भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है, 18वें लोकसभा का गठन हो गया है. गौरतलब है कि 18वीं लोकसभा के लिए 543 निर्वाचन क्षेत्रों से प्रतिनिधि चुने गए. ऐसे में हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से जुड़े कुछ रोचक तथ्य के बारें में जानेंगे. इस चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों और स्वतंत्र उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. इस साल आर्थिक विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे प्रमुख मुद्दे चुनाव प्रचार के केंद्र में रहे. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों के साथ-साथ क्षेत्रीय दलों की भी महत्वपूर्ण भूमिका देखने को मिली.
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लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम
सर्वाधिक सीटें जीतने वाले 7 दल | ||
क्रम संख्या | पार्टी का नाम | सीटों की संख्या |
1 | भारतीय जनता पार्टी | 240 |
2 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 99 |
3 | समाजवादी पार्टी | 37 |
4 | अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस | 29 |
5 | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) | 22 |
6 | तेलुगु देशम - टीडीपी | 16 |
7 | जनता दल (यूनाइटेड) - जद(यू) | 12 |
साल 2024 का लोकसभा चुनाव न केवल भारत की वर्तमान राजनीतिक स्थिति को प्रतिबिंबित कर रहा है, बल्कि देश के भविष्य की दिशा को भी निर्धारित करेगा. इस लेख में हम इतिहास के पन्नों को पलटते हुए देश के ऐसे प्रधानमंत्री के बारें में जानेंगे जिन्होंने बिना मुख्यमंत्री पद या किसी मंत्री पद पर रहे बिना देश का नेतृत्व किया था.
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मुख्यमंत्री या मंत्री रहे बिना पीएम बनने वाले नेता:
देश के 8वें प्रधानमंत्री चंद्रशेखर सिंह एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जो पीएम पद संभालने से पहले किसी राज्य के मुख्यमंत्री या किसी मंत्री (राज्य/ केंद्र) पर पर नहीं रहे थे. चंद्रशेखर सिंह भारतीय राजनीति के प्रमुख हस्तियों में से एक थे, उन्होंने भारतीय राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह 10 नवंबर, 1990 - 21 जून, 1991 तक देश का नेतृत्व किया था. चन्द्र शेखर का जन्म 17 अप्रैल, 1927 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के इब्राहिमपट्टी गाँव में एक किसान परिवार में हुआ था. वह 1977 से 1988 तक जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे थे.
वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बात करें तो वह भी कभी मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं रहे थे.
‘युवा तुर्क’ के नाम से थे मशहूर:
चन्द्र शेखर केंद्र में गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने वाले भारत के पहले प्रधान मंत्री बने थे. उग्र भावना के लिए जाने जाने वाले चंद्रशेखर को अक्सर "युवा तुर्क" (Young Turk) कहा जाता था. साल 1962 में वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए चुने गये थे. वह जनवरी 1965 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए. उन्हें 1967 में उन्हें कांग्रेस संसदीय दल का महासचिव चुना गया.
कांग्रेस के समर्थन से बने थे पीएम:
साल 1990 में विश्वनाथ प्रसाद सिंह के बाद चंद्रशेखर कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे. एक इंटरव्यू में चंद्रशेखर ने बताया था कि उस समय कांग्रेस की ओर से राजीव गांधी ने उन्हें सरकार बनाने और बाहर से समर्थन की बात कही थी. 1984 से 1989 तक की अवधि को छोड़कर वह 1962 से संसद सदस्य रहे थे. साल 1989 में उन्होंने अपने गृह निर्वाचन क्षेत्र, बलिया और बिहार के निकटवर्ती महाराजगंज निर्वाचन क्षेत्र दोनों से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी.
इमरजेंसी के समय गए जेल:
जब 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई, तो उन्हें आंतरिक सुरक्षा रखरखाव अधिनियम के तहत गिरफ्तार कर लिया गया, इसके बावजूद कि वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के शीर्ष निकाय केंद्रीय चुनाव समिति और कार्य समिति के सदस्य थे.
उन्होंने 1969 में दिल्ली से प्रकाशित साप्ताहिक यंग इंडियन की स्थापना और संपादन किया.आपातकाल (जून 1975 से मार्च 1977) के दौरान यंग इंडियन का प्रकाशन बंद करना पड़ा था. फरवरी 1989 में इसका नियमित प्रकाशन फिर से शुरू हुआ था वह इसके संपादकीय सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष थे.
सोर्स- https://www.pmindia.gov.in
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