UPPSC : हर साल लाखों की संख्या में उम्मीदवार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा (पीसीएस) परीक्षा की तैयारी करते हैं और उनमें से कुछ ही इस परीक्षा में सफल होते हैं, जबकि अन्य सही स्ट्रेटेजी के अभाव में सफल नहीं हो पाते हैं इसीलिए आज हम यहाँ आपके लिए UPPSC की पढाई से सम्बंधित महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजी ले कर आयें हैं जिससे आप UPPSC की तैयारी शून्य से कैसे करें, ये जान सकते हैंI यहाँ हमने सिविल सर्विसेज की पढाई से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की है और UPPSC की पढाई का सही तरीका बताने का भी प्रयास किया है I
UPPSC की तैयारी के लिए क्या होनी चाहिए योग्यता ?
शैक्षिक योग्यता |
किसी भी विषय से स्नातक |
आयुसीमा |
21 वर्ष से 40 वर्ष |
UPPCS Exam Pattern in Hindi :
UPPCS की परीक्षा 3 चरणों में होती है पहले चरण में प्रीलिम्स की परीक्षा होती है जिसमें 2 पेपर होते है पहला सामान्य अध्ययन जिसमें भारतीय इतिहास, भारत एवं विश्व का भूगोल, भारत की राज्यव्यवस्था, कला एवं संस्कृति, इकोलॉजी और एनवायरनमेंट, भारत की अर्थव्यस्था, विज्ञान और टेक्नोलॉजी, और चर्चा में चल रहे करेंट अफेयर्स के टॉपिक और उत्तर प्रदेश स्पेशल पर आधारित 150 प्रश्न पूछें जाते हैं और ये पेपर 200 अंकों के होते हैं.
दूसरा पेपर सी- सैट का होता है जिसमें अभ्यर्थी की मेंटल एबिलिटी, और सामान्य मैथ्स की जांच की जाती है, ये दोनों ही पेपर ऑब्जेक्टिव होते है और इसमें नेगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान हैI दूसरा पेपर क्वालीफाइंग प्रकृति का होता है. इसमें 100 प्रश्न होते हैं जो 200 अंकों के होते है.
विषय |
प्रश्न |
अंक |
समय |
सामान्य अध्ययन -1 (सामान्य ज्ञान, यूपी स्पेशल, कर्रेंट अफेयर्स) |
150 |
200 |
2 घंटे |
सामान्य अध्ययन -2 (CSAT) |
100 |
100 |
2 घंटे |
इस परीक्षा में उम्मीदवारों की मेरिट पेपर-1 के आधार पर बनती है जबकि पेपर 2 केवल क्वालीफाइंग प्रकार का होता है, जिसमे उम्मीदवारों को 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है.
UPPSC Prelims Syllabus in Hindi:
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सामान्य अध्ययन पेपर -1 और पेपर -2 |
सामान्य अध्ययन पेपर -1 |
प्रश्न संख्या- 150 |
अंकों की संख्या - 200 |
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1/3 नेगेटिव मार्किंग |
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पाठ्यक्रम - राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं। भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन। भारतीय और विश्व भूगोल – भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल। भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि। आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, समावेश, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि। पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे – जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है। सामान्य विज्ञान, यूपी स्पेशल और कर्रेंट अफेयर्स |
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सामान्य अध्ययन पेपर -2 (C-SAT) |
100 प्रश्न |
अंक- 200 |
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पाठ्यक्रम - सामान्य समझ संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता निर्णय लेना और समस्या का समाधान सामान्य मानसिक क्षमता मूल संख्यात्मकता (संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण के क्रम, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, ग्राफ़, टेबल, डेटा पर्याप्तता, आदि। – कक्षा X स्तर) |
जो उम्मीदवार यूपी पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा में सफल होते हैं वे मुख्य परीक्षा देते है. मुख्य परीक्षा लिखित प्रकार की होती है और इसमें 4 पेपर होते हैं-
