मनुष्य स्वाभाव से ही जिज्ञासु होता है. हम अगर अपने देश की भाषा में माहिर होने के साथ-साथ एक या एक से अधिक फॉरेन लैंग्वेजेज सीख लें तो इस ‘ग्लोबल विलेज’ और इंटरनेट के दौर में हमारे लिए बेशक आजकल हमारे पास रोज़ी-रोटी कमाने के बेशुमार अवसर उपलब्ध हो जायेंगे. निस्संदेह, अगर हम अपनी भाषा या किसी फॉरेन लैंग्वेज को सीखकर अपना करियर शुरू करना चाहते हैं तो अब भारत में इसके लिए भी कई शानदार अवसर मौजूद हैं. लेकिन, सबसे पहले तो हमारे लिए यह जानना बहुत जरुरी है कि आखिर किसी देशी-विदेशी लैंग्वेज में सूटेबल कोर्स करके किन-किन क्षेत्रों में हमें रोज़गार के अवसर मिल सकते हैं या क्या हम अपना कोई ऐसा कारोबार शुरू कर सकते हैं जो फॉरेन लैंग्वेजेज से संबंधित हो. दरअसल, अगर आपको दुनिया के इतिहास के साथ-साथ देश-विदेश की जीवन शैली के बारे में जानकारी हासिल करने में काफी दिलचस्पी है तो आप दुनिया की इन 5 टॉप फॉरेन लैंग्वेजेज में कोर्स करके अपना शानदार करियर शुरू कर सकते हैं. हमारे देश भारत में भी विभिन्न फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स के लिए बेहतरीन करियर स्कोप है. आइये इस आर्टिकल को पढ़कर इस बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें:
फॉरेन लैंग्वेजेज से जुड़े खास करियर ऑप्शन्स
अगर हम किसी फॉरेन लैंग्वेज (या किसी भारतीय भाषा में भी) में एक्सपर्ट हो जाते हैं तो हम टीचर, प्रोफेसर, ट्रांसलेटर, इंटरप्रेटर, कंटेंट राइटर, कॉपी राइटर, स्क्रिप्ट राइटर या एडिटर आदि के प्रोफेशन में शानदार करियर बना सकते हैं.
भारत में फॉरेन लैंग्वेजेज से जुड़े प्रमुख सेक्टर्स, ऑफिसेज या संगठन
किसी फॉरेन लैंग्वेज में महारत हासिल करने के बाद आपको निम्नलिखित ऑफिसेज या संगठन में बेहतरीन जॉब ऑप्शन्स ऑफर मिल सकते हैं:
- इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन्स/ एमएनसीज
- एम्बेसीज
- विभिन्न संबद्ध मंत्रालय और सरकारी विभाग
- पब्लिशिंग हाउसेज
- आईटी इंडस्ट्री
- हॉस्पिटैलिटी सेक्टर
- एयरलाइन्स
- एक्सपोर्ट एजेंसीज
- रेडियो स्टेशन्स
- मीडिया लाइन
- ट्रेड ऑर्गनाइजेशन्स
ये हैं भारत के पांच टॉप फॉरेन लैंग्वेज कोर्सेज
- जर्मन
हालांकि जर्मन लैंग्वेज अन्य फॉरेन लैंग्वेजेज जैसेकि फ्रेंच, स्पेनिश, अरबी या चाइनीज भाषा की तरह दुनिया में काफी ज्यादा लोग नहीं बोलते हैं, तो भी यह लैंग्वेज भारत में फ्रेंच के बाद दूसरी सबसे ज्यादा लोकप्रिय फॉरेन लैंग्वेज है जिसके कुछ प्रमुख कारण हैं – जर्मन लैंग्वेज जर्मनी, ऑस्ट्रिया और स्विट्ज़रलैंड आदि यूरोपीय देशों की ऑफिशियल लैंग्वेज है. आज दुनिया में जर्मनी एक इकनोमिक पॉवरहाउस है और कई बड़ी जर्मन कंपनियों जैसेकि बीएमडब्ल्यू, सीमेंस, डेमलर और वॉक्सवैगन में जॉब के अवसर पाने के लिए भी जर्मन लैंग्वेज की जानकारी काफी जरुरी हो गई है. भारत के 500 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों में जर्मन लैंग्वेज कोर्स करिकुलम का हिस्सा है.
- स्पेनिश
स्पेनिश पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है. भारत में फ्रेंच और जर्मन लैंग्वेज के बाद स्पेनिश लैंग्वेज सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. स्पेनिश लैंग्वेज सीखने के बाद आप टूरिज्म, फॉरेन सर्विस, बीपीओ/ केपीओ में जॉब्स, ट्रांसलेशन, इंटरप्रिटेशन, टीचिंग, जर्नलिज्म, इंटरनेशनल बिजनेस की विभिन्न फ़ील्ड्स में बेहतर जॉब्स कर सकते हैं. इसके अलावा, स्पेनिश फुटबॉल, म्यूजिक और मूवीज़ भी ऐसे प्रमुख कारण हैं जिनकी वजह से भारत में आजकल लोग स्पेनिश कोर्सेज को महत्व दे रहे हैं.
