IAS प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी में, मौजूदा मामलों पे आधारित एमसीक्यू और सवालों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। वर्तमान मामलों और राष्ट्र की आर्थिक और राजनीतिक ढांचे के मुद्दों पर IAS परीक्षा का केंद्रीय हिस्सा होता है।
IAS प्रारंभिक परीक्षा 2017 के लिए करंट अफेयर्स: 8 मई 2017
यहाँ पर हमने आईएएस की परीक्षा के हिसाब से महत्वपूर्ण प्रश्नों की क्विज़ बनायी है.
1. हाल ही में,जीएसएलवी – ऍफ़ वाई 09 ने दक्षिण एशिया उपग्रह GSAT-9 उपग्रह को प्रक्षेपित किआ है. जीएसएलवी से सम्बंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिये.
1) जीएसएलवी सबसे पहले आइएनएसएटी श्रेणी के उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए हुआ है.
2) जीएसएलवी आइएनएसएटी को पृथ्वी की निचली कक्षा में प्रक्षेपित करता है.
3) जीएसएलवी- ऍफ़ वाई 09 ने जीएसएटी-9 को भूतुल्यकाली अंतरण कक्षा में प्रक्षेपित किया है.
सही कथनों का चुनाव करें:
a. केवल 1
b. 1 और 3
c. 1 और 2
d. 2 और 3
उत्तर : b
व्याख्या :
भूस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण यान (अंग्रेज़ी:जियोस्टेशनरी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल, लघु: जी.एस.एल.वी) अंतरिक्ष में उपग्रह के प्रक्षेपण में सहायक यान है। ये यान उपग्रह को पृथ्वी की भूस्थिर कक्षा में स्थापित करने में मदद करता है। जीएसएलवी ऐसा बहुचरण रॉकेट होता है जो दो टन से अधिक भार के उपग्रह को पृथ्वी से 36000 कि॰मी॰ की ऊंचाई पर भू-स्थिर कक्षा में स्थापित कर देता है जो विषुवत वृत्त या भूमध्य रेखा की सीध में होता है. जीसैट-9 मानक प्रथम-2के के तहत बनाया गया है। उपग्रह की मुख्य संरचना घनाकार है, जो एक केंद्रीय सिलेंडर के चारों तरफ निर्मित है। इसकी मिशन अवधि 12 साल से ज्यादा है। इसरो ने प्रायोगिक आधार पर उपग्रह को.
IAS प्रारंभिक परीक्षा 2017 के लिए करंट अफेयर्स: 24 अप्रैल 2017
2. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुरू की गई ई-वीआईएन योजना प्रतिरक्षा के लिए सर्वोत्तम अभ्यास बन चुकी है. ई-वीआईएन योजना से जुड़े निम्लिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1) ई-वीआईएन एक भारत में विकसित तकनीकी है,जो टीकों का डिजिटलीकरण करती है.
2) ई-वीआईएन का लक्ष्य भारत के सार्वभौमिक प्रतिरक्षा योजना को समर्थन देना है.
3) वर्तमान में ई-वीआईएन देश भर में क्रियान्वयित है.
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
a. 1 और 2
b. 2 और 3
c. 1 और 3
d. 1, 2 और 3
उत्तर : a
व्याख्या :
पांच देशों के अंतर्राष्ट्रीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने आज यहां स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव श्री सी.के. मिश्रा से मुलाकात की। उन्होंने स्वास्थ्य सचिव के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय की ई-विन (इलैक्ट्रोनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) परियोजना के वैश्विक सर्वश्रेष्ठ प्रचलन के बारे में जानने के लिए तथा यह समझने के लिए कि किस प्रकार इसे देश में कार्यान्वित किया जाता है और किस प्रकार वे इसे अपने देशों में अमल में लाएंगे, बातचीत की। इस परियोजना का अध्ययन करने के लिए फिलीपीन्स, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, नेपाल एवं थाईलैंड के प्रतिनिधि भारत की यात्रा पर हैं। बैठक के दौरान यूएनडीपी के कंट्री डायरेक्टर श्री जैको सिलियर्स एवं यूएनडीपी के अपर कंट्री डायरेक्टर डॉ राकेश कुमार भी उपस्थित थे।
श्री मिश्रा ने कहा कि मंत्रालय उनकी क्षमताओं को मजबूत बनाने और उनके कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने तथा उन्हें समर्थन देने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार की डिजिटल इंडिया एवं मेक इन इंडिया पहलों के लिए एक बडा प्रोत्साहन है। उन्होंने कहा कि प्रतिरक्षण के क्षेत्र में यह एक मानदंड स्थापित करता है। शिष्टमंडल ने प्रतिरक्षण परियोजनाओं के अपने देशों के अनुभव साझा किये तथा कहा कि भारत की यात्रा उनके अपने देशों के कार्यक्रमों को मजबूत बनाने में सहायता करेगी।
यूएनडीपी के कंट्री डायरेक्टर श्री जैको सिलियर्स ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों एवं नये ज्ञान के लिहाज से भारत में साझा करने के लिए बहुत कुछ है। उन्होंने कहा कि ऐसी यात्रायें अन्य देशों को प्रतिरक्षण के क्षेत्र में भारत के इन सर्वश्रेष्ठ प्रचलनों को सीखने और अपने खुद के कार्यक्रमों को मजबूत बनाने का अवसर प्रदान करती हैं।
देश में प्रतिरक्षण के कवरेज को बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है, सही तापमान के रख-रखाव के जरिए टीकों की गुणवत्ता बनाये रखना भी एक आवश्यक तत्व है। इ-विन इसे सुनिश्चित करने कि दिशा में एक कदम है।
3. भारत विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2017 में भारत 136 वें स्थान पे है. यह सूचकांक कौन सी संस्था द्वारा जारी किआ जाता है?