विषय |
अंक |
सामान्य हिंदी |
150 |
निबंध |
150 |
सामान्य अध्ययन -1 |
200 |
सामान्य अध्ययन -2 |
200 |
सामान्य अध्ययन -3 |
200 |
सामान्य अध्ययन -4 |
200 |
सामान्य हिंदी -
सामान्य हिंदी |
दिये गए गद्य खण्ड का अवबोध एवं प्रश्नोत्तर। संक्षेपण। सरकारी एवं अर्धसरकारी पत्र लेखन, तार लेखन, कार्यालय आदेश, अधिसूचना, परिपत्र। शब्द ज्ञान एवं प्रयोग। उपसर्ग एवं प्रत्यय प्रयोग विलोम शब्द वाक्यांश के लिए एकशब्द वर्तनी एवं वाक्य शुद्धि लोकोक्ति एवं मुहावरे। |
निबंध
निबंध के प्रश्न पत्र में तीन खंड होंगे, उम्मीदवारों को प्रत्येक खंड से एक विषय का चयन करना होता है और उन्हें प्रत्येक विषय पर 700 शब्दों में एक निबंध लिखना होगा। तीन खंडों में, निबंध के विषय निम्नलिखित क्षेत्र पर आधारित होंगे:
खण्ड अ - (1) साहित्य एवं संस्कृति (2) सामाजिक क्षेत्र (3) राजनीतिक क्षेत्र
खंड बी - (1) विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी (2) आर्थिक क्षेत्र (3) कृषि, उद्योग और व्यापार
खंड सी - (1) राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ (2) प्राकृतिक आपदाएँ, भूस्खलन, भूकंप, जलप्रलय, सूखा आदि। (3) राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम और परियोजनाएँ
सामान्य अध्ययन पेपर -1 |
भारतीय संस्कृति का इतिहास- प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य और वास्तुकला के प्रमुख पहलू आधुनिक भारतीय इतिहास (1757 ई. से 1947 ई. तक) - महत्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व और मुद्दे आदि। स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न हिस्सों से महत्वपूर्ण योगदान विश्व का इतिहास- इसमें 18वीं सदी से लेकर 20वीं सदी के मध्य तक की घटनाएं शामिल होंगी जैसे 1789 की फ्रांसीसी क्रांति, औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनर्निर्धारण, समाजवाद, नाजीवाद, फासीवाद आदि, उनके रूप और समाज पर प्रभाव स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर समेकन और पुनर्गठन (1965A.D. तक) भारतीय समाज और संस्कृति की मुख्य विशेषताएं समाज में महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या और संबंधित मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके उपाय उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण का अर्थ और अर्थव्यवस्था, राजनीति और सामाजिक संरचना पर उनके प्रभाव सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता विश्व के प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण- भारत के विशेष संदर्भ में दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के संदर्भ में जल, मिट्टी, वन। उद्योगों की अवस्थिति के लिए उत्तरदायी कारक (भारत के विशेष संदर्भ में) भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं- भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय गतिविधि, चक्रवात, समुद्री धाराएं, हवाएं और हिमनद भारत के महासागरीय संसाधन और उनकी क्षमता मानव प्रवासन- भारत पर ध्यान देने के साथ विश्व की शरणार्थी समस्या भारतीय उपमहाद्वीप के संदर्भ में सीमाएं और सीमाएं जनसंख्या और बस्तियाँ- प्रकार और पैटर्न, शहरीकरण, स्मार्ट शहर और स्मार्ट गाँव उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान- इतिहास, संस्कृति, कला, वास्तुकला, त्योहार, लोक नृत्य, साहित्य, क्षेत्रीय भाषाएं, विरासत, सामाजिक रीति-रिवाज और पर्यटन उत्तर प्रदेश भूगोल का विशिष्ट ज्ञान- मानव और प्राकृतिक संसाधन, जलवायु, मिट्टी, वन, वन्य-जीवन, खान और खनिज, सिंचाई के स्रोत |
सामान्य अध्ययन -2
सामान्य अध्ययन पेपर -2 |
भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना, संविधान के बुनियादी प्रावधानों के विकास में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका संघ और राज्यों के कार्य और उत्तरदायित्व- संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ, शक्तियों का हस्तांतरण और स्थानीय स्तर तक वित्त और उसमें चुनौतियाँ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र और संस्थाएँ, वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र का उद्भव और उपयोग अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ भारतीय संवैधानिक योजना की तुलना संसद और राज्य विधानमंडल- संरचना, कार्य, कार्य संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार और संबंधित मुद्दे कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली- सरकार के मंत्रालय और विभाग, दबाव समूह, और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और राजनीति में उनकी भूमिका, जनहित याचिका (पीआईएल) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियां, कार्य एवं उनके उत्तरदायित्व नीति आयोग सहित वैधानिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, उनकी विशेषताएं और कार्य सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके डिजाइन, कार्यान्वयन और सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) से उत्पन्न होने वाले मुद्दे शासन के महत्वपूर्ण पहलू- पारदर्शिता और जवाबदेही, ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और क्षमता, नागरिक, चार्टर और संस्थागत उपाय उभरती प्रवृत्तियों के संदर्भ में लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका विकास प्रक्रियाएं- गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), विभिन्न समूहों और संघों, दाताओं, दान, संस्थागत और अन्य हितधारकों की भूमिका केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित इन योजनाओं, तंत्रों, कानूनों, संस्थानों और निकायों का प्रदर्शन स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे गरीबी और भुखमरी से संबंधित मुद्दे, शरीर की राजनीति पर उनका प्रभाव भारत और पड़ोसी देशों के साथ इसके संबंध; द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/या भारत के हित को प्रभावित करने वाले समझौते भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव- भारतीय प्रवासी महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां उनकी संरचना, अधिदेश और कार्यप्रणाली राजनीतिक, प्रशासनिक, राजस्व और न्यायिक प्रणाली के संबंध में उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के करंट अफेयर्स और घटनाएं |
सामान्य अध्ययन -3
सामान्य अध्ययन पेपर -3 |
भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना, संविधान के बुनियादी प्रावधानों के विकास में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका संघ और राज्यों के कार्य और उत्तरदायित्व- संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ, शक्तियों का हस्तांतरण और स्थानीय स्तर तक वित्त और उसमें चुनौतियाँ केंद्र-राज्य वित्तीय संबंधों में वित्त आयोग की भूमिका शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र और संस्थाएँ, वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र का उद्भव और उपयोग अन्य प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के साथ भारतीय संवैधानिक योजना की तुलना संसद और राज्य विधानमंडल- संरचना, कार्य, कार्य संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार और संबंधित मुद्दे कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली- सरकार के मंत्रालय और विभाग, दबाव समूह, और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और राजनीति में उनकी भूमिका, जनहित याचिका (पीआईएल) लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति, शक्तियां, कार्य एवं उनके उत्तरदायित्व नीति आयोग सहित वैधानिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय, उनकी