Indian Army (भारतीय थलसेना) भारतीय सशस्त्र सेना की सबसे बड़ी अंग है। यह बात हम सभी जानते हैं कि राष्ट्रपति सेना का प्रथम सेनापति होता है। वहीं, थलसेनाध्यक्ष के हाथ में सेना की कमान होती है।
वहीं, इसके बाद फील्ड मार्शल होता है, जो कि एक पांच सितारा अधिकारी होता है। भारत में अभी तक यह पद सिर्फ दो लोगों को ही मिले हैं, जिसमें सैम मानेकशॉ और के.एम करिअप्पा का नाम शामिल है। इस लेख के माध्यम से हम भारतीय सेनाओं में दिए जाने वाले रैंक के बारे में जानेंगे।
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भारतीय सेना में अलग-अलग श्रेणी में होते हैं अधिकारी
भारतीय सेना में अलग-अलग श्रेणी में सिपाहियों और अधिकारियों को शामिल किया गया है। उदाहरण के तौर पर गैर कमीशन प्राप्त अधिकारी श्रेणी में सिपाही से लेकर रेजीमेंट हवलदार मेजर होता है।
वहीं, कनिष्ठ कमीनश प्राप्त अधिकारी में नायब सूबेदार से लेकर सूबेदार मेजर का पद होता है। इसके अलावा कमीशन प्राप्त अधिकारी श्रेणी में सेकेंड लेफ्टीनेंट से लेकर फील्ड मार्शल तक के पद होते हैं।
गैर कमीशन प्राप्त अधिकारी
-रेजिमेंट हवलदार मेजर
-रेजिमेंट क्वार्टरमास्टर हवलदार मेजर
-कंपनी हवलदार मेजर
-कंपनी क्वार्टमास्टर हवलदार मेजर
-हवलदार
-नायक
-लांसनायक
-सिपाही
कनिष्ठ कमीशन प्राप्त अधिकारी
-सूबेदार मेजर(मानद कप्तान)
-सूबेदार(मानद लेफ्टिनेंट)
-सूबेदार मेजर
-सूबेदार
-नायब सूबेदार
कमीशन प्राप्त अधिकारी
-फील्ड मार्शल
-जनरल(थल सेनाध्यक्ष)
-लेफ्टिनेंट जनरल
-मेजर जनरल
-ब्रिगेडियर
-कर्नल
-लेफ्टिनेंट कर्नल
-मेजर
-कैप्टन
-लेफ्टिनेंट
-सेकेंड लेफ्टिनेंट
भारतीय सेना में मिलने वाली रैंक पर एक नजर
-फील्ड मार्शल
यह पद भारतीय सेना में सबसे बड़ा रैंक है, जो कि एक औपचारिक रैंक है। यह रैंक सम्मान के रूप में दिया जाता है। हालांकि, वर्तमान समय में इस रैंक को खत्म कर दिया गया है। यह रैंक उस अधिकारी को दिया जाता है, जिन्होंने सेना में अहम योगदान दिया है और किसी मिशन को सफल बनाया हो। अब तक भारत में यह दो लोगों को मिला है, जो कि सैम मानेकशॉ और के.एम करिअप्पा हैं।
-जनरल
-जनरल रैंक वर्तमान में भारतीय सेना में सबसे बड़ा रैंक है। यह इस रैंक पर आसीन व्यक्ति पूरी थल सेना का अध्यक्ष होता है। इनके प्रतीक चिह्न की बात करें, तो कंधे पर क्रॉस्ड बैटन और तलवार, अशोक स्तंभ और एक सितारा होता है। ये तीन साल के लिए नियुक्त किए जाते हैं।
-लेफ्टिनेंट जनरल
लेफ्टिनेंट जनरल तीसरा सबसे बड़ा रैंक है। इस रैंक के अधिकारी के कंधे पर क्रॉस्ड बैटन और तलवार व अशोक स्तंभ होता है। साथ ही कॉलर पर तीन स्टार भी लगे होते हैं। यह 60 वर्ष तक सेवाएं देते हैं।
-मेजर जनरल
मेजर जनरल के कंधे पर क्रॉस्ड बैटन और तलवार व एक सितारा होता है। ये 58 वर्ष तक सेवाएं देते हैं।
-ब्रिगेडियर
ब्रिगेडियर के कंधे पर एक अशोक स्तंभ और तीन स्टार होते हैं और यह 56 वर्ष तक अपनी सेवाएं देते हैं।
-कर्नल
कर्नल रैंक में कंधे पर अशोक स्तंभ और दो स्टार होते हैं और कॉलर में एक मरून रंग कै पैच भी होता है, जो कि कमांडिंग ऑफिसर को दर्शाता है।
-लेफ्टिनेंट कर्नल
इस पद कंधों पर एक अशोक स्तंभ और एक स्टार होता है।
-मेजर
मेजर की रैंक पर कंधों पर एक अशोक स्तंभ होता है
-कैप्टन
कैंप्टन के कंधों पर तीन स्टार लगे होते हैं। यह दो साल कमीशन रैंक पर काम करने के बाद मिलता है।
-लेफ्टिनेंट
लेफ्टिनेंट रैंक में कंधों पर दो स्टार होते हैं, जो कि आईएमए या ओटीए से मिलता है।
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