a. बीबीसी- अन्तराष्ट्रीय
b. वर्ल्ड वाइड न्यूज़
c. रिपोर्ट्स विदाउट बार्डर
d. उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: c
व्याख्या:
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' ने 180 देशों की सूची जारी की है जिसमें प्रेस स्वतंत्रता के हिसाब से भारत का स्थान 136वां है. भारत ज़िम्बॉब्वे और म्यांमार जैसे देशों से भी पीछे है. निर्भीक पत्रकारिता करने के मामले में नॉर्वे, स्वीडन और फिनलैंड अव्वल हैं. इस मामले में चीन 176वें और पाकिस्तान 139 नंबर पर है. मई 2014 में मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे. तब भारत 140वें नबंर पर था. 2015 में भारत 136वें नंबर पर आया. 2016 में 133वें नबंर आया और 2017 में 136वें पायदान पर आ गया. 2010 में भारत इस सूची में 122वें नंबर पर था और तब यूपीए सरकार सत्ता में थी. इसके बाद भारत 2014 तक 140वें नबंर पर रहा. इस सूचकांक में कुल 180 देशों को शामिल किया गया है। इस सूचकांक में भारत की स्थिति की जानकारी ‘मोदी के राष्ट्रवाद से खतरा’ (Threat From Modi’s Nationalism) शीर्षक से प्रकाशित की गई है। वर्ष 2017 के सूचकांक में भारत 42.94 अंकों के साथ 136वें पायदान पर है, जबकि पिछले वर्ष भारत 43.17 अंकों के साथ 133वें स्थान पर था। पिछले 6 वर्षों से लगातार प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले फिनलैंड को नॉर्वे ने प्रतिस्थापित किया।
सूचकांक में प्रथम पांच स्थान प्राप्त करने वाले देश- 1. नॉर्वे – 7.60, 2. स्वीडन – 8.27, फिनलैंड – 8.92, 4. डेनमार्क – 10.36 एवं नीदरलैंड्स 11.28 ।
सूचकांक में निम्नतम पांच स्थान प्राप्त करने वाले देश-(180) उत्तरी कोरिया – 84.98, (179) इरीट्रिया – 84.24, (178) तुर्कमेनिस्तान – 84.19, (177) सीरिया – 81.49 एवं (176) चीन – 77.66 ।
सूचकांक में प्राप्त अंकों के आधार पर देशों को 5 वर्गों में बांटा गया है-1. उत्तम, 0-15 अंक; 2. अच्छा, 15.01 – 25 अंक; 3. समस्याग्रस्त, 25.01 – 35 अंक; 4. खराब, 35.01 – 55 अंक; 5. बहुत खराब, 55.01 -100 अंक।
इस सूचकांक को बनाने के लिए रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स द्वारा 20 भाषाओं में 80 प्रश्नों की एक ऑनलाइन प्रश्नावली तैयार की गई थी।
ये प्रश्नावली 7 मानदंडों पर बनाई गई है-1. बहुवाद (Pluralism), 2. स्वतंत्र मीडिया (Media Independence), 3. परिस्थिति एवं आत्म-अभिवेचन (Environment and Self – Censorship), 4. विधायी ढांचा (Legislative Framework), 5. पारदर्शिता (Transparency), 6. अवसंरचना (Infrastructure) और 7. हनन (Abuses)।
रिपोर्ट्स विदआउट बॉर्डर्स वर्ष 1984 में पेरिस (फ्रांस) में स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जो प्रेस और सूचनाओं के अबाध प्रवाह की वकालत करता है।
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4. कम्बला खेल से जुड़े निम्न तथ्यों पर गौर कीजिये:
1).कम्बला के भैंसों की रेस है. जो स्थानीय जमीदारों द्वारा आयोजित की जाती है.
2) कंबाला तमिलनाडु के समुद्र तटीय सथानो पर आयोजित किया जाता है.
