चंद्रयान 3 पर हिंदी निबंध और भाषण: Chandrayaan 3 Essay in Hindi for School Students

Aug 23, 2024, 17:07 IST

Chandrayaan-3 निबंध - Essay on Chandrayaan-3 in Hindi: चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होते ही भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नई उपलब्धि हासिल की।जागरण जोश पर पढ़े चंद्रयान-3 के बारे में। यह निबंध आप अपने स्कूल, कॉलेज के किसी भी प्रोजेक्ट या असाइनमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

चंद्रयान 3 पर हिंदी निबंध और भाषण: Chandrayaan 3 Essay and Speech in Hindi
चंद्रयान 3 पर हिंदी निबंध और भाषण: Chandrayaan 3 Essay and Speech in Hindi

Chandrayaan-3 Essay, Speech in Hindi: चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग कर इतिहास रचा और वैश्विक स्तर पर भारत का मान बढ़ाया। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए चंद्रयान-3 को 'वर्ल्ड स्पेस अवार्ड' से सम्मानित किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष महासंघ ने इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए इसे ऐतिहासिक उपलब्धि करार दिया है। यह सम्मान चंद्रयान-3 को 14 अक्टूबर को इटली के मिलान में आयोजित होने वाले 75वें अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री कांग्रेस के उद्घाटन समारोह के दौरान दिया जाएगा।

प्रज्ञान रोवर चंद्रयान लैंडर से नीचे उतरा और भारत ने चंद्रमा पर सैर की। चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो गई है। चाँद के बारे में हो रहे सभी वैज्ञानिक कार्य और भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में चंद्रयान-3 सबसे महत्वपूर्ण है। जागरण जोश के इस आर्टिकल में हमने चंद्रयान पर लगभग 200 शब्दों का एक essay अथवा speech दिया है। छात्र इस निबंध और भाषण को अपने स्कूल के होमवर्क,असाइनमेंट, क्लास एक्टिविटी के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। साथ ही साथ हमने और भी विस्तार में चंद्रयान-3 की जानकारी इस निबंध के बाद दी है जिसका उपयोग करके आप इसे और भी बड़ा और विस्तृत बना सकते हैं।

चंद्रयान-3 हिंदी निबंध और भाषण - Essay and Short Speech on Chandrayaan-3 in Hindi

नीचे चंद्रयान-3 पर आसान और विस्तृत निबंध देखें:

Sample 1

चंद्रयान-3 भारत का महत्वाकांक्षी और सफल चंद्र मिशन है। अपने पूर्ववर्तियों, चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 के नक्शेकदम पर चलते हुए चंद्रयान-3 दक्षिणी ध्रुव चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का भारत का सफल प्रयास है। चंद्रमा के इस हिस्से तक पहुंचने वाला अब तक भारत एकमात्र देश है। इस महान तकनीकी सफलता को चिह्नित करने के लिए, प्रत्येक वर्ष 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा।

चंद्रयान-3 के बारे में

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को दोपहर 2.35 बजे भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया था। विक्रम रोवर ने 24 अगस्त, 2023 को शाम 6:30 बजे चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की। विभिन्न इन-सीटू प्रयोगों को करने के बाद, रोवर को 2 सितंबर, 2023 को निष्क्रिय कर दिया गया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने विक्रम लैंडर के साथ चंद्रमा की सतह पर सफल लैंडिंग हासिल करने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की, जिसने प्रयोग करने और मूल्यवान डेटा इकट्ठा करने के लिए प्रज्ञान रोवर को तैनात किया। मिशन चंद्रमा के भूविज्ञान, खनिज विज्ञान और बाह्यमंडल का अध्ययन करने पर केंद्रित है, जो चंद्रमा की उत्पत्ति और विकास के बारे में हमारी समझ में योगदान देगा।

चंद्रयान-3 के मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और नरम लैंडिंग का प्रदर्शन करना, चंद्रमा पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन करना और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है। मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, लैंडर में कई उन्नत प्रौद्योगिकियाँ मौजूद हैं जैसे कि लेजर और आरएफ-आधारित अल्टीमीटर, वेलोसीमीटर, प्रोपल्शन सिस्टम, आदि। ऐसी उन्नत तकनीकों को पृथ्वी की स्थितियों में सफलतापूर्वक प्रदर्शित करने के लिए, कई लैंडर विशेष परीक्षण, जैसे इंटीग्रेटेड कोल्ड टेस्ट, इंटीग्रेटेड हॉट टेस्ट और लैंडर लेग मैकेनिज्म प्रदर्शन परीक्षण की योजना बनाई गई है और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।

चंद्रयान-3 का महत्व

चंद्रयान-3 के माध्यम से, भारत ने अपनी तकनीकी कौशल, वैज्ञानिक क्षमताओं और अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। यह मिशन युवा पीढ़ी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।

Sample 2

चंद्रयान-3 भारत का एक महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन है। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश है। चंद्रयान-3 चाँद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने का भारत का दूसरा प्रयास था।  यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO: Indian Space Research Organisation) द्वारा 14 जुलाई, 2023 को 2.35 आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। 

