रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर का पद राज्य सरकार के अधीन ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत तहसील स्तर पर होता है. रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर का पद ग्रुप बी या ग्रुप सी स्तर, राज्यों के अनुसार अलग-अलग, का होता है. रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर अपनी नियुक्ति के क्षेत्र में ग्रामीण विकास के लिए प्रधान अधिकारी होती है. रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर अपने नियुक्ति के क्षेत्र में ग्रामीण विकास की योजनाओं के क्रियान्वयन एवं विकास कार्यों की देख-रेख करता है. रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर को अपने क्षेत्र के सम्बन्धित गांवों के प्रधान, ब्लॉक डेवेलपमेंट ऑफिसर, पंचायत, समिति के निर्वाचित सदस्यों, आदि के सहयोग और समन्वय के साथ कार्य करने होते हैं.
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर की भूमिका ब्लॉक स्तर पर ग्रामीण विकास योजनाओं जैसे नरेगा, वृद्धावस्था पेंशन योजना, विकलांग को लाभ, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, निर्धन आवास, कृषि योजनाओं, आदि से जुड़े सभी कार्यों को निपटाने के संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण होती है. रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के लिए आवश्यक है कि आपको निर्धारित न्यूनतम योग्यता के साथ-साथ ग्रामीण विकास के विभिन्न पहलुओं, कार्यों और केंद्र व राज्य सरकारी के विभिन्न योजनाओं आदि की पूरी जानकारी हो.
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के लिए कितनी होनी चाहिए योग्यता?
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर बनने के लिए उम्मीदवारों को सम्बन्धित राज्य के लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) परीक्षा या राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा उत्तीर्ण करना होती है. पीसीएस परीक्षा में बैठने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी विषय में स्नातक उत्तीर्ण होना चाहिए. इसके साथ ही, उम्मीदवारों को संबंधित राज्य की आधिकारिक भाषा में कार्य करने, बोलने एवं समझने में पारंगत होना चाहिए.
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के लिए कितनी है आयु सीमा?
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर बनने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 37 वर्ष के बीच हो. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के लिए चयन प्रक्रिया
प्रांतीय सिविल सेवा परीक्षा (पीसीएस परीक्षा) में उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा (प्रारंभिक), लिखित परीक्षा (मुख्य) और व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर किया जाता है. सभी चरणों में सफल उम्मीदवारों को प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट बनायी जाती है. मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रांतीय सिविल सेवा के विभिन्न पदों पर उम्मीदवारों को प्रशिक्षण के बाद नियुक्ति दी जाती है, जिनमें से रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर का भी पद शामिल होता है.
कितनी मिलती है रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर को सैलरी?
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड-1 अर्थात रु.5200- रु. 20200 + ग्रेड पे रु. 2000 के अनुसार सैलरी दी जाती है. जिन राज्यों या संगठनों में सातवां वेतन आयोग लागू हो चुका है वहां समकक्ष पे-मैटिक्स लेवल – 7 के अनुरूप सैलरी दी जाती है. इसके अतिरिक्त लागू भत्ते और अन्य सुविधाएं दी जाती है.
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर को कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
रूरल डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर चयन विभिन्न राज्य के लोक सेवा आयोगों द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रांतीय सिविल सेवा (पीसीएस) परीक्षा या राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से किया जाता है. इन परीक्षाओं के लिए अधिसूचना समय-समय पर सम्बन्धित राज्य के लोक सेवा आयोग या राज्य अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा निकाली जाती हैं. इन सभी अधिसूचनाओं के बारे में सम्बन्धित राज्य लोक सेवा आयोग की वेबसाइट, भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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