सही विकल्प चुनिए.
a. केवल 1
b. केवल 2
c. दोनों 1 व 2
d. न 1 न 2
उत्तर: a
व्याख्या:
कंबाला नवंबर से मार्च महीने के दौरान भैंसों की सालाना दौड़ को कंबाला कहा जाता है। इसका आयोजन केरल से सटे दक्षिण कन्नड़ और उडुपी जिलों में किया जाता है। इन महीनों के दौरान इस खेल का आयोजन राज्य के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग वक्त पर होता है। पहले इस खेल के विजेताओं को नारियल दिए जाते थे, लेकिन अब गोल्ड मेडल और ट्रॉफी आदि देकर सम्मानित किया जाता है। एक मान्यता के मुताबिक कर्नाटक के कृषक समुदाय के बीच 800 साल पहले इस खेल का आयोजन शुरू हुआ था। यह पर्व भगवान शिव के अवतार कहे जाने वाले भगवान मंजूनाथ को समर्पित माना जाता है। कहा जाता है कि इस खेल के जरिए अच्छी फसल के लिए भगवान को खुश किया जाता है। एक अन्य मान्यता के अनुसार यह शाही परिवार का खेल था।
5. निम्न में से कौन से भारतीय वस्तु का जीआई टैग नहीं है?
a. दार्जीलिंग चाय
b मथुरा पेडा
c. बंगंपल्ले आम
d. उपरोक्त सभी
उत्तर: d
व्याख्या :
वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एवं सुरक्षा), अधिनियम, 1999 के तहत 48 महत्वपूर्ण एवं पारम्परिक हथकरघा उत्पादों को पंजीकृत किया गया है।
केन्द्र एवं राज्य सरकारों के अधिकृत अधिकारियों को समय-समय पर जीआई पंजीकृत हथकरघा उत्पादों की नकल की शिकायतों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। हाल ही में, कपड़ा मंत्रालय को विभिन्न हथकरघा संगठनों/यूनियनों से शिकायतें मिली हैं कि उनके प्रसिद्ध जीआई पंजीकृत हथकरघा उत्पादों के नकली संस्करणों का कपड़ा के यांत्रिक क्षेत्र द्वारा निर्माण किया जा रहा है और उन्हें जीआई पंजीकृत हथकरघा उत्पादों के नाम पर कुछ कपड़ा विपणन कंपनियों द्वारा बाजार में बेचा जा रहा है। इसका इन हथकरघा उत्पादों के बेशकीमती बाजारों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है और उनकी बदनामी भी हो रही है। उनके पंजीकृत भौगोलिक संकेतों के अतिक्रमण के कारण उनका बाजार मूल्य भी सिकुड़ रहा है।
जीआई पंजीकृत हथकरघा उत्पादों के पंजीकृत उपयोगकर्ताओं के पास वस्तुओं के भौगोलिक संकेत (पंजीकरण एवं सुरक्षा), अधिनियम, 1999 के प्रावधानों के तहत जीआई पंजीकृत हथकरघा उत्पादों के ऐसे अवैध निर्माण/विपणन के खिलाफ अपने हितों की सुरक्षा के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों से शिकायत करने के अधिकार हैं। भौगोलिक संकेत (Geographical Indication) वास्तव में वह स्थान/नाम है, जो उत्पाद की पहचान बताने में प्रयुक्त होता है। इस पहचान में शामिल हैं-उत्पाद का उद्भव, उसकी गुणवत्ता, प्रतिष्ठा तथा अन्य विशेषताएं। भौगोलिक संकेत दो प्रकार के होते हैं। पहले प्रकार में वे भौगोलिक नाम हैं, जो उत्पाद के उद्भव के स्थान का नाम बताते हैं। जैसे- शैंपेन, दार्जिलिंग चाय आदि। दूसरे हैं- गैर-भौगोलिक पारंपरिक नाम, जो यह बताते हैं कि उत्पाद किसी एक क्षेत्र विशेष से संबद्ध है। जैसे- अल्फांसो, बासमती आदि। किसी जीआई (GI) का पंजीकरण इसके पंजीकृत स्वामी और अधिकृत प्रयोगकर्ता को जीआई के प्रयोग का कानूनी अधिकार प्रदान करता है। गैर-अधिकृत व्यक्ति इसका प्रयोग नहीं कर सकता। जीआई टैग को ‘विश्व व्यापार संगठन’ (WTO) से भी संरक्षण मिल सकता है। उपर्युक्त महत्ताओं के दृष्टिगत बासमती चावल उत्पादक सात भारतीय राज्यों को ‘ज्योग्रॉफिकल इंडिकेशन’ (भौगोलिक संकेत) मिलना एक बड़ी उपलब्धि है।
5 फरवरी, 2016 को ‘बौद्धिक संपदा अपीलीय बोर्ड’ (Intellectual Property Appellate Board-IPAB) ने चेन्नई स्थित ‘भौगोलिक उपदर्शन रजिस्ट्री’ (GIR) को बासमती चावल को जीआई टैग प्रदान किए जाने का निर्देश दिया।
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