CBSE: COVID-19 महामारी के दौरान CBSE Board Exam 2020 की शेष परीक्षाओं को जुलाई में आयोजित कराने के निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में पेपरों को रद्द कराने की मांग को लेकर कई दलीलें दी गई हैं।
याचिका में कहा गया है कि जुलाई माह में सीबीएसई बोर्ड परीक्षा के आयोजन से हजारों छात्रों की जान जोखिम में पड़ सकती है क्योंकि उस दौरान कोरोना वायरस के मामलों की संख्या चरम पर होने का अंदेशा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सीबीएसई परीक्षा केंद्रों की संख्या 3,000 से बढ़ाकर 15,000 कर दी गई है और हर केंद्र पर सभी सुरक्षा उपायों को सुनिश्चित करना व्यावहारिक नहीं है।
Unlock 1.0: शैक्षिक संस्थानों को पुनः खोलने पर फैसला जुलाई माह में!
याचिका में आगे ये भी दलील दी गई है कि आबादी के एक बड़े हिस्से में बीमारी के कोई लक्षण नहीं दिखते (या फिर आबादी का बड़ा हिस्सा Asymptomatic) है। इससे विद्यार्थी कोरोनावायरस के वाहक भी बन सकते हैं और अन्य लोगो के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं।
याचिका में यह भी कहा गया है कि सीबीएसई का बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय मनमाना और भेदभाव पूर्ण है क्योंकि भारत के बाहर सीबीएसई स्कूलों में पेपर रद्द कर दिए गए हैं। कुछ स्टेट बोर्डों ने भी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि आईआईटी और दिल्ली विश्वविद्यालय जैसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान परीक्षा आयोजित नहीं कर रहे हैं।
CBSE ने पूरे भारत में 15,000 परीक्षा केंद्रों पर 1 जुलाई से 15 जुलाई तक 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाएं आयोजित करने की योजना बनाई है और हाल ही में बोर्ड ने नई डेटशीट के साथ-साथ ज़रूरी दिशा निर्देश भी जारी किये हैं।
CBSE 2020 Board Exam: महत्वपूर्ण दिशा निर्देश और गाइडलाइन्स जारी!
Comments
All Comments (0)
Join the conversation