जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : सऊदी अरब के छात्र ने सीबीएसई की 12वीं कक्षा की परीक्षा देने वाले एक छात्र ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए बोर्ड के नवंबर 2016 के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी है, जिसके तहत पुनर्मूल्यांकन की नीति को बंद कर दिया गया है। न्यायमूर्ति एस. मुरलीधरन और सी. हरिशंकर की खंडपीठ ने याचिका पर सीबीएसई और उसके परीक्षा नियंत्रक की नोटिस जारी कर 21 तक जवाब दाखिल करने की कहा हैं। साथ ही ओडिशा हाईकोर्ट के समक्ष दिए अपने बयान की कॉपी भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
मुख्य बातें :
• याचिका दायर करने वाले ने कोर्ट में बताया गया कि हाल ही में सीबीएसई ने ओडिशा हाई कोर्ट के समक्ष कहा है कि पुनर्मूल्यांकन की नीति अब भी उपलब्ध है l
• उसने भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन कराने की मांग की है l
• कोर्ट को बताया कि उसके स्कूल में आयोजित सीबीएसई की परीक्षा में शामिल हुए सभी छात्रों को बेहद कम अंक दिए गए हैं ।
याचिका दायर करने वाला अरब के रियाद में अल अलिया इंटरनेशनल स्कूल का छात्र है। उसने भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान और गणित की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन कराने की मांग की है। उसने कोर्ट को बताया कि इस स्कूल में आयोजित सीबीएसई की परीक्षा में शामिल हुए सभी छात्रों को बेहद कम अंक दिए गए हैं। कोर्ट में बताया गया कि हाल ही में सीबीएसई ने ओडिशा हाई कोर्ट के समक्ष कहा है कि पुनर्मूल्यांकन की नीति अब भी उपलब्ध है। वहां की हाई कोर्ट ने छात्रों को पुनमूल्यांकन के लिए आवेदन देने की मंजूरी दे दी है। साथ ही सीबीएसई को यह निर्देश दिया कि वह तीन दिन के अंदर एक विशेषज्ञों के बोर्ड का गठन करे। समानता के आधार पर ही दिल्ली हाई कोर्ट में यह याचिका लगाई गई है। याचिकाकर्ता छात्र ने सीबीएसई के 29 मई 2017 के उस नोटिफिकेशन को भी चुनौती दी है, जिसके तहत प्रत्येक विषय की उत्तर पुस्तिका की प्रति प्राप्त करने के लिए 700 रुपये और प्राप्त हुए नंबरों के पुनः सत्यापन के लिए 500 रुपये जमा करने की बात कही गई है।
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