जनगणना 2011 के अनुसार, भारत की 22% जनसंख्या गरीबी रेखा से नीचे रह रही है. भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा (190 मिलियन लोग) बिना भोजन के बिना सोता हैं. ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट 2017, जो कि वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI)द्वारा जारी की गयी है. रिपोर्ट में भारत 119 देशों के भुखमरी सूचकांक में 100 वें स्थान पर खिसक गया है. वर्ष 2016 में भारत का स्थान 96 वां था. वर्ष 2014 से 2017 के बीच में भारत 45 रैंक स्थान नीचे खिसक गया है. हैरानी की बात है कि वर्तमान में भारत की रैंकिंग ईराक (78 वें), बांग्लादेश (88 वें) और उत्तर कोरिया (93 वें) से भी बदतर है.
इन 119 देशों में 50% को "बहुत खतरनाक", "खतरनाक" और "गंभीर" स्थिति वाले देशों में रखा गया है जबकि भारत को 31.4 के ख़राब स्कोर के साथ बड़ी और गंभीर (high and serious)श्रेणी में रखा गया है.
भारत में भूख की समस्या से संबंधित 15 तथ्य इस प्रकार हैं:
1. भारत में गरीबी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली जनसँख्या जो कि 2004-05 में 37.2 प्रतिशत थी वह 2011-12 में घटकर 21.9 प्रतिशत पर आ गयी है.
2. भारतीय आबादी का 1/6 हिस्सा कुपोषित है.
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3. भारत में चार बच्चों में से एक बच्चा कुपोषित है.
4. भारत के 33 प्रतिशत बच्चे अपनी उम्र के अनुसार बहुत कम ऊंचाई के हैं.
5. भारत में 190 मिलियन लोग रोजाना भूखे पेट सोते हैं.
6. भारत में 3000 बच्चे गरीब खाने की गुणवत्ता घटिया होने के कारण रोजाना मरते हैं
image source:NDTV.com
7. भारत के 5 वर्ष से कम उम्र के 30.7% बच्चों का वजन कम हैं.
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8. विश्व स्तर पर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु का 24% भारत में है.
9. भारत में 2 साल से कम उम्र के 58% बच्चों का विकास भली भांति नही होता है.
10. विश्व के 30% नवजात बच्चों की मृत्यु भारत में होती है.
11. गरीबी रेखा के नीचे (BPL) जीवनयापन करने वाले परिवार अपनी कमाई की 70% राशि भोजन पर खर्च करते हैं.
12. गरीबी रेखा से ऊपर (APL) जीवनयापन करने वाले परिवार अपनी कमाई की 50% राशि भोजन पर खर्च करते हैं.
13. शहरी श्रमिक वर्ग भोजन पर अपनी आय का 30% खर्च करता है.
14. कम वजन वाली महिलाओं की संख्या का सर्वाधिक अनुपात बिहार में (45%) है इसके बाद इसके बाद छत्तीसगढ़ (42%) और झारखंड (42%) का स्थान है.
15. छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक BPL आबादी (39.93%) है; इसके बाद झारखंड (36.96) और मणिपुर (36.8 9%) का स्थान है.
भारत में वर्तमान वित्त वर्ष 2017-18 में 275.68 मिलियन टन खाद्य उत्पादन होने का अनुमान है. इतने व्यापक पैमाने पर खाद्य उत्पादन होने के बावजूद हमारे देश में भूख से लोगों के मरने की ख़बरें आतीं है. यह बहुत ही निंदनीय है. झारखण्ड राज्य में एक बच्ची की मौत इसका सबसे ताजा उदाहरण है.
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार; वर्तमान मूल्यों पर भारत की प्रति व्यक्ति आय 1.03 लाख प्रतिवर्ष है. इतनी अच्छी प्रति व्यक्ति आय के बाद भी; क्यों भारत देश में अन्य गरीब देशों की तरह गरीब लोगों की जनसंख्या बहुत अधिक है. यह पूरी कहानी कहती है कि हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन इन संसाधनों को जरूरतमंद लोगों के बीच वितरित करने के लिए कोई उचित और भरोसेमंद तंत्र नहीं है.
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