तुर्की के राष्ट्रपति रसेप तय्यिप एर्दोगन ने भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के दौरान भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए और इसे सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। यह यात्रा पिछले सात वर्षों में तुर्की से भारत के राष्ट्रपति स्तर पर पहली यात्रा है। तुर्की के राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए, भारत के प्रधान मंत्री ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर बल दिया है। IAS उम्मीदवारों को आईएएस तैयारी के दौरान इस विषय को तैयार करना चाहिए और इसे IAS Mains परीक्षा 2017 में पूछा जा सकता है।
दोनों देशों के नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई, भारत में गुलीनिस्ट आतंक समूह (FETÖ) की गतिविधि और भारत की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई।
IAS प्रारंभिक परीक्षा 2017 के लिए करंट अफेयर्स: 4 मई 2017
किसी भी रूप में आतंकवाद का मुकाबला करने पर
- दोनों देश किसी भी रूप में आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने वैश्विक आतंकवाद के मुद्दे पर जोर दिया और पारस्परिक रूप से आतंकवाद से लड़ने में 'दोहरे मापदंडों' के अपनाने की निंदा करने पर सहमति जताई एंव दोनों द्विपक्षीय और बहुपक्षीय मंचों पर ऐसे खतरों से निपटने में प्रभावी ढंग से सहयोग को मजबूत करने पर भी सहमति व्यक्त की।
- दोनों देशों ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद (CCIT) पर व्यापक सम्मेलन पर वार्ता के प्रारंभिक निष्कर्ष को अपनाने पर भी सहमति व्यक्त की। CCIT को सन् 1996 में वैश्विक स्तर पर भारत द्वारा प्रस्तावित किया गया था लेकिन दो दशकों के बाद भी इसके निष्कर्ष को अभी तक अपनाया नहीं गया है।
एमटीसीआर (MTCR) के भारत की सदस्यता पर
- भारतीय प्रधान मंत्री ने अपनी कृतज्ञता जाहिर करते हुए एमआरसीआर (मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था) की भारत की सदस्यता और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) में शामिल होने के साथ-साथ तुर्की के निर्यात नियंत्रण शासन के साथ वासीनार व्यवस्था के लिए तुर्की के समर्थन के लिए एरडोगन का धन्यवाद किया।
- तुर्की के राष्ट्रपति ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) की सदस्यता के लिए भारत की दाव के लिए भी अपना समर्थन व्यक्त किया है।
IAS प्रारंभिक परीक्षा 2017 के लिए करंट अफेयर्स: 24 अप्रैल 2017
संयुक्त राष्ट्र (UN) के सुधारों पर
- दोनों देशों के नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सुधार की आवश्यकता पर बल दिया जिससे सुरक्षा परिषद के विस्तार में समुह को अधिक प्रतिनिधित्व, जवाबदेह और प्रभावी बनाया जा सके।
भारत-तुर्की व्यापार संबंधों पर
- एर्डोगन ने भारत के साथ मुफ्त व्यापार (फ्री-ट्रेड) में अपनी गहरी रुचि दिखाई और दोनों देशों के दोनों नेताओं ने व्यापार संबंधों को और अधिक विस्तार करने का संकल्प लिया और 2020 तक कम से कम 10 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के स्तर को पूरा करने के प्रयासों को प्रोत्साहित करने का फैसला किया।
- दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार की वर्तमान स्थिति पर एर्डोगन ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार में करीब 6 अरब डॉलर का कारोबार दोनों अर्थव्यवस्थाओं के संप्रभुओं के लिए उचित नहीं है।
मोदी के 'मेक इन इंडिया' मिशन पर
- भारतीय प्रधानमंत्री ने तुर्की के निवेश का स्वागत किया जो कि भारत के 'मेक इन इंडिया' मिशन को सफल बनाने मे काफी हद तक मदद करेगा।
