सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं शुरु होने में अब महज़ एक ही दिन बचा है. ऐसे में स्टूडेंट्स के साथ-साथ बोर्ड भी परीक्षा से जुड़ी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) डिजिटल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है ताकि बोर्ड परीक्षा लिखने वाले विद्यार्थियों को सभी स्तरों पर एक समान अवसर प्रदान किया जा सके.
इस बार बोर्ड की ओर से थ्योरी इवैल्यूएशन ट्रेंड एनलसिस (TETRA) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके माध्यम से पेपर की डिफिकल्टी की जांच की जाती है, ताकि परीक्षार्थियों को एक समान डिफिकल्टी वाला पेपर मिल सके. TETRA सॉफ्टवेयर सभी केंद्रों के औसत प्राप्त अंकों के रुझान को प्रदर्शित करता है और इसका इस्तेमाल प्रश्न पत्रों में कठिनाई होने की स्थिति में अंकों में संतुलन बनाने में किया जा सकता है. पिछले साल भी सभी क्षेत्रों के विद्यार्थियों की ओर से प्राप्त किए गए अंकों के रुझान के अध्ययन के लिए इसका उपयोग किया गया.
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CBSE को Theory Evaluation Trend Analysis (TETRA) सॉफ्टवेयर की जरूरत क्यों पड़ी?
बीते वर्षों में कई बार ऐसी स्थितियाँ सामने आई हैं जब विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र में उच्च-स्तरीय कठिनाई के कारण या पाठ्यक्रम के बाहर से पूछे किसी प्रश्न की वजह से अनावश्यक खामियाजा भुगतना पड़ा है. इस प्रकार की अनुचित स्थिति को ख़तम करने के लिए सीबीएसई ने सभी केंद्रों में परीक्षा के निष्पक्ष संचालन को लागू करने के लिए थ्योरी मूल्यांकन प्रवृत्ति विश्लेषण (TETRA) सॉफ्टवेयर का अधिग्रहण किया है.
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कैसे काम करता है Theory Evaluation Trend Analysis (TETRA) सॉफ्टवेयर?
यह सॉफ्टवेयर सभी केंद्रों के औसत प्राप्त अंकों के रुझान को प्रदर्शित करता है. साथ ही इसका इस्तेमाल प्रश्न पत्रों में कठिनाई होने की स्थिति में अंकों में संतुलन बनाने में किया जा सकता है ताकि प्रश्नों का कठिनाई स्तर बराबर रह सके. सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “सीबीएसई में हम सभी क्षेत्रों व केंद्रों के विद्यार्थियों को मिले अंकों के रुझान का विश्लेषण करते हैं. जब कभी हम नियमों से अलग पाते हैं तो हम उस केंद्र को बुलाते हैं और अगर प्रश्नपत्र के बारे शिकायत होती है तो जांच करते हैं और साथ ही पेपर की डिफिकल्टी या अस्पष्टता के संदर्भ में आने वाली शिकायतों को भी देखते हैं. इसके लिए एक टीम यह देखती है कि इन कठिनाइयों के लिए कितना व किस तरह के संतुलन की जरूरत है.”
दरअसल पिछले साल बोर्ड परीक्षा में पेपर लीक जैसी कई घटनाओं के सामने आने की वजह से सीबीएसई बोर्ड इस बार और ज्यादा सतर्कता और सावधानी से काम कर रहा है. बोर्ड ने स्टूडेंट्स और अभिभावकों के लिए पहले ही दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं.
विद्यार्थियों को तनाव मुक्त रहते हुए परीक्षा लिखने के लिए सीबीएसई फ्री-काउन्सलिंग सर्विस भी प्रदान कर रहा है जिसकी मदद से विद्यार्थी अपनी एग्जाम सम्बंधित समस्याओं के लिए सीबीएसई के विशेष शिक्षकों व ट्रेन्ड काउंसलर्स से नि:शुल्क मदद ले सकते हैं.
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पिछले वर्षों की तुलना में इस बार सीबीएसई बोर्ड परीक्षा होगी आसान
सीबीएसई ने कक्षा 10वीं और 12वीं के लिए इस बार ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों की संख्या बढ़ा दी है. इसके अलावा इस बार प्रश्नों में विकल्प भी बढ़ाए गए हैं. ऑब्जेक्टिव टाइप प्रश्नों कि संख्या 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दी गयी है. इसके आलावा लगभग 33% प्रश्नों में विकल्प दिए जायेंगे जिससे विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे अच्छे अंक हासिल कर सकेंगे.
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