विशेषताएं और कार्य सरकार की नीतियां और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके डिजाइन, कार्यान्वयन और सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) से उत्पन्न होने वाले मुद्दे शासन के महत्वपूर्ण पहलू- पारदर्शिता और जवाबदेही, ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और क्षमता, नागरिक, चार्टर और संस्थागत उपाय उभरती प्रवृत्तियों के संदर्भ में लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका विकास प्रक्रियाएं- गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), विभिन्न समूहों और संघों, दाताओं, दान, संस्थागत और अन्य हितधारकों की भूमिका केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित इन योजनाओं, तंत्रों, कानूनों, संस्थानों और निकायों का प्रदर्शन स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे गरीबी और भुखमरी से संबंधित मुद्दे, शरीर की राजनीति पर उनका प्रभाव भारत और पड़ोसी देशों के साथ इसके संबंध; द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/या भारत के हित को प्रभावित करने वाले समझौते भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव- भारतीय प्रवासी महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां उनकी संरचना, अधिदेश और कार्यप्रणाली राजनीतिक, प्रशासनिक, राजस्व और न्यायिक प्रणाली के संबंध में उत्तर प्रदेश का विशिष्ट ज्ञान क्षेत्रीय, राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व के करंट अफेयर्स और घटनाएं |
सामान्य अध्ययन -4
सामान्य अध्ययन पेपर -4 |
नैतिकता और मानव इंटरफ़ेस- मानव क्रिया में नैतिकता का सार, निर्धारक और परिणाम, नैतिकता के आयाम, निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता, मानव मूल्य महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक, मूल्यों को विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका दृष्टिकोण- सामग्री, संरचना, कार्य, इसका प्रभाव और विचार और व्यवहार के साथ संबंध, नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण, सामाजिक प्रभाव और अनुनय सिविल सेवा के लिए योग्यता और मूलभूत मूल्य, अखंडता, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवाओं के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा भावनात्मक बुद्धिमत्ता- अवधारणा और आयाम, प्रशासन और शासन में इसकी उपयोगिता और अनुप्रयोग भारत और दुनिया के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान लोक प्रशासन में सार्वजनिक/सिविल सेवा मूल्य और नैतिकता- स्थिति और समस्याएं, सरकारी और निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं और दुविधाएं, नैतिक मार्गदर्शन, जवाबदेही और नैतिक शासन के स्रोत के रूप में कानून, नियम, विनियम और विवेक, शासन में नैतिक मूल्यों को मजबूत करना, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण, कॉर्पोरेट प्रशासन में नैतिक मुद्दे शासन में सत्यनिष्ठा- लोक सेवा की अवधारणा, शासन और सत्यनिष्ठा का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, आचार संहिता, आचार संहिता, नागरिक चार्टर, कार्य संस्कृति, सेवा वितरण की गुणवत्ता, सार्वजनिक धन का उपयोग , भ्रष्टाचार की चुनौतियां उपरोक्त मुद्दों पर केस स्टडी |
विभिन्न मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार से आयोग ऑप्शनल पेपर को समाप्त कर रहा है. और इसके स्थान पर दो अन्य पेपर ऐड कर रहा है इसकी अधिकारिक जानकारी आते ही हम यहाँ आपको सूचना देगे साथ ही 2 नये विषयों के साथ ही पैटर्न के विषय में भी जानकारी देंगे.
कैसे शुरू करें परीक्षा की तैयारी?
