जानें सौर्य ऊर्जा संयंत्र लगवाने पर सरकार कितनी सब्सिडी देती है
यदि आप हर महीने आने वाले भारी-भरकम बिजली के बिल से तंग आ चुके हैं, तो सौर ऊर्जा संयंत्र आपके लिए सबसे बेहतर विकल्पा है. लोगों की बढती ऊर्जा जरूरतों, प्रदूषण तथा जीवाश्म ईंधन के घटते भंडारों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए और इसे हर घर में पहुँचाने की कोशिश के तहत आम जनों को अपने घर की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. सरकार यह सब्सिडी इसलिए दे रही है क्योंकि वर्तमान समय में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने में बहुत अधिक लागत आ रही है जोकि हर आम आदमी के वश की बात नही है. इस लेख में हम इस बात का उल्लेख कर रहें हैं कि सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाने पर सरकार कितनी सब्सिडी दे रही है और किन प्रक्रियाओं के तहत आप सौर ऊर्जा संयंत्र लगवा सकते हैं.
सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाने का खर्च
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छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का खर्च लगभग 1 लाख रूपए है. लेकिन केन्द्र सरकार की नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 30% की सब्सिडी दे रही है. इस प्रकार महज 70 हजार रूपए खर्च कर आसानी से छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जा सकता है.
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किन व्यक्तियों को सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाने के लिए सब्सिडी मिलती है
किसी एक व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह, स्व-सहायता समूह (SHG), संयुक्त देयता समूह (JLG), गैर सरकारी संगठन (NGO) और किसान क्लबों को सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाने के लिए नाबार्ड के माध्यम से सब्सिडी मिलती है. किसी निजी या सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी को इस योजना के तहत सब्सिडी नहीं दी जाती है.
सब्सिडी प्राप्त करने के लिए पात्रता
सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी का किसी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में अपना खाता होना चाहिए. इसके लिए सार्वजनिक राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी संपर्क किया जा सकता है. कुल लागत का 30% सब्सिडी के रूप में दिया जाता है जबकि शेष 70% राशि लोन के रूप में दिया जाता है. छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में 40% तक सब्सिडी दी जाती है. हालांकि लाभकारी शेष 70% में कितना भुगतान तत्काल करेगा, इसका निर्धारण भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार किया जाता है. ऋण चुकाने की अधिकतम अवधि 5 वर्ष होती है. ब्याज दर का निर्धारण भी भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के अनुसार ही किया जाता है.
ऋण प्राप्त करने के लिए लाभार्थी को नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय से प्राप्त अनुमोदन फार्म, टीआईएन नंबर, परियोजना का प्रस्ताव आदि से संबंधित दस्तावेज बैंक में जमा करना पड़ता है. सभी दस्तावेजों की पुष्टि के बाद बैंक ऋण प्रदान करती है और सब्सिडी जारी करने के लिए दस्तावेज नाबार्ड को भेजती है. जैसे ही ऋण प्राप्त हो जाता है तो उसकी ईएमआई शुरू हो जाती हैं, हालांकि नाबार्ड द्वारा सब्सिडी जारी करने में कुछ समय लगता है. नवीन एवं नवीकरणीय मंत्रालय के नियमों के अनुसार ऋण पर लगने वाला ब्याज सब्सिडी का हिस्सा नहीं होता है. यदि किसी व्यक्ति या समूह द्वारा सब्सिडी का गलत इस्तेमाल किया जाता है तो ऐसी स्थिति में बैंक को सब्सिडी वापस लेने का अधिकार है.
कहां से खरीदें सौर उर्जा संयंत्र
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सौर उर्जा संयंत्र खरीदने के लिए आप राज्य सरकार की “नवीकरणीय ऊर्जा विकास प्राधिकरण” से संपर्क कर सकते हैं. इसके लिए राज्यों के प्रमुख शहरों में कार्यालय बनाए गए हैं. इसके अलावा हर शहर में प्राइवेट डीलर्स के पास भी सौर उर्जा संयंत्र उपलब्ध रहता है.
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25 साल होती है सौर उर्जा संयंत्र की उम्र
सौर उर्जा संयंत्रों की उम्र लगभग 25 साल होती है, अर्थात एक बार में सौर उर्जा संयंत्र लगाने के बाद आप 25 सालों तक मुफ्त में बिजली का लाभ उठा सकते हैं.
10 साल में बदलनी होगी बैटरी
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सौर उर्जा संयंत्र से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि सौर उर्जा संयंत्र में मेटनेंस का खर्च नहीं आता है, लेकिन हर 10 साल में एक बार बैटरी बदलनी पड़ती है, जिसका खर्च लगभग 20 हजार रूपए है. इस सौर उर्जा संयंत्र को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी ले जाया जा सकता है.
एयर कंडीशनर भी चलेगा
एक किलोवाट क्षमता वाले सौर उर्जा संयंत्र से आमतौर पर एक घर की जरूरत की पूरी बिजली मिल जाती है. अगर एक एयर कंडीशनर चलाना है तो दो किलोवाट और दो एयर कंडीशनर चलाना है तो तीन किलोवाट क्षमता के सौर उर्जा संयंत्र की जरूरत पड़ती है.
अतिरिक्त बिजली बेचकर पैसे भी कमाए जा सकते हैं
घर की छत पर सौर उर्जा संयंत्र लगाकर लोकल बिजली कंपनियों से टाइअप करके अतिरिक्त बिजली को बेचा भी जा सकता है. इसके लिए लोकल बिजली कंपनियों से लाइसेंस लेना पड़ता है. इसके बाद बिजली कंपनियों के साथ पावर पर्चेज एग्रीमेंट करना पड़ता है. प्लांट लगाकर बिजली बेचने पर प्रति यूनिट 7.75 रूपए की दर से पैसा मिलता है.