बैंकिंग उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। समष्टि अर्थशास्त्र (macroeconomic) के व्यापक आर्थिक पहलुओं के माध्यम से देश में आर्थिक तरक्की और विकास को प्रोत्साहित करने के अलावा, बैंकिंग उद्योग मुख्य रूप से एक सेवा क्षेत्र (service sector) है जिसमें ग्राहक राजा हैं। किसी भी सेवा क्षेत्र की तरह, बैंकिंग उद्योग भी मुख्य रूप से अपने ग्राहकों पर निर्भर करता है, चाहे वह ग्राहक कोई कॉर्पोरेट यूनिट हो या ग्रामीण क्षेत्र का कोई व्यक्ति। और किसी भी अन्य ग्राहक-केंद्रित व्यवसाय मॉडल (customer-centric business model) की तरह, बैंकों को भी अपने ग्राहकों को बनाए रखने के लिए उन्हें क्वालिटी सर्विस प्रदान करनी होती है। बैंकिंग सेवाओं और संपूर्ण बैंकिंग उद्योग के महत्व को ध्यान में रखते हुए, बैंक कर्मचारियों द्वारा अपने ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली सेवाएं भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़े मायने में और भी महत्वपूर्ण हो जाती हैं।
यदि हम ग्राहकों को प्रदान की जाने वाली बैंकिंग सेवाओं की बात करे तो बैंक के कर्मचारी इस मामले में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें ग्राहकों को उत्कृष्ट सेवाएँ तो प्रदान करनी ही होती है बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होता है कि वे अपने ग्राहकों की अपेक्षाओं / आवश्यकताओं को पूरा करें। ऐसा करने के लिए, बैंक कर्मचारियों को कोर कस्टमर सर्विस स्किल्स (core customer service skills) विकसित करने की आवश्यकता होती है जो उन्हें अपने ग्राहकों को सर्वोत्तम संभव तरीके से बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध कराने में मदद करती हैं। यहाँ हम उन महत्वपूर्ण कोर कस्टमर सर्विस स्किल्स पर चर्चा करेंगे जो बैंक के कर्मचारियों में होनी चाहिए ताकि वे अपने कस्टमर्स को निर्बाध और यादगार बैंकिंग अनुभव प्रदान कर सकें।
कम्युनिकेशन (Communication)
कम्युनिकेशन शायद किसी भी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण गुण है और यह बैंकिंग क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भी सत्य है। अच्छे कम्युनिकेशन में सुनना और बोलना दोनों क्रियाएं शामिल होती है। ग्राहक द्वारा किये गए प्रश्नों/समस्याओं को ध्यान से सुनना और समस्या का सबसे उपयुक्त समाधान ढूंढना और अंत में अपने ग्राहक को इस समाधान को बताने/ समझाने में सक्षम होना ही एक अच्छी कम्युनिकेशन स्किल को प्रदर्शित करता है। आपको अपने ग्राहक को हर तरीकें से संतुष्ट करने का प्रयास करना चाहिए। ग्राहक द्वारा पूछे गये हर प्रश्न का उत्तर या समाधान इस तरीके से देने की कोशिश करिए जैसे आप किसी 5 वीं कक्षा के छात्र को कोई महत्वपूर्ण बात समझा रहे हो। भारतीय बैंकिंग उद्योग जो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ (CEO-Chief executive officer), किसानों और रोजाना मजदूरी करने वाले श्रमिकों से लेकर विभिन्न क्लाइंटों के साथ काम करता है, के लिए कम्युनिकेशन बहुत महत्वपूर्ण है । एक अच्छे बैंक कर्मचारी को ग्राहक के अनुसार अपनी कम्युनिकेशन तकनीकों को बदलने में सक्षम होना चाहिए तथा ग्राहक की समस्याओ को सरलतम तरीके से सुलझाने में और कम से कम समय-सीमा के भीतर सहायता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए।
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समवेदना (Empathy)