चंद्रयान-3 के मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग का प्रदर्शन करना, चंद्रमा पर रोवर के चलने का प्रदर्शन करना और इन-सीटू यानि चाँद की सतह पर ही वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना है। मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, लैंडर में कई उन्नत प्रौद्योगिकियाँ मौजूद हैं जैसे कि लेजर और आरएफ-आधारित अल्टीमीटर, वेलोसीमीटर, प्रोपल्शन सिस्टम, आदि। ऐसी उन्नत तकनीकों को पृथ्वी की स्थितियों में सफलतापूर्वक प्रदर्शित करने के लिए, कई लैंडर विशेष परीक्षण, जैसे इंटीग्रेटेड कोल्ड टेस्ट, इंटीग्रेटेड हॉट टेस्ट और लैंडर लेग मैकेनिज्म प्रदर्शन परीक्षण की योजना बनाई गई है और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया है।

चंद्रयान-3 के माध्यम से, भारत ने अपनी तकनीकी कौशल, वैज्ञानिक क्षमताओं और अंतरिक्ष अन्वेषण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है। यह मिशन युवा पीढ़ी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।

Also Read - Chandrayaan-3 Essay in English

अगर आप इस चंद्रयान-3 essay/ निबंध को और भी डिटेल में लिखना चाहते हैं या फिर इसे एक speech /  भाषण के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं तो निम्नलिखित जानकारियों का उपयोग करें:

चंद्रयान-3 से क्या नयी जानकारी प्राप्त होगी?

चंद्रयान-3 के वैज्ञानिक प्रयोगों से चंद्रमा के बारे में नई जानकारी प्राप्त होगी, जैसे कि:

  • चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर पानी की बर्फ की उपस्थिति के बारे में 
  • चंद्रमा की सतह और उसके संरचना के बारे में
  • चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के बारे में 
  • चंद्रमा के वायुमंडल के बारे में 

Also Check - Scientists Name Behind Chandrayan - 3

चंद्रयान-3 पर अपडेट

22 सितंबर, 2023: विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के साथ फिर से संबंध स्थापित करने के लिए इसरो द्वारा परीक्षण जारी।

4 सितंबर, 2023: चंद्रयान-3, प्रज्ञान 3 रोवर सो रहा है (sleep mode)।

29 अगस्त, 2023: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सल्फर, एल्यूमीनियम, कैल्शियम, लोहा, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन पाए गए।

23 अगस्त, 2023: चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो गई है।

23 अगस्त, 2023: चंद्रयान-3 सॉफ्ट-लैंडिंग का लाइव प्रसारण 23 अगस्त, 2023 IST 17:20 बजे शुरू होगा।

20 अगस्त, 2023: लैंडर मॉड्यूल 25 किमी x 134 किमी कक्षा में है। पावर्ड डिसेंट 23 अगस्त, 2023 को लगभग 17:45 बजे शुरू होने की उम्मीद है।

19 अगस्त, 2023: लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के चारों ओर 113 किमी x 157 किमी की कक्षा में है। दूसरी डी-बूस्टिंग की योजना 20 अगस्त, 2023 को बनाई गई है।

17 अगस्त, 2023: लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग किया गया। 18 अगस्त, 2023 को डिबॉस्टिंग की योजना बनाई गई।

16 अगस्त, 2023: 16 अगस्त, 2023 को गोलीबारी के बाद अंतरिक्ष यान 153 किमी x 163 किमी की कक्षा में है।

14 अगस्त, 2023: मिशन कक्षा गोलाकार चरण में है। अंतरिक्ष यान 151 किमी x 179 किमी कक्षा में है।

09 अगस्त, 2023: 9 अगस्त, 2023 को किए गए एक युद्धाभ्यास के बाद चंद्रयान -3 की कक्षा 174 किमी x 1437 किमी तक कम हो गई है।

06 जुलाई, 2023: प्रक्षेपण 14 जुलाई, 2023 को 14:35 बजे निर्धारित है। दूसरे लॉन्च पैड, एसडीएससी-शार, श्रीहरिकोटा से आईएसटी।

चंद्रयान-3 कैसे काम करेगा?

 चंद्रयान-3 भारत का एक महत्वपूर्ण भारतीय अंतरिक्ष मिशन है। चंद्रयान-3 एक मल्टी-पार्ट मिशन है, जिसमें एक ऑर्बिटर, एक लैंडर और एक रोवर शामिल है। ऑर्बिटर चंद्रमा की परिक्रमा करेगा और चंद्रमा की सतह और उसके वातावरण का अध्ययन करेगा। विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।

चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम क्या है?

चंद्रयान-3 के लैंडर का नाम विक्रम है। यह 1752  किलोग्राम भारी है और 4.5 मीटर लंबा है। लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरेगा और रोवर को छोड़ेगा। रोवर चंद्रमा की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।

चंद्रयान-3 के रोवर का नाम क्या है?

चंद्रयान-3 के रोवर का नाम प्रज्ञान है। यह 26 किलोग्राम भारी है और 6.5 मीटर लंबा है। प्रज्ञान लैंडर से अलग होकर चंद्रमा की सतह पर १० दिनों तक  चलेगा।

चंद्रयान-3 चांद पर कब पहुंचेगा?

चंद्रयान-3 23 अगस्त 2023 को 18:04 बजे चांद के साउथ पोल पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग हो गई है।

All About Chandrayaan 3 Scientists and Their Educational Backgrounds

Frequently Asked Questions on Chandrayaan 3

The Story Behind Chandrayaan 3

Garima Jha
Garima Jha

Content Writer

    Garima is a graduate in English from the University of Delhi and post-graduate in English Journalism from the Indian Institute of Mass Communication. She is a content writer with around 3 years of experience and has previously worked with Inshorts. She finds solace in the world of books and art. At Jagranjosh.com, Garima creates content related to the school section.

    ... Read More

    आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी, रिजल्ट, स्कूल, सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

    Trending

    Latest Education News