सही रणनीति और बेहतर तैयारी से NDA में सफलता प्राप्त करें

किसी भी परीक्षा में सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती है, जो मानसिक रूप से मजबूत होते हैं...

Apr 4, 2013, 10:16 IST

किसी भी परीक्षा में सफलता उन्हीं स्टूडेंट्स को मिलती है, जो मानसिक रूप से मजबूत होते हैं। लेकिन एनडीए की परीक्षा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं से काफी अलग होती है। अन्य परीक्षाओं में जहां मानसिक मजबूती देखी जाती है, तो वहीं इस परीक्षा में शारीरिक और मानसिक दोनों की मजबूती आवश्यक है। यही कारण है कि इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले स्टूडेंट्स कम उम्र में ही सैन्य अधिकारी बन जाते हैं। अगर आप में भी ऑफिसर्स लायक क्वालिटी है और ऑफिसर बनकर देश की बेहतर सेवा करना चाहते हैं, तो आपके लिए बेहतरीन अवसर है।

कितने अंकों की परीक्षा एनडीए परीक्षा में दो विषयों की कुल 900 अंकों की परीक्षा होती है-पहला, मैथमेटिक्स और दूसरा जनरल एबिलिटी टेस्ट। दोनों के ढाई-ढाई घंटे के पेपर होंगे। मैथमेटिक्स का पेपर 300 और जनरल एबिलिटी का पेपर 600 अंक का होगा। सभी प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप के होंगे और गलत उत्तरों के लिए अंक काटे जाएंगे। इसकी तैयारी के लिए प्लानिंग बनानी होगी और उसी के अनुरूप तैयारी करनी होगी।

एसएसबी है अहम

रिटेन टेस्ट क्लियर करने वाले अभ्यर्थियों को सेना के सर्विस सेलेक्शन बोर्ड यानी एसएसबी द्वारा इंटरव्यू और व्यक्तित्व परीक्षण के लिए कॉल किया जाता है। परीक्षा के इस चरण का मुख्य उद्देश्य अभ्यर्थी की पर्सनैलिटी, उसकी बुद्धिमत्ता और सेना में एक ऑफिसर के रूप में उसकी ऑफिसर लायक क्वालिटी (ओएलक्यू) को जांचना-परखना होता है। एसएसबी के सेंटर देश के कई शहरों में स्थित हैं और अभ्यर्थी को उसके निकटवर्ती सेंटर पर ही बुलाया जाता है। आमतौर पर एसएसबी इंटरव्यू पांच दिनों का होता है, लेकिन इसमें पहले दिन स्क्रीनिंग टेस्ट ही होता है, जिसमें साइकोलॉजिकल टेस्ट लिया जाता है। स्क्रीनिंग टेस्ट में फेल होने वाले अभ्यर्थियों को वापस भेज दिया जाता है। शेष को अगले चार दिन तक कई टेस्ट देने होते हैं। इस दौरान उनका ग्रुप डिस्कशन यानी जीडी, साइकोलॉजिकल टेस्ट, इंटरव्यू बोर्ड तथा ग्रुप टास्क ऑफिसर द्वारा अलग-अलग तरीके से आकलन किया जाता है और उनकी ओएलक्यू को जांचा-परखा जाता है। अगर आप में इस तरह की क्वालिटी है, तो आप इस परीक्षा में अवश्य सफल हो सकते हैं।

ग्रेजुएशन और ट्रेनिंग एक साथ


एनडीए परीक्षा पास करने के बाद खडगवासला, पुणे में तीन वर्ष की ट्रेनिंग दी जाती है। तीन वर्ष की ट्रेनिंग के दौरान वे अपनी स्ट्रीम के अनुसार ग्रेजुएशन की पढाई भी पूरी करते हैं। इसके लिए उनके पास फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ एवं क प्यूटर साइंस विषयों के साथ बीएससी का या पॉलिटिकल साइंस, इकोनॉमिक्स, हिस्ट्री आदि विषयों के साथ बीए का विकल्प होता है। हालांकि, ट्रेनिंग के पहले वर्ष में तीनों सेनाओं के लिए चयनित अभ्यर्थियों को एक ही कोर्स की पढाई करनी होती है। दूसरे साल में उनके द्वारा चुने गए विंग यानी आर्मी, नेवी या एयरफोर्स के आधार पर उनके कोर्स का सिलेबस बदल जाता है। एनडीए में तीन वर्ष की ट्रेनिंग के उपरान्त कैंडिडेट्स को उनके द्वारा चुनी गई विंग की विशेष जानकारी के लिए स्पेशल ट्रेनिंग पर भेजा जाता है। इसके तहत आर्मी के लिए चयनित कैंडिडेट्स को इंडियन मिलिट्री एकेडमी (देहरादून), एयरफोर्स के कैंडिडेट्स को एयरफोर्स एकेडमी (हाकिमपेट) तथा नेवी के लिए चुने गए कैंडिडेट्स को नेवल एकेडमी (लोनावाला) भेजा जाता है।

 

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Education Desk

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