इन दिनों भारत सहित पूरी दुनिया में इकनोमिक डिप्लोमेसी ऐसा विषय है जो अभी भी ज्यादातर यंग स्टर्स के लिए अज्ञात हैं. भारत में कई स्टूडेंट्स यूपीएससी, एमबीए, इंजीनियरिंग या मेडिकल का कोर्स ऑप्शन चुनते हैं, शायद ही उन्हें इस करियर ऑप्शन के बारे में पता हो. इंडियन स्टूडेंट्स और यंग प्रोफेशनल्स को आजकल इकनोमिक डिप्लोमेसी में करियर ऑप्शन्स के बारे में सटीक जानकारी हासिल करने की सलाह दी जाती है.
इंडियन स्टूडेंट्स और यंग प्रोफेशनल्स के लिए इकनोमिक डिप्लोमेसी का महत्त्व
भारत में आजकल इकनोमिक डिप्लोमेसी का भविष्य बहुत उज्ज्वल है क्योंकि भारत अब, भारत-प्रशांत क्षेत्र में वैश्विक आर्थिक शक्ति के रूप में उभर रहा है. इस स्ट्रीम में करियर हर आने वाले साल में निरंतर आकर्षक होता जाएगा. भारत में अब तक सामाजिक विज्ञान, इंजीनियरिंग, मेडिकल और एमबीए जैसे पारंपरिक एजुकेशनल कोर्सेज अपनी संतृप्ति सीमा तक पहुंच चुके हैं. भारत में इकनोमिक डिप्लोमेसी में करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स और यंग प्रोफेशनल्स के पास पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए.
इंडियन स्टूडेंट्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
भारत में इकनोमिक डिप्लोमेसी में पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए स्टूडेंट्स के पास किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए, हालांकि किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, आधुनिक इतिहास या अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को वरीयता दी जाती है. अंग्रेजी पर भी इन स्टूडेंट्स की अच्छी पकड़ होनी चाहिए. इसी तरह, फ्रेंच, स्पेनिश, जापानी या किसी अन्य विदेशी भाषा में डिप्लोमा होने पर स्टूडेंट्स और यंग प्रोफेशनल्स को अतिरिक्त लाभ मिल सकता है. विदेशों में कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय हैं जहां इस तरह के विषय पढ़ाए जा रहे हैं. लंदन विश्वविद्यालय, नॉटिंघम बाथ, कार्डिफ़ विश्वविद्यालय, SOA, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, लंदन की राजनयिक अकादमी, पेरिस विश्वविद्यालय, जर्मनी के विभिन्न विश्वविद्यालय. ऑस्ट्रेलिया में एएनयू, सिडनी विश्वविद्यालय से भी स्टूडेंट्स इकनोमिक डिप्लोमेसी में पोस्ट ग्रेजुएशन और रिसर्च कर सकते हैं.
स्कॉलरशिप की सुविधा
इकनोमिक डिप्लोमेसी का अध्ययन करने के इच्छुक स्टूडेंट्स सूटेबल स्कॉलरशिप के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं. यूके, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया की कई यूनिवर्सिटीज़ स्टूडेंट्स को सूटेबल स्कॉलरशिप्स - कॉमनवेल्थ स्कॉलरशिप, शेवनिंग स्कॉलरशिप ऑफर करती हैं. इन स्कॉलरशिप ऑफर्स के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत में ब्रिटिश काउंसिल, फ्रेंच सांस्कृतिक केंद्र, मैक्स मूलर भवन से संपर्क किया जा सकता है.
एडमिशन प्रोसेस
इस कोर्स में एडमिशन आमतौर पर वर्ष में दो बार होता है, अगस्त-सितंबर में अधिक एडमिशन और हर साल दिसंबर-जनवरी में कम एडमिशन होते हैं. इन कोर्सेज के लिए TOEEFL जैसी अंतर्राष्ट्रीय अंग्रेजी भाषा परीक्षा जरूरी है.
भारत में अभी भी डिप्लोमेसी और इकोनॉमिक डिप्लोमेसी एजुकेशनल कोर्सेज के तौर पर अभी भी बहुत नए हैं क्योंकि केवल कुछ विश्वविद्यालय ये कोर्सेज करवाते हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय किसी भी सामाजिक विज्ञान विषय या अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एमए कार्यक्रम के बाद, पोस्ट ग्रेजुएशन रिसर्च लेवल पर ऐसे कोर्सेज ऑफर करता है.
जादवपुर विश्वविद्यालय, कलकत्ता विश्वविद्यालय, उस्मानिया विश्वविद्यालय भी इन फ़ील्ड्स में कोर्सेज ऑफर करते हैं. हालांकि, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एNEP) 2020 के कार्यान्वयन के साथ, भारत में अधिक से अधिक विश्वविद्यालय भविष्य में ऐसे कोर्सेज ऑफर करेंगे.
देश-दुनिया में उपलब्ध करियर की आशाजनक संभावनायें
करियर-वार, ऐसे विषयों में डिग्री होल्डर प्रोफेशनल्स को संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, यूनिसेफ, आईएमएफ, विश्व बैंक, ब्रिक्स बैंक, सार्क, एपेक, एशियाई विकास बैंक, विदेश मंत्रालय के विभिन्न विभागों, पर्यटन सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय निकायों में आकर्षक जॉब ऑफर्स मिलते हैं. भारत सरकार का संस्कृति विभाग, वित्त विभाग, विभिन्न बहुराष्ट्रीय कंपनियों, अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों, विश्वविद्यालयों के जॉब ऑफर्स भी काफी उज्ज्वल हैं. संक्षेप में, देश-दुनिया में इकनोमिक डिप्लोमेसी में करियर न केवल वर्तमान समय के लिए बल्कि, भविष्य में भी आशाजनक है.
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