समवेदना (Empathy) की परिभाषा के अनुसार, समवेदना किसी दूसरे व्यक्ति की स्थिति को उनके परिप्रेक्ष्य से समझने का अनुभव है। बैंकिंग उद्योग के सन्दर्भ में, समवेदना तात्पर्य अपने ग्राहकों की समस्याओ को तकनीकी व अन्य पहलुओं के साथ-साथ भावनात्मक पहलुओं को भी समझना है। कई विशेषज्ञों के मुताबिक, समवेदना किसी भी उद्योग में अच्छे ग्राहक सेवा संबंधों का आधार हैं। हालांकि, जैसा कि बैंकिंग क्षेत्र लोगों की वित्त व्यवस्था/योजना से संबंधित होता है, अतः इस क्षेत्र में लोगों की समस्याओं के प्रति समवेदना के साथ एक प्रभावी दृष्टिकोण होना और भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है। समवेदना दिखाकर आप ग्राहकों के साथ एक मजबूत निजी रिश्ता बना सकते है, जो कि आपके बैंक द्वारा लागू की गयी नीतियों और योजनाओं में ग्राहक का विश्वास बनाये रखने के लिए बहुत आवश्यक है।
धैर्य
बैंक के कर्मचारियों को हर रोज़ कई प्रकार के ग्राहकों से डील करना होता है; जिसमे से कुछ शिक्षित होते है और बैंक की नीतियों से अवगत हो सकते हैं। परन्तु कुछ अशिक्षित होते है और बैंकिग नियमो से परिचित नहीं होते है। एक बैंक कर्मचारी के रूप में आपको अपने ग्राहकों को उनके स्वभाव, शैक्षणिक या वित्तीय पृष्ठभूमि का विचार किए बिना खुशी से सहायता और सेवा करने में सक्षम होना चाहिए। भारतीय बैंकिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी ताकत इसकी भेदभावहीन प्रकृति रही है, जो अपने सभी ग्राहकों को समान रूप से मानती है और उन सभी को गुणवत्ता सेवाएं प्रदान करती है। बैंक के कर्मचारियों को उत्कृष्ट आत्म-नियंत्रित और संयमित होना चाहिए और अपने ग्राहकों को महत्वपूर्ण नियमों और जटिल बैंकिंग नीतियों को धैर्यपूर्वक समझाना चाहिए। इस प्रकार बैंक के कर्मचारियों में धैर्य का होना अत्यंत आवश्यक है।
विश्वास / दृढ़ता
एक अन्य महत्वपूर्ण कस्टमर सर्विस स्किल जो सभी बैंक कर्मचारियों को विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए वह आत्मविश्वास है। सभी बैंक कर्मचारियों को आत्मविश्वासी और उनके क्षेत्र का पूर्ण जानकार होना चाहिए। इससे उनके ग्राहक मेहनत से अर्जित किये गये धन को लेकर बैंक पर भरोसा कर पायेगें। बैंक के कर्मचारियों को अपने सभी कार्यों जैसे ग्राहकों के प्रश्नों का जवाब देना, उन्हें नए उत्पादों के बारे में बताना या पिच करना या एक किसी समस्या को सुलझाना इत्यादि में कुशल होना चाहिए। अपने ग्राहकों की समस्याओं को कम-से-कम संभव समय में सबसे अच्छे तरीके से सुलझाना आपके ग्राहकों के बीच आपके साथ-साथ आपके बैंक की भी एक अच्छी छवि बनाएगा।
आश्चर्यों को संभालने की योग्यता
बैंकिंग क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे विविध उद्योगों में से एक है। दूर-दराज के क्षेत्रो में फैली हुई बैंकिंग शाखाए, विविध ग्राहकों, विभिन्न नियमों और नीतियों का लगातार विस्तार इस उद्योग को और भी अधिक चुनौतीपूर्ण बनाता है। इन मिश्रित कारकों का संयोजन समय-समय पर बैंक कर्मचारियों के सामने कई आश्चर्य और चुनौतियों को पेश करता है। उदाहरण के लिए बैंकिंग नीतियों के संबंध में केंद्रीय बैंक की एक नई नीति बैंको के पूरे ढांचे को बुनियादी रूप से बदल सकती है। ऐसे समय में, बैंक कर्मचारियों को कुछ आश्चर्यजनक समस्याओं से सामना करना पड़ सकता है।
उपरोक्त वर्णित गुण बैंक कर्मचारियों द्वारा उनके कर्तव्यों को सर्वोत्तम तरीके से निर्वहन करने के लिए टॉप कस्टमर सर्विस स्किल हैं। इनके अलावा, कई अन्य संबंधित गुण जैसे सेल्फ-मोटिवेशन, लक्ष्य-उन्मुख (goal-oriented) फोकस, संघर्ष समाधान तकनीक (conflict resolution techniques), समय-प्रबंधन(time management), जो बैंक कर्मचारियों को अपने व्यक्तित्व के अभिन्न अंग के रूप में विकसित करने की कोशिश करनी चाहिए।
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