जानें दुनिया के उन 07 देशों के बारें में जिन्होंने अपने नाम बदले?

Sep 6, 2023, 18:56 IST

दुनिया भर में किसी स्थान या देश के नाम में परिवर्तन करने का इतिहास काफी पुराना है. पूरे इतिहास में देश के नामों में परिवर्तन हुए है. इस प्रकार के परिवर्तन अक्सर राजनीतिक, सामाजिक या सांस्कृतिक कारकों से प्रभावित होते हैं. चलिये जानें उन 07 देशों के बारें जिन्होंने अपने नाम बदले?  

जानें दुनिया के उन 07 देशों के बारें में जिन्होंने अपने नाम बदले?
जानें दुनिया के उन 07 देशों के बारें में जिन्होंने अपने नाम बदले?

दुनिया भर में किसी स्थान या देश के नाम में परिवर्तन करने का इतिहास काफी पुराना है. पूरे इतिहास में देश के नामों में परिवर्तन हुए है. इस प्रकार के परिवर्तन अक्सर राजनीतिक, सामाजिक या सांस्कृतिक कारकों से प्रभावित होते हैं. 

किसी भी देश के नाम में परिवर्तन उसकी पहचान, संप्रभुता या ऐतिहासिक विरासत का प्रतीक हो सकता है. इस आर्टिकल में हम ऐसे देशों के इतिहास को जानेंगे जिन्होंने अपने नाम में परिवर्तन किये है साथ ही उसके पीछे के कारणों को भी जानने की कोशिश करेंगे. 

1. सीलोन से श्रीलंका:

भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका का पहले नाम सीलोन (CEYLON) था. वर्ष 1972 में इस द्वीपीय देश ने अपना नाम बदलकर श्रीलंका कर लिया था. इस बदलाव के पीछे देश की बहुसांस्कृतिक पहचान को प्रतिबिंबित करना था साथ ही ब्रिटिश शासन के औपनिवेशिक अतीत के जुड़ाव को भी कम करना था. सिंहली भाषा में श्रीलंका का अर्थ "शानदार भूमि", जो देश की प्राकृतिक सुंदरता पर जोर देता है. 

2. मैसिडोनिया बना उत्तरी मैसिडोनिया:

वर्ष 2019 में यूरोप के दक्षिणपूर्व में स्थित मैसिडोनिया देश ने भी अपना नाम बदलकर उत्तरी मैसिडोनिया कर लिया था. यह परिवर्तन किसी भी देश द्वारा किया गया सबसे हाल की घटना थी. इसके साथ ही ग्रीस के साथ लंबे समय से चले आ रहे विवाद का समाधान हो गया. ग्रीस ने मैसिडोनिया नाम को लेकर आपत्ति जताई थी, क्योंकि इसी नाम का एक शहर ग्रीस के क्षेत्र में भी है. इस बदलाव के बाद दोनों देशों के संबंधो में सुधार आया है.    

3. बर्मा बना था म्यांमार:

भारत का पड़ोसी देश बहुत पहले से ही बर्मा नाम से जाना जाता था. वर्ष 1989 में सत्तारूढ़ सैन्य समूह जुंटा ने देश का नाम म्यांमार कर दिया था. यह परिवर्तन जुंटा की शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया. इसके बावजूद बहुत समय तक मानवाधिकारों के हनन और लोकतांत्रिक परिवर्तन की कमी पर चिंताओं के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कई देशों ने बर्मा नाम को ही मान्यता दे रहे थे.          

4. ज़ैरे बना डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो:

मध्य अफ़्रीकी देश ज़ैरे ने भी वर्ष 1997 में देश का नाम बदलकर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो कर दिया था. यह परिवर्तन देश को मोबुतु सेसे सेको के सत्तावादी शासन से दूर करने की एक पहल थी. क्षेत्रफल की दृष्टि से कांगो अफ्रीका का दूसरा सबसे बड़ा और दुनिया का 11वां सबसे बड़ा देश है. 

5. पूर्वी पाकिस्तान बना बांग्लादेश:

1971 में, पूर्वी पाकिस्तान का नाम बदलकर बांग्लादेश कर दिया गया था. एक बड़े युद्ध के बाद पूर्वी पाकिस्तान ने पश्चिमी पाकिस्तान से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी. इसके फलस्वरूप नये राष्ट्र बांग्लादेश का निर्माण हुआ था. यह परिवर्तन भी सांस्कृतिक, भाषाई और राजनीतिक मतभेदों को प्रतिबिंबित किया था.       

6. चेकोस्लोवाकिया से बने दो नए देश:

 1993 में चेकोस्लोवाकिया के विघटन के बाद दो अलग-अलग देशों का निर्माण हुआ उनमें से एक चेक गणराज्य और दूसरा स्लोवाकिया था. यह चेक और स्लोवाक के बीच अधिक स्वायत्तता की एक लड़ाई थी. स्लोवाकिया, आधिकारिक तौर पर स्लोवाक गणराज्य, मध्य यूरोप में एक लैंड लॉक्ड कंट्री है. 

7. सियाम बना था थाईलैंड:

थाईलैंड को 1939 तक सियाम के नाम से जाना जाता था. उसके बाद इस देश का नाम बदलकर थाईलैंड कर दिया गया था. इस परिवर्तन का उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया में बढ़ते पश्चिमी औपनिवेशिक प्रभाव के सामने देश की एकता को दिखाना था. थाईलैंड का अर्थ है 'स्वतंत्र भूमि' से है. थाईलैंड एक दक्षिणपूर्व एशियाई देश है. 

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Bagesh Yadav
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