- जैपनीज
लगातार बेहतर होते भारत-जापान के संबंधों के साथ ही भारत में विभिन्न जापानी कंपनियों द्वारा कारोबार करने के कारण अब हमारे देश में जैपनीज लैंग्वेज के एक्सपर्ट्स की मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है. आजकल जापान टेक्नोलॉजी और हाई क्वालिटी प्रोडक्ट्स का सेंटर बन चुका है. भारत में ईस्ट एशियन लैंग्वेजेज के बीच जैपनीज लैंग्वेज सबसे ज्यादा पसंदीदा लैंग्वेज ऑप्शन है. जैपनीज लैंग्वेज सीखने में काफी मुश्किल होती है इसलिए भारत में जैपनीज लैंग्वेज में एक्सपर्ट्स को विभिन्न लैंग्वेज-रिलेटेड जॉब्स के लिए कम कॉम्पीटिशन का सामना करना पड़ता है. अगर आप भारत में अधिकतम वेतन वाली किसी फॉरेन लैंग्वेज में महारत हासिल करना चाहते हैं तो जैपनीज लैंग्वेज आपको देश और विदेश में बेहतरीन सैलरी पैकेजेज दिलवाती है.
- फ्रेंच
भारत में कॉर्पोरेट सेक्टर में बेहतरीन जॉब्स प्राप्त करने के लिए फ्रेंच लैंग्वेज सबसे बढ़िया फॉरेन लैंग्वेज है. फैशन, ट्रेवलिंग, रिटेल, एजुकेशन, ऑटोमोटिव, लक्ज़री गुड्स, एरोनॉटिक्स आदि फ़ील्ड्स से संबद्ध मल्टीनेशनल कंपनियां फ्रेंच को अपनी वर्किंग लैंग्वेज के तौर पर इस्तेमाल करती हैं. फ्रेंच लैंग्वेज 5 कॉन्टिनेंट्स के 30 से ज्यादा देशों में बोली जाती है और इंग्लिश लैंग्वेज के बाद दुनिया की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली फॉरेन लैंग्वेज है.
- मेंडरिन चाइनीज
पूरी दुनिया में 1 अरब से ज्यादा लोग मेंडरिन चाइनीज भाषा बोलते हैं. आजकल चीन एक विशाल मार्केट बन चुका है और विभिन्न इंटरनेशनल कंपनियां और कारोबार ऐसे लोगों को काम पर रखना चाहते हैं जो चाइनीज लैंग्वेज की अच्छी जानकारी रखते हों तथा चाइनीज कल्चर में सफलतापूर्वक काम कर सकें. अब, क्योंकि भारत में काफी कम लोग चाइनीज लैंग्वेज बोलते और समझते हैं, इसलिए चाइनीज लैंग्वेज में महारत हासिल कर लेने के बाद आप किसी भी फर्म में महत्वपूर्ण जॉब प्रोफाइल प्राप्त कर सकते हैं.
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भारत में फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट्स को मिलने वाला सैलरी पैकेजेज
हमारे देश में विभिन्न फॉरेन लैंग्वेजेज से जुड़े सभी पेशेवरों को आकर्षक सैलरी पैकेजेज ऑफर किये जाते हैं. ये सैलरी पैकेजेज प्रत्येक कंपनी, ऑफिस या संगठन अपनी लैंग्वेज नीड्स और जॉब प्रोफाइल्स के मुताबिक निर्धारित करता है. सैलरी निर्धारित करते वक्त इन पेशेवरों की क्वालिफिकेशन और वर्क एक्सपीरियंस पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है.
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के हेड, फॉरेन लैंग्वेज डिपार्टमेंट, फैकल्टी ऑफ़ आर्ट्स के अनुसार, भारत में फ्रेंच, चाइनीज या जर्मन जैसी किसी लैंग्वेज में बैचलर डिग्री प्राप्त करने के बाद स्टूडेंट्स को कई प्रमुख मल्टीनेशनल कंपनियों में 3.4 लाख रु. से 5 लाख रु. वार्षिक तक सैलरी पैकेज ऑफर किया जाता है.
फॉरेन लैंग्वेज एक्सपर्ट – एक अनूठा और संतोषजनक करियर ऑप्शन
ये हैं प्रमुख सैलरी पैकेजेज:
- प्रोफेसर: रु. 80,000/- प्रति माह
- लेक्चरर: रु. 60,000/- प्रति माह
- ट्रांसलेटर: रु. 50 – 100/- 1 पेज
- इंटरप्रेटर: रु. 300 – 500/- प्रति 1 घंटा
- एम्बेसी वर्कर: रु. 15,000 – 30,000/- (शुरू में अनुमानित सैलरी)
इन टॉप इंडियन कॉलेज और इंस्टीट्यूट्स से सीखें फॉरेन लैंग्वेजेज:
भारत में बड़ी संख्या में इंस्टीट्यूट्स और कॉलेज विभिन्न फॉरेन लैंग्वेजेज में शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म (डिप्लोमा/ डिग्री) कोर्सेज ऑफर करते हैं. भारत में ये फॉरेन लैंग्वेज कोर्सेज सर्टिफिकेट लेवल, डिग्री/ डिप्लोमा लेवल, मास्टर डिग्री और पीएचडी लेवल तक उपलब्ध हैं. प्रमुख कॉलेज और इंस्टीट्यूट्स के नाम निम्नलिखित हैं:
- दी इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजेज यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
- सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन लैंग्वेजेज (एसआईएफएल), पुणे
- रामकृष्ण मिशन इंस्टीट्यूट ऑफ कल्चर, कलकत्ता
- बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी
- दिल्ली यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी (पुणे यूनिवर्सिटी), पुणे
- राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर
- स्कूल ऑफ लैंग्वेज - जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- एलायंस फ्रैंसेज डी नई दिल्ली, नई दिल्ली
- एमिटी स्कूल ऑफ लैंग्वेज, नोयडा
सूटेबल टॉप जर्नलिज्म स्पेशलाइजेशन कोर्स करके बनें कामयाब जर्नलिस्ट
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
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