पूर्वोत्तर भारत देश की भूमि स्वर्ग भूमि है और वहां पर प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है और यहाँ की गहरी नदी घाटीया मेगा बांधों के निर्माण के लिए उपयुक्त है इसलिए, पूर्वोत्तर भारत देश के क्षेत्र को अक्सर ' भविष्य भारत का पावर हाउस ' के रूप में नामित किया गया है । भारत में बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं के निर्माण के पीछे मूल मकसद कृषि के लिए सिंचाई , उद्योगों के लिए बिजली और बाढ़ नियंत्रण आदि की महत्वपूर्ण आवश्यकताओं को पूरा करना करना है । उस समय के बांधों को जवाहर लाल नेहरू ने बांधों को " आधुनिक भारत के मंदिर " के रूप में कहा है और इसी बात से बांधो के महत्व का अनुमान लगाया जा सकता है।
उत्तर-पूर्व भारतसे संबंधित परियोजनाए (ब्रह्मपुत्र)
नदी घाटी परियोजना | राज्य |
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| अरुणाचल प्रदेश |
कोपली हाइडल पावर प्रोजेक्ट | असम |
दोयांग हाइडल पावर प्रोजेक्ट | नगालैंड |
| मणिपुर नोट : यह चुराचांदपुर जिले में नदियों बराक और तुबइ के संगम पर निष्पादित किया गया है । यह एक विवादित है परियोजना है क्योंकि बांग्लादेश द्वार हमेसा से विरोध किया जा रहा हैं| |
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| मिजोरम |
रंगित हाइडल पावर प्रोजेक्ट | सिक्किम |
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