूप में एक विशाल आयोजन संभाला जिसमें भारत और विदेशों की विशाल भीड़ नांदेड जिले (महाराष्ट्र) में आये थे । यह सिख समुदाय की एक बड़ा पर्व था जिसे उन्होंने अच्छी तरह से निष्पादित किया.
2005 से 2007 तक, इन्हें भारत सरकार द्वारा कोसोवो (UNMIK) में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के लिए नियुक्त किया गया था। यहां इन्होने डिप्टी चीफ के रूप में काम किया और अंततः चीफ, युद्ध अपराध जांच इकाई के रूप में भी काम किया।
इलेक्ट्रिकल में दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से स्नातक होने के बाद, उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में दो साल की अवधि के लिए गेल (गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) में काम किया था । इन दो वर्षों में उन्हें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम में काम करने का अनुभव मिला.
IPS रविंदर कुमार सिंघल की शैक्षिक योग्यता
1.बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (इलेक्ट्रिकल)
2. मानव अधिकारों से कला में स्नातकोत्तर
3. सूचना प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा
4. जन संचार एंड पत्रकारिता में डिप्लोमा
5. पीएचडी (प्रबंधन विज्ञान) - भीड़ प्रबंधन
अन्य सम्मान
1. IPS Dr. रविंदर कुमार सिंघल को 26 जनवरी 2013 को
मेधावी सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया ।
2. 14 अप्रैल 2006 को इन्हें उच्च सेवा के लिए UN मैडल प्रदान किया गया.
IPS के पद पर आसीन रहते हुए अपने पद से जुडी हुई सभी जिम्मेदारियों तथा ड्यूटी निभाते हुए भी इन्होने अपने फिटनेस के प्रति अपने जस्बे को जिन्दा रखा, ये एक प्रशंसनीय तथ्य है. इनके इसी जस्बे को jagranjosh सलाम करता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation