Fundamental Rights और Directive Principles दोनों ही भारतीय संविधान द्वारा प्रदान किए गए हैं। भारत एक लोकतांत्रिक देश हैं, ऐसे में यहां के नागरिकों के हाथ में अधिक शक्ति है। इस बीच संविधान की ओर से नागरिकों को उनके मूल अधिकारों के बारे में बताया गया है, जिससे वह भारत के किसी भी स्थान पर बिना किसी भेदभाव, स्वतंत्रता, धार्मिक स्वतंत्रता, सामानता, सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकारों के साथ रह सके। वहीं, इसके अलावा राज्यों को इन सभी अधिकारों को पालन करने के साथ वहां के नागरिकों को कुछ मूल कर्तव्यों का पालन कराने की भी जिम्मेदारी गई है। मौलिक अधिकार और निदेशक सिद्धांतों में कुछ प्रमुख अंतर हैं। हालांकि, कई लोग इन दोनों के बीच अंतर को लेकर दुविधा में पड़ जाते हैं। इस लेख के माध्यम से हम इन दोनों के बीच अंतर को समझेंगे।
क्या होते हैं Fundamental Rights
मौलिक अधिकार किसी भी देश में रह रहे वहां के लोगों के हित के लिए होते हैं। ये व्यक्ति को नैतिक, बौद्धिक और अध्यात्मिक रूप से विकसित करने में मदद करते हैं। भारतीय संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों को संयुक्त राज्य अमेरिका के Bill of RIghts से लिया गया है। भारतीय संविधान में यह अधिकार भाग-3 में लिखे गए हैं। इस भाग के तहत अनुच्छेद 12 से 35 मौलिक अधिकारों के बारे में जानकारी देते हैं।
क्या हैं मौलिक अधिकार
-अनुच्छेद 14 से 18, सामानता का अधिकार
-अनुच्छेद 19 से 22, स्वतंत्रता का अधिकार
-अनुच्छेद 23 और 24, शोषण के विरुद्ध अधिकार
-अनुच्छेद 25 से 28, धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
-अनुच्छेद 29 और 30, सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार
-अनुच्छेद 32, संवैधानिक उपचार का अधिकार
क्या होते हैं Directive Principles
भारतीय संविधान के भाग-4 में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत शामिल हैं, जो कि अनुच्छेद 36 से 51 तक हैं। इन सिद्धांत का मूल उद्देश्य लोगों का सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के साथ भारत को एक कल्याणकारी राज्य के रूप में स्थापित करना है। इसमें उन सभी आदर्शों को शामिल किया गया है, जिनका राज्य को देश के लिए नीतियां बनाते समय ध्यान रखना चाहिए। यह सिद्धांत मौलिक अधिकारों के साथ-साथ चलते हैं, हालांकि ये मौलिक अधिकारों पर निर्भर नहीं हैं।
Fundamental Rights और Directive Principles में प्रमुख अंतर
-Fundamental Rights मौलिक अधिकार होते हैं, जो कि भारतीय संविधान के तहत प्रत्येक नागरिक को उसके मूल अधिकारों को लेकर गांरटी देते हैं, जबकि Directive Principles वे होते हैं, जिनका राज्य या केंद्र सरकार को नियमों का पालन कराते समय ध्यान रखना होता है।
-Fundamental Rights भारतीय संविधान के भाग-3 में अनुच्छेद 12 से 35 तक हैं। वहीं, Directive Principles संविधान के भाग-4 में 36 से 51 तक हैं।
-Fundamental Rights को संयुक्त राज्य अमेरिका से लिया गया गया है। वहीं, Directive Principles का मूल स्त्रोत स्पेनिश संविधान है। यहां से यह आयरिश संविधान में जोड़ा गया था।
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