इस परीक्षा की तैयारी के लिए आपको सामान्य अध्ययन की बेसिक जानकारी अनिवार्य है इसके लिए आपको कक्षा 6 से 12 तक की NCERT की किताबों को पढना जरुरी है क्योंकि इससे आपमें सामान्य अध्ययन के विषय के लिए एक समझ विकसित होती हैI ये किताबें आप ncert की वेबसाइट से ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं या ऑफ लाइन पढने के लिए किसी बुक शॉप से भी खरीद सकते हैंI हमारा सुझाव है कि ये किताबें आप ऑफलाइन ही पढ़ें और एक टारगेट निर्धारित कर इन किताबों को 3 से 4 महीने में कम्पलीट करने का प्रयास करें, पुनः 2 से 3 बार इनका रिवीजन करें साथ ही इन किताबों को पढ़ते समय जरुरी तथ्यों को पॉइंट में लिखते रहें ताकि आपको रिवीजन में आसानी रहे और समय से रिवीजन हो पाएI UPPCS प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी एक साथ ही करें इससे आपको अधिक लाभ होगा क्योंकि ये एक दूसरे से सम्बंधित हैं और केवल एक चरण की तैयारी से आप अन्य चरण में सफल नहीं हो पाएंगेI
रेफरेंस बुक्स -
NCERT की पुस्तकों को कम्पलीट करने के बाद आपको सामान्य अध्ययन की कुछ स्टैण्डर्ड बुक्स को भी पढना होगा जिन्हें हम यहाँ विस्तार से बता रहें हैं -
- भारतीय राज्यव्यवस्था - एम. लक्ष्मीकान्त,
- हमारा संविधान भाग-1 और 2 - सुभाष चन्द्र
- कला एवं संस्कृति - नितिन सिंघानिया और नेशनल बुक ट्रस्ट की कला एवं संस्कृति की बुक, भारतीय संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट
- प्राचीन भारत - राम शरण शर्मा और old NCERT
- मध्यकालीन भारत- सतीशचन्द्र और old NCERT
- आधुनिक भारत - स्पेक्ट्रम और विपिन चन्द्र,
- आधुनिक भारत का इतिहास- विपिन चन्द्र और तमिलनाडु बोर्ड की 11thऔर 12th की इतिहास की किताबें ( ये किताबें केवल इंग्लिश में ही उपलब्ध हैं)
- स्वतंत्रता के बाद भारत - विपिन चन्द्र
- भारत तथा विश्व का भूगोल - महेश बर्णवाल या माजिद हुसैन,
- विश्व एटलस - ऑक्सफ़ोर्ड पब्लिकेशन या कोई अन्य
- भारतकी आंतरिक सुरक्षा और मुख्य चुनौतियां – अशोक कुमार और करेंट में चल रहे टॉपिक्स,
- अर्थव्यवस्था के लिए लाल एंड लाल या रमेश सिंह, सरकार द्वारा जारी डेटा, विभिन्न समितियां एवं आयोग, प्रतियोगिता दर्पण
- पर्यावरण परिस्थितिकी, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन – टाटा मैकग्रा हिल
- साइंस के लिए NCERT की बुक्स और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से सम्बंधित नवीनं टॉपिक्स
- एथिक्स (मुख्य परीक्षा पेपर -4) - सुब्बराव और पी एन चौधरी
- उत्तर प्रदेश की भौगोलिक संरचना, जलवायु, वनस्पति, मिटटी, व्यापार, योजनायें, और अन्य जानकरियों के लिए यूपी स्पेशल बुक
उपरोक्त पुस्तकों के अतिरिक्त, नीचे दी गईं अन्य अध्ययन सामग्री भी आपको तैयारी में सहायता करेंगी :
- दूसरी एआरसी रिपोर्ट
- इंडिया इयर बुक (नवीनतम)
- आर्थिक सर्वेक्षण (नवीनतम)
- बजट(नवीनतम)/ यूपी का बजट
- वित्त आयोग की रिपोर्ट (नवीनतम)
- केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा वार्षिक रिपोर्ट
- सामयिकी के लिए कोई मासिक पत्रिका
- कोई एक समाचार पत्र
- योजना पत्रिका
- प्रेस सूचना ब्यूरो विज्ञप्ति
- नीति आयोग एक्शन एजेंडा
- निबन्ध के लिए ( योजना, कुरुक्षेत्र मासिक पत्रिका)
- संसद टीवी की डिबेट, समाचार और अन्य जानकारी सम्बंधित महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को भी डेली रूटीन में सम्मिलित करेंI
किसी कर्रेंट अफेयर्स के टॉपिक को उसके पूर्व, वर्तमान और उसमे भविष्य में क्या संभावना हो सकती है इस नजरिये से समझने का प्रयास करें I
प्रैक्टिस सेट -
इसके अतिरिक्त पूर्व वर्षों के प्रश्न पत्रों को टॉपिक वाइज सॉल्व करने का प्रयास करें, जिस भी विषय को पढ़े उससे सम्बन्धित प्रीलिम्स और मेंस दोनों के प्रश्नों को सॉल्व करते रहें, यदि आवश्यक हो तो आप सहायता के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट को भी ज्वाइन कर सकते हैं, अंत में किसी भी विषय का अधिक से अधिक रिवीजन करें, और ये आवश्यक नहीं है कि, आप 18 से 20 घंटे पढ़ें, 8-10 घंटे पूर्ण एकाग्रता से पढने से भी आप सफल हो सकते हैंI