लाभप्रद नहीं है
यह व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों की परीक्षाएं एक साथ होना आदर्शवाद के सिवा कुछ भी नहीं लगता है। यदि इस तरह की परीक्षा होती भी है, तो इससे स्टूडेंट्स का कोई भला नहीं होगा। इससे परेशानी अधिक बढ सकती है। इस कारण यह लाभप्रद नहीं है।
शालिनी
सही निर्णय
परीक्षा देने के लिए छात्रों को विभिन्न जगहों पर भागदौड करनी पडती है, जिसमें समय के नुकसान के साथ ही पैसा भी अधिक खर्च होता है। एक साथ विभिन्न कोर्सो की परीक्षाएं होने से पैसे व समय दोनों की बचत होगी। सरकार का देर से लिया गया सही निर्णय है।
वरूण सोनी
औचित्यहीन है
केंद्रीय विश्वद्यिालयों में प्रवेश के लिए सरकार कॉमन एंट्रेस टेस्ट की जो व्यवस्था बनाने जा रही है मेरी नजर में उसका कोई औचित्य नहीं है। इस व्यवस्था से छात्रों को परेशानी ही होगी, कल को सरकार का बस चले तो वह कक्षा एक के लिए भी प्रवेश परीक्षा निर्धारित कर देगी।
दिव्या ज्योति
हितकर है
सरकार का निर्णय बिल्कुल सही है। इस परीक्षा के लागू होने से केवल वह छात्र ही आगे आ सकेंगे, जो गंभीर होकर पढाई करना चाहते हैं, ना कि केवल डिग्री लेने के लिए। अक्सर ऐसा होता है कि 12 वीं के बाद केवल पढाई पूरी करने के नाम पर छात्र स्नातक में दाखिला ले लेते हैं। प्रवेश परीक्षा होगी तो छात्र पढाई के प्रति गंभीर होंगे।
हरीश
जोश डेस्क
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