आगामी 6-28 अक्टूबर, 2017 तक भारत के 6 अलग-अलग शहरों में U-17 फीफा विश्वकप का आयोजन किया जाएगा. यह U-17 फीफा विश्वकप का 17वां संस्करण है. यह पहला अवसर है जब भारत फीफा द्वारा प्रायोजित किसी विश्वकप की मेजबानी कर रहा है. इसके साथ ही यह पहला अवसर है जब भारत की U-17 फुटबॉल टीम विश्वकप में शिरकत करने जा रही है. इस लेख में हम U-17 फीफा विश्वकप के इतिहास और इस टूर्नामेंट से जुड़े रोचक तथ्यों का विवरण दे रहे हैं.
U-17 फीफा विश्वकप का इतिहास
U-17 फीफा विश्वकप की शुरूआत U-16 फीफा विश्व चैम्पियनशिप के रूप में की गई थी. बाद में 2007 में इस टूर्नामेंट का नाम बदलकर U-17 फीफा विश्वकप कर दिया गया. U-17 फीफा विश्वकप प्रतियोगिता “लायन सिटी कप” प्रतियोगिता से प्रेरित है, जिसकी शुरूआत सिंगापुर की फुटबॉल एसोसिएशन द्वारा 1977 में की गई थी. “लायन सिटी कप” दुनिया की पहली U-16 फुटबॉल टूर्नामेंट है. फीफा के तत्कालीन महासचिव जो ब्लॉटर की सिफारिश पर 1982 में फीफा द्वारा U-16 विश्व चैम्पियनशिप के आयोजन के लिए समिति गठित की गई थी.
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U-16 विश्व चैम्पियनशिप के पहले संस्करण का आयोजन 1985 में चीन में किया गया था और तब से लेकर अब तक हर दो वर्ष में इस टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता है. 1991 में इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की आयु सीमा को बढ़ाकर 17 वर्ष कर दी गई थी और इस प्रतियोगिता का नाम U-17 फीफा विश्व चैम्पियनशिप कर दिया गया था.
U-17 फीफा विश्वकप प्रतियोगिता में भाग लेने वाले टीमों की संख्या
1985 से 2005 तक इस प्रतियोगिता में 16 टीमें भाग लेती थीं, जिन्हें चार-चार टीमों के चार समूह में बांटा जाता था. प्रत्येक टीम अपने समूह के अन्य टीमों से एक-एक मैच खेलती थी और प्रत्येक समूह में पहले तथा दूसरे स्थान पर रहने वाली टीम नॉकआउट चरण में पहुँचती थी. लेकिन 2007 से टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों की संख्या को बढ़ाकर 24 कर दिया गया, जिन्हें अब चार-चार टीमों के छह समूहों में बांटा जाता है. प्रत्येक समूह की शीर्ष 2 टीमों के अलावा प्रत्येक समूह में तीसरे स्थान पर रहने वाली चार सर्वश्रेष्ठ टीमें नॉकआउट चरण में पहुँचती है.
इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाली टीमों का निर्धारण छह अलग-अलग महासंघ (एशियाई फुटबॉल महासंघ, अफ्रीकी फुटबॉल महासंघ, उत्तरी एवं मध्य अमेरिकी तथा कैरेबियन फुटबॉल एसोसिएशन का महासंघ, दक्षिण अमेरिकी फुटबॉल महासंघ, ओशिनिया फुटबॉल महासंघ तथा यूरोपीय फुटबॉल महासंघ) द्वारा आयोजित किए जाने वाले छह अलग-अलग प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाली टीमों के आधार पर किया जाता है. इसके अलावा हर मेजबान देश को इस प्रतियोगिता में सीधे प्रवेश दिया जाता है.
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प्रत्येक मैच के लिए निर्धारित समय
U-17 फीफा विश्वकप प्रतियोगिता में प्रत्येक मैच 45 मिनट के दो हिस्सों (कुल 90 मिनट) में खेला जाता है. 2011 से पहले तक इस प्रतियोगिता के नॉकआउट चरण में यदि 90 मिनट के खेल में कोई परिणाम नहीं निकलता था तो 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाता था. इस अतिरिक्त समय में भी मैच का परिणाम नहीं निकलने पर पेनल्टी शूट-आउट का सहारा लिया जाता था. 2011 से इस प्रतियोगिता के नॉकआउट चरण में खिलाड़ियों को थकान से बचाने के लिए 30 मिनट के अतिरिक्त समय अवधि को समाप्त कर दिया गया और अब सभी नॉकआउट मैचों में नतीजे प्राप्त करने के लिए 90 मिनट की समाप्ति के बाद सीधे पेनल्टी शूट-आउट का सहारा लिया जाता है.
U-17 फीफा विश्वकप के विभिन्न संस्करणों की विजेता टीमें
U-17 फीफा विश्वकप प्रतियोगिता में अब तक की सबसे सफल टीम नाइजीरिया की है. नाइजीरिया की टीम ने अब तक 5 बार इस प्रतियोगिता को जीता है और 3 बार उपविजेता रही है. इसके अलावा ब्राजील को 3 बार, घाना एवं मैक्सिको को 2-2 बार तथा सोवियत रूस, सऊदी अरब, फ्रांस और स्विट्जर्लैंड की टीम को 1-1 बार इस प्रतियोगिता को जीतने का गौरव प्राप्त हुआ है. वर्तमान समय में U-17 फीफा विश्वकप प्रतियोगिता की विजेता टीम नाइजीरिया और उप-विजेता टीम माली है.
U-17 फीफा विश्वकप 2017 के आयोजन स्थल
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U-17 फीफा विश्वकप 2017 का आयोजन भारत के छह शहरों (दिल्ली, कोलकाता, गुवाहाटी, गोवा, नवी मुंबई और कोच्चि) में किया जा रहा है. इस प्रतियोगिता का सेमी फाइनल मैच गुवाहाटी और नवी मुंबई में खेला जाएगा, जबकि फाइनल सहित तीसरे स्थान के निर्धारण के लिए खेले जाने वाले मैच का आयोजन कोलकाता के विवेकानंद युवा भारती क्रीडांगन में होगा. इस प्रतियोगिता के आधिकारिक शुभंकर का नाम “खेलियो” है, जिसका अनावरण फरवरी 2017 में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में किया गया था.
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