- तुर्की के राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच व्यापारिक लाभ जाहिर करते हुए कहा कि भारत के बुनियादी ढांचे की जरूरतों और स्मार्ट शहरों को विकसित करने के मुहीम की दृष्टि से निर्माण उद्योग में तुर्की का विशेषज्ञता के साथ अच्छी तरह से मेल खाती है।
- सूचना और प्रौद्योगिकी (आईटी), फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में परस्पर सहयोग पर भी सहमती जताते हुए, जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार के विकास के लिए अनुकूलता पर भी उन्होंने बल दिया है।
ऊर्जा सहयोग में सुधार लाने पर
- दोनों देश के नेताऔं ने ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग निर्धारित करते हुए हाइड्रोकार्बन, अक्षय ऊर्जा (सौर और वायु) और ऊर्जा दक्षता पर सहयोग में सुधार करने पर भी सहमति व्यक्त की है।
मोदी की तुर्की यात्रा
- एर्डोगान ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और तुर्की को पारस्परिक रूप से उपयुक्त समय पर तुर्की आने के लिए आमंत्रित किये और प्रधान मंत्री मोदी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिए हैं।
भारत-तुर्की एमओयू (MoUs) पर हस्ताक्षर किए
- एरडोगन की भारतीय-यात्रा के दौरान दोनों देशों ने कई क्षेत्रों पर विभिन्न समझौतों और समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किये हैं:
- 2017-2020 तक के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम
- भारत के विदेशी सेवा संस्थान और कूटनीति अकादमी के बीच सहयोग
- तुर्की गणराज्य की सरकार और भारत गणराज्य की सरकार के बीच एक समझौता किया गया जो राजनयिक मिशन के सदस्यों के परिवार या कांसुलर पदों के लिए प्रोडक्टिव ओकुपेशन पर हस्ताक्षर किए गए।
सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर
- दोनों देशों के नेताओं ने सूफी परंपराओं की संस्कृति और हिंदी पर तुर्की भाषा के आदान-प्रदान और प्रभावों के संबंधों पर सहमति जताई जिससे दोनों दोनों देशों के लोगों के बीच गहरा संबंध स्थापित हो सके।
भारत-पाकिस्तान संबंध पर तुर्की का रुझान
- द्विपक्षीय वार्ता के दौरान कश्मीर मुद्दे का कोई जिक्र नहीं हुआ था लेकिन एर्दोगान ने पहले कभी अपने विचारों मे व्यक्त किया था कि जम्मू और कश्मीर पर भारत-पाकिस्तान का विवाद पर टर्की अपनी भागीदारी निभाने को तैयार है तथा इस मसले को "बहुपक्षीय वार्ता" के माध्यम से हल किया जा सकता है।
- एरडोगन जम्मू और कश्मीर विवाद अत्यधिक हताहत मे असहमति जताते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच के संबंध में बहुपक्षीय संवादों के माध्यम से सुधार किया जा सकता है जिसमे तुर्की अहम निभा सकता है।
- भारत ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच बातचीत में मध्यस्थता करने के तुर्की के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है क्योंकि तुर्की ने विभिन्न मंचों पर पहले कश्मीर पर पाकिस्तान की स्थिति का समर्थन किया था।
निष्कर्ष
पिछले कुछ वर्षों में भारत और तुर्की के बीच द्विपक्षीय व्यापार में गिरावट आई है। तुर्की के राष्ट्रपति के इस विशेष भारत-यात्रा से इन दोनों देशों के बीच पुराने संबंधों में सुधार लाएगा। अपनी क्षमताओं का विस्तार करते हुए, तुर्की के राष्ट्रपति ने भारत में विभिन्न क्षेत्रों में अपना सहयोग देने का भाव भारत के लिए काफी उत्साहवर्धक है। भारत को इन दो राष्ट्रों के बीच संबंधों को बनाए रखने मे अहम भूमिका निभाने की आवश्यकता है तथा उन क्षेत्रों के बारे में भी पता लगाना चाहिए जहां ये दोनों देश एक दूसरे से अत्यधिक लाभ उठा सकते हैं।
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