महाद्वीपों की उत्पत्ति के संबंध में महाद्वीपीय सिद्धांत
बीसवीं शताब्दी के आरंभ तक कई विद्वानों ने महाद्वीपीय विस्थापन के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए किन्तु महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के प्रतिपादन का असली श्रेय जर्मनी के विद्वान एल्फ्रेड वेगनर (Alfred Wegenar) को जाता है, जिन्होंने 1912 में महाद्वीपों की उत्पत्ति तथा उनके वितरण के संबंध में महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत को प्रस्तुत किया था.
महाद्वीपों की उत्पत्ति के संबंध में प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत
प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार समस्त पृथ्वी पर विवर्तनिक शक्तियां काम कर रही है जिसके प्रभाव से भू-पर्पटी का ऊपरी भाग लिथोस्फीयर (Lithosphere) नर्म भाग स्थेनोस्फीयर (Asthenosphere) पर भ्रमण कर रहा है. सन 1968 में प्रिन्सटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डब्ल्यू. जे. मॉर्गन (W.J. Morgan) ने पहली बार प्लेट विवर्तनिकी को सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया था. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत की सहायता से हम महाद्वीपों की उत्पत्ति एवं उनकी वर्तमान स्थिति, समुद्र के निचले भाग का विस्तार तथा भूपटल पर पाई जाने वाली विभिन्न भू-आकृतियों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
महाद्वीपों की उत्पत्ति के संबंध में महाद्वीपीय विस्थापन एवं प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत में अन्तर
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत | प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत |
1. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत का प्रतिपादन 1912 में जर्मनी के विद्वान एल्फ्रेड वेगनर ने किया था. | 1. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत 1960 और 1970 के दशकों में प्रतिपादित कई सिद्धांतो, परिकल्पनाओं तथा प्रक्रमों का निचोड़ है. |
2. महाद्वीपीय सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी को सियाल (SIAL), सीमा (SIMA) तथा निफेक(NIFE) नामक तीन परतों में बांटा जाता है. | 2. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी को लिथोस्फियर (Lithosphere), स्थेनोस्फियर (Asthenosphere) तथा मैसोस्फियर (Mesosphere) में बांटा जाता है. |
3. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के अनुसार महाद्वीप हल्के परत सियाल के बने हुए हैं और भारी परत सीमा पर तैर रहे हैं. | 3. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार प्लेटें लिथोस्फीयर के सख्त तथा सुदृढ़ भाग हैं, जो स्थेनोस्फीयर पर तैर रहे हैं. |
4. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के अनुसार केवल महाद्वीपों में ही गति होती है. | 4. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार केवल महाद्वीपों में ही नहीं बल्कि महासागरों में भी गति होती है. |
5. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के अनुसार महाद्वीपों का वर्तमान स्वरूप पेन्जिया के टूटने से बना है. परन्तु यह सिद्धांत इस प्रश्न का उत्तर नहीं देता है कि क्या ये सभी महाद्वीप फिर से एक बड़े महाद्वीप (Supercontinent) के रूप में एकत्रित होंगी या नहीं. | 5. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार सभी महाद्वीप एक बड़े महाद्वीप (Supercontinent) से बने हैं और वे भविष्य में मिलकर फिर से एक बड़े महाद्वीप की रचना कर सकते हैं. |
6. वेगनर के अनुसार पेन्जिया के टूटने से महाद्वीपों का विस्थापन पश्चिमी तथा उत्तरी दिशा में हुआ है. | 6. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार प्लेटों के टूटे हुए टुकड़े सभी दिशाओं में विस्थापित होते हैं. |
7. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के अनुसार महाद्वीपों के टूटने के चरणों का कोई विवरण नहीं है. | 7. प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत के अनुसार महाद्वीप विभिन्न चरणों में टूट कर अलग हुए हैं. |
8. महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत में महाद्वीपों का साधारण रूप में टूटना बताया गया है और किसी प्रकार के किनारों (Margins) का उल्लेख नहीं किया गया है. | 8. प्लेटों की गति में विभिन्न प्रकार के किनारों (Margins) को मान्यता दी गई है. अपसरण (Divergent), अभिसरण (Convergent) तथा रूपांतर भ्रंश (Transform Fault) तीन निश्चित किनारे हैं. इन सबकी प्रक्रियाएं भिन्न हैं. |
9. वेगनर ने महाद्वीपीय विस्थापन के लिए अवकल गुरुत्वाकर्षण बल तथा प्लवनशीलता बल (Differential gravitational force and force of buoyancy) तथा ज्वारीय बल (Tidal Force) को उत्तरदायी माना है. | 9. प्लेट विवर्तनिकी के लिए कई बल उत्तरदायी माने जाते हैं. इनमें भू-गर्भ में चलने वाली संवहनीय धाराएं, मेंटल प्लूम (Mantle plume), स्लैब खिंचाव (Slab Pull) तथा कटकों का ढकेलना (Ridge Push) आदि प्रमुख हैं. इन बलों में महाद्वीपों को ढकेलने की शक्ति है. |
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