देश-दुनिया में ड्रोन का उपयोग हवाई सर्वेक्षण, फोटोग्राफी तथा एजुकेशनल ओबेजेक्टिव्स हासिल करने के लिए किया जाता है. आजकल भारत में स्विगी, ANRA, स्काई एयर मोबिलिटी और डन्जो जैसे बिजनेस ब्रांड्स ड्रोन्स को अपने बिजेस पर्पसेस के लिए इस्तेमाल करने की प्रक्रिया में हैं. भारत सरकार ने 27 अगस्त, 2018 को पहली बार देश में ड्रोन के इस्तेमाल के लिए एक नीति की घोषणा की थी. ये नियम 01 दिसम्बर, 2018 से लागू हो गये हैं. हमारे देश में ड्रोन्स का किसी भी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल करने से पहले यूजर्स को अपने ड्रोन, पायलट और मालिकों का पंजीकरण कराना जरूरी होगा. प्रत्येक फ्लाइट यूजर को मोबाइल एप के द्वारा अनुमति लेनी होगी और तुंरत ही स्वचालित तरीके से इसका उत्तर यानि परमिट मिलने और नहीं मिलने की जानकारी भी मिल जाएगी.
भारत में ड्रोन पायलट के तौर पर करियर अब भी स्टूडेंट्स और यंग प्रोफेशनल्स के बीच बहुत आम नहीं है, लेकिन भारत और विदेशों में आने वाले वर्षों में इसमें काफी आकर्षक करियर ग्रोथ स्कोप है. इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए यह आर्टिकल अवश्य बड़े ध्यान से पढ़ें.
भारत में ड्रोन पायलट बनने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
हमारे देश में ड्रोन पायलट बनने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया बहुत सामान्य है जैसेकि, आपकी आयु कम से कम 18 वर्ष हो और आपने अपनी 10वीं क्लास इंग्लिश विषय के साथ पास की हो. तब आप कोई भी ड्रोन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ज्वाइन कर सकते हैं.
भारत में DGCA द्वारा अप्रूव्ड टॉप ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स
हमारे देश में DGCA द्वारा अप्रूव्ड टॉप ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स की एक लिस्ट निम्नलिखित है:
- अल्केमिस्ट एविएशन प्राइवेट लिमिटेड, जमशेदपुर
- एम्बिशन्स फ्लाइंग क्लब प्राइवेट लिमिटेड, अलीगढ़
- फ्लाईटेक एविएशन एकेडमी, सिकंदराबाद
- इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी
- पायनियर फ्लाइंग एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड, अलीगढ़
- रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग एकेडमी प्राइवेट लिमिटेड, बारामती
- बॉम्बे फ्लाइंग क्लब, मुंबई
- तेलंगाना स्टेट एविएशन एकेडमी, हैदराबाद
भारत में ड्रोन पायलट ट्रेनिंग की कॉस्ट और ड्यूरेशन
DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन) से स्वीकृत किसी भी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से 05 दिन से 07 दिन का ड्रोन पायलट ट्रेनिंग कोर्स 65 हजार रुपये से लेकर 01 लाख रुपये तक है और इस फीस में सभी जरुरी किट्स और ट्रेनिंग मटीरियल्स भी शामिल हैं.
भारत में ड्रोन पायलट के लिए कोर्स करिकुलम
हमारे देश में ड्रोन पायलट के लिए कोर्स करिकुलम निम्नलिखित है:
- बेसिक रेडियो टेलीफोनी
- फ्लाइट प्लानिंग एंड ATC प्रोसीजर्स
- रेगुलेशन्स स्पेसिफिक टू दी एरिया ऑफ़ ऑपरेशन्स
- फ्लाइट एंड एरोडायनामिक्स नॉलेज
- एयरस्पेस स्ट्रक्चर एंड एयरस्पेस रिस्ट्रिक्शन्स
- बेसिक एविएशन मेटेओरोलॉजी
भारत में ड्रोन्स की केटेगरीज़
भारत में ड्रोन्स को उनके भार और आकार के आधार पर प्रमुख 05 केटेगरीज़ में विभाजित किया गया है:
- नैनो: 250 ग्राम से कम या उसके बराबर.
- सूक्ष्म: 250 ग्राम से अधिक और 02 किग्रा से कम या उसके बराबर.
- छोटा: 02 किलो से बड़ा और 25 किलो से कम या उसके बराबर.
- मध्यम: 25 किग्रा से अधिक और 150 किग्रा से कम या उसके बराबर.
- बड़ा: 150 किलो से अधिक.
भारत में ड्रोन्स से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण फैक्ट्स
- नैनो ड्रोन और नेशनल टेक्निकल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (NTRO) एवं केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के ड्रोनों के अलावा बाकी सभी ड्रोन्स का पंजीकरण किया जाएगा और उन्हें विशेष पहचान संख्या (UIN) जारी की जाएगी.
- DGCA से डिजिटल अनुमति के बिना उड़ान भरने वाला कोई भी ड्रोन टेकऑफ नहीं कर सकेगा.
- ड्रोन्स फ्लाइट्स के मामले में कुछ इलाकों को 'नो फ्लाई जोन' घोषित किया गया है. इसमें अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास के इलाके, एयरपोर्ट्स, विजय चौक, सचिवालय, मिलिट्री इलाके शामिल हैं.
- नैनो ड्रोन (250 ग्राम से कम) को UIN और UAOP प्राप्त करने से छूट दी गई है. आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आप इसे 50 फीट (15 मीटर) AGL से आगे नहीं उड़ाते हैं.
- सभी असैन्य ड्रोन परिचालन को सिर्फ दिन के समय के लिए सीमित रखा जाएगा और उड़ान सिर्फ उन्हीं जगहों तक सीमित रहेगी जहां दृश्यता अच्छी रहेगी. यह क्षेत्र सामान्यत: 450 मीटर का होता है.
- एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स को शिक्षा सम्बन्धी उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले ड्रोन के लिए UIN (Unique Identification Number) विशिष्ट पहचान संख्या प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है.
- ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति छोटे ड्रोन्स के लिए लागू नहीं होती है. जिस ड्रोन का टेक ऑफ भार अधिकतम 2 किलोग्राम है और इसमें कोई पेलोड नहीं है तो इसे 200 फीट के दायरे में और बंद जगह में उड़ाने के लिए किसी किस्म की अनुमति जरुरी नहीं है.
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