सरकारी नौकरी में अपना करियर बनाने के लिए इच्छुक कई उम्मीदवारों को पिछले कुछ वर्षों के दौरान बैंकिंग सेक्टर ने अनक अवसर प्रदान किए हैं। यह लगातार हर वर्ष भर्ती परीक्षाओं का आयोजन कर रहा है जिससे इस परीक्षा में भाग लेने वाले प्रतिभागियों की संख्या में ईजाफा हुआ है। बड़ी संख्या में देश के युवा सरकारी नौकरी प्राप्त कर अपना भविष्य सुरक्षित कर रहे हैं। बैंकिंग नौकरियों के साथ-साथ उम्मीदवारों के बीच एसएससी सीजीएल की नौकरी भी काफी प्रसिद्ध हैं। देश के लाखों उम्मीदवार हर साल एसएससी सीजीएल की परीक्षा में शामिल होकर भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में नौकरी पाते हैं। इस नौकरी में सम्मानजनक पद मिलने के साथ -साथ, पदोन्नति और अच्छी सैलरी, इच्छुक उम्मीदवारों को इस जॉब के लिए आकर्षित करती है। अपनी कठिन मेहनत के माध्यम से हजारों उम्मीदवार इस नौकरी को हासिल करते हैं।
नौकरी के अवसर के बारे में लोगों के विकल्प
लोगों को अपनी पसंद के अनुसार पद और अपने मन मुताबिक कार्य करने का अवसर मिलता है। साझा हितों के कारण इस परीक्षा में सफलता पाना काफी मुश्किल है। जहां एक तरफ लोगों को आरामदायक जॉब मिलती है वहीं दूसरी तरफ एसएससी सीजीएल के माध्यम से वो सम्मान भी अर्जित करते हैं। वहीं दूसरी तरफ कई अन्य लोग अपने कैरियर में ग्रोथ और सुरक्षित नौकरी के कारण पीओ पदों को चुनते हैं। इन नौकरियों के कई अच्छे और बुरे कारक भी हैं जो पूरी तरह से उन उम्मीदवारों की रूचि पर निर्भर करते हैं जो प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी कर रहे हैं।
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बैंक पीओ और एसएससी सीजीएल नौकरी का वेतन और प्रोफाइल
हाल ही में 10 वें द्विपक्षीय समझौते के बाद बैंक पीओ का वेतन 40000- 50000 रुपये प्रति माह तक पहुंच गया है, जो एक आयकर अधिकारी या आबकारी निरीक्षक की नौकरी की तुलना में काफी अधिक है। एक बैंक पीओ होने के नाते इसमें ग्रोथ के काफी अवसर होते हैं चाहे वो सैलरी के मामले में हो या पदोन्नति के मामले में। एक पीओ होने के नाते उम्मीदवारों का ज्यादातर समय देश में एक जगह पर रहता है, जिस कारण लगातार स्थानान्तरण का बोझ कम रहता है। उम्मीदवारों को अपने गृहनगर में भी तैनाती मिल सकती है, लेकिन एसएससी नौकरी के दौरान अपने गृहनगर में तैनाती के अवसर काफी कम रहते हैं।
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बैंक पीओ और एसएससी सीजीएल नौकरियों में स्थानांतरण और संवर्धन नीति
कर्मचारियों की सेवा अवधि के दौरान देश भर में उम्मीदवारों के निरंतर ट्रांसफर का प्रावधान रहता है। पीओ के पद की अपेक्षा एसएससी के पदों पर फास्ट ट्रैक पदोन्नति जैसी सुविधाओं की कमी रहती है। एसएससी में अधिकांश पदों के लिए पदोन्नति का दायरा सीमित है जबकि दूसरी तरफ बैंक पीओं अपनी सेवा के 3-4 साल पूरा करने के बाद ही प्रबंधक (मैनेजर) पद के स्तर तक पहुंच सकता है। एसएससी नौकरियों की उपरोक्त विशेषताओं के अतिरिक्त यह एक सम्मानित नौकरी है जिसमें उम्मीदवार का एक ऐसा सामाजिक दायरा होता है जो एक बैंक पीओ या किसी राष्ट्रीयकृत बैंक के मैनेजर का नहीं हो सकता है। नौकरी में चयनित होने के बाद बैंक पीओ को दो साल तक अपनी प्रारंभिक परिवीक्षा अवधि के दौर से गुजरना होता है जबकि एसएसजी सीजीएल के माध्यम से एक बार नौकरी हासिल करने के बाद इस तरह की कोई परिवीक्षा (प्रोबेशन) अवधि से नहीं गुजरना होता है।
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