चीन, पाकिस्तान में अपने 5 लाख लोगों को क्यों बसाना चाहता है?

Aug 24, 2018, 11:52 IST

CPEC प्रोजेक्ट की शुरुआत वर्ष 2015 में हुई थी. यह चीन के प्रोजेक्ट OBOR का हिस्सा है. CPEC प्रोजेक्ट का उद्येश्य दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान से चीन के उत्तर-पश्चिमी स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग तक ग्वादर बंदरगाह, रेलवे और हाइवे के माध्यम से तेल और गैस का कम समय में वितरण करना है.

CPEC Project
CPEC Project

CPEC प्रोजेक्ट क्या है?

CPEC प्रोजेक्ट का फुल फॉर्म China-Pakistan Economic Corridor है जो कि चीन के OBOR प्रोजेक्ट का हिस्सा है. इस प्रोजेक्ट की शुरूआत 2015 में हुई थीCPEC एक 3,218 किलोमीटर लंबा मार्ग है, जो कि पश्चिमी चीन से दक्षिणी पाकिस्तान को जोड़ेगा. यह आर्थिक गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान और बलूचिस्तान होते हुए जायेगा.

इस परियोजना की अनुमानित लागत 75 अरब अमेरिकी डॉलर है जिसमें बुनियादी ढांचे जैसे राजमार्ग, रेलवे और पाइपलाइन, ऊर्जा उत्पादन का विकास किया जायेगा. इस योजना का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-पश्चिमी पाकिस्तान से चीन के उत्तर-पश्चिमी स्वायत्त क्षेत्र शिंजियांग तक ग्वादर बंदरगाह, रेलवे और हाइवे के माध्यम से तेल और गैस की कम समय में वितरण करना है.

भारत ने गलियारे के निर्माण को अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के अनुसार अवैध माना है क्योंकि CPEC प्रोजेक्ट, पाक अधिकृत कश्मीर (POK) से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपना हिस्सा मानता है.

इस प्रोजेक्ट के पक्ष में चीन ने कहा है कि इस गलियारे के निर्माण ने पाकिस्तान में लगभग 60,000 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं और 2030 तक देश में 7 लाख और नौकरियां पैदा करने की उम्मीद है. यदि संबंधित उद्योगों में मिलने वाले कुल रोजगार की गणना की जाये तो इस अकेले प्रेजेक्ट से पाकिस्तान में कम से कम 3.5 मिलियन नौकरियां पैदा की जाएंगी, जिससे लाखों परिवारों को फायदा होगा.

इस परियोजना से चीन को मिलने वाले लाभ

1. चीन को ऊर्जा आयात में कम समय लगेगा और परिवहन की लागत भी कम होगी.

2. चीन, भविष्य में ग्वादर पोर्ट को नौ-सैनिक अड्डे में भी तब्दील कर सकता है. यह भारत के लिए बुरी खबर है.

3. चीन की यूरोप तक पहुँच आसान बनेगी.

4. चीन को हिंद महासागर में एक मजबूत रणनीतिक स्थिति प्राप्त होगी.

लेकिन सच्चाई इसके उलट है क्योंकि अगस्त में गिलगिट-बल्टिस्तान और POK के लोगों ने पाकिस्तान और चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. उनका आरोप है कि दोनों देश अपने फायदे के लिए इस इलाके के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं. उनका आरोप है कि इस योजना में चीन के कामगारों को लगाया गया है, जबकि स्थानीय युवा बेरोजगार हैं.

आंकड़े बताते हैं पाकिस्तानी लोगों की आशंका गलत भी नहीं है क्योंकि ग्वादर बंदरगाह के विकास का काम चीनी कंपनियों के पास है और इसमें चीनी लोग ही काम कर रहे हैं.

इतना ही नहीं पाकिस्तान ने इस योजना में काम कर रहे चीनी कामगारों को सुरक्षा देने के लिए 17 हजार से अधिक सुरक्षा कर्मियों को लगाया है क्योंकि कुछ लोग इस प्रोजेक्ट को दूसरी “ईस्ट इंडिया कंपनी” के तौर पर देख रहे हैं और चीनी मजदूरों का अपहरण और हत्या भी कर रहे हैं. ऐसे में चीन अपने लोगों की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा.

चीन इस प्रजेक्ट के माध्यम से ग्वादर पोर्ट के पास एक फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट बनाना चाहता है. इस फाइनेंशियल डिस्ट्रिक्ट में काम करने वाले चीनी नागरिकों को ही नई कॉलोनी में बसाया जाएगा. इस कॉलोनी में करीब 5 लाख चीनी नागिरकों को बसाने के लिए मकान बनाए जाएंगे जिसकी कुल लागत लगभग 15 अरब डॉलर आएगी. अगर ऐसा होता है तो दक्ष‍िण एशिया में चीन की यह अपने तरह की पहली कॉलोनी होगी. यह कालोनी 2022 तक बन जाने की उम्मीद है.

यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि चीन, मध्य एशिया और अफ्रीका में भी इस तरह की कॉलोनियां बसा चुका है.

राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि चीन की यह कालोनी पाकिस्तान में बस जाती है तो चीन के पास पाकिस्तान की राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों पर बहुत करीबी नजर रख सकेगा और फिर एक समय ऐसा आएगा जब पाकिस्तान की हर नीति में चीन की दखलंदाजी होगी और फिर अंततः पाकिस्तान, चीन की एक कॉलोनी में बदल जायेगा.

संक्षेप में इतना कहना ठीक है कि इस कॉलोनी और पूर्व की ब्रिटिश कॉलोनी में अंतर सिर्फ इतना होगा कि इस बार “पहले आर्थिक गुलामी आएगी फिर राजनीतिक”, जबकि पिछली बार का अनुभव उल्टा था.

जानें भारत ने सियाचिन ग्लेशियर पर कैसे कब्ज़ा किया था?

वन बेल्ट वन रोड (OBOR) परियोजना क्या है और भारत इसका विरोध क्यों कर रहा है?

Hemant Singh is an academic writer with 7+ years of experience in research, teaching and content creation for competitive exams. He is a postgraduate in International
... Read More

आप जागरण जोश पर भारत, विश्व समाचार, खेल के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए समसामयिक सामान्य ज्ञान, सूची, जीके हिंदी और क्विज प्राप्त कर सकते है. आप यहां से कर्रेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें.

Trending

Latest Education News