अलग अलग क्षेत्रों में अलग अलग तरह के जॉब्स सम्बन्धित जानकारियों के क्रम में आज हम आपको बताएँगे कि हाई स्कूल में साइंस टीचर कैसे बनें. इसके लिए आज हम आपको विस्तार से देंगे सारी जानकारियाँ और टिप्स ताकि अगर आप भी शिक्षण कार्य करना चाहते हैं खास कर विज्ञान के शिक्षक बनना चाहते हैं तो इन जानकारियों के हिसाब से कार्य और प्रयास कर आप शीघ्र अपने गंतव्य तक पहुँच सकें.
साइंस टीचर का इम्पोर्टेंस:
आज विज्ञान ने इतनी तरक्की कर ली है कि सोचने विचारने आंकड़े इकट्ठे करने से लेकर आम जीवन का बड़े से बड़ा हिसाब किताब भी विज्ञान के बलबूते हीं चल पाता है. कुल मिलाकर बात इतनी सी है कि आज मानव जीवन का कोई भी चरण विज्ञान के चमत्कार से अछूता नहीं. वह विज्ञान हीं था जिसने मानव को पत्थर युग से निकाल कर कम्प्यूटर युग के साम्राज्य पर बिठाया .और कल विज्ञान हीं मानव को और अधिक उन्नतिशील साम्राज्य की ओर ले जा सकता है. तो बात अगर साइंस टीचर की की जाए तो विज्ञान की उन्नति और प्रसार का श्रेय कहीं न कहीं उनको भी जाता है. क्योंकि एक विज्ञान का शिक्षक केवल अपने स्टूडेंट्स को हीं शिक्षित और जागरूक नहीं करता बल्कि इसी बहाने वह न केवल पूरे देश बल्कि पूरी पीढ़ी को भी शिक्षित और जागृत करने का काम करता है. तो आइए जानते हैं कि हाई स्कूल में साइंस टीचर बनने के लिए क्या क्या जरुरी है.
कैसे बनें हाई स्कूल में साइंस टीचर:
हाई स्कूल में साइंस टीचर बनने के लिए पहले आपको आप जिस सब्जेक्ट के टीचर बनना चाहते हैं उस विषय में एमएससी (मास्टर ऑफ़ साइंस ) करना होगा उसके बाद आपको बीएड कम्प्लीट करना होगा क्योंकि बीएड किए बिना आप शिक्षण कार्य के लिए उपयुक्त नहीं माने जाएँगे. बीएड के बाद आप टीजीटी और पीजीटी के तहत जॉब की तलाश कर सकते हैं. बीएड के बाद भारत सरकार के नए कानून के हिसाब से टीचिंग लाइन में जाने के लिए आपको टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी ) भी उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा. तो अगर आपने एमएससी या परास्नातक की परीक्षा 50 % अंकों के साथ उत्तीर्ण की है तथा इसी के साथ बीएड भी कम्प्लीट किया हुआ है तो टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी) के बाद आप पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) के तहत किसी भी सरकारी या निजी स्कूल में कक्षा 12वीं तक शिक्षण कार्य हेतु आवेदन कर सकते हैं. वैसे तो टीचर बनने के लिए इंटर, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के स्तर पर बहुत से कोर्स हैं जिन्हें आप अपनी पसंद और योग्यता के अनुसार अपने लिए चुन सकते हैं. पर अगर आप हाई स्कूल में शिक्षण कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको बीएड करना होगा.
तो सबसे पहले जानते हैं कि बीएड क्या है -
बीएड या बैचलर ऑफ़ एजुकेशन - टीचर बनने के लिए यह सबसे लोकप्रिय कोर्स है जिसकी अवधि दो साल की होती है इस कोर्स को करने के बाद आप प्राइमरी, अपर प्राइमरी तथा हाई स्कूल में शिक्षण कार्य के लिए एलिजिबल हो जाते हैं.
अब आइए जानते हैं कि TET टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टीईटी ) क्या है -
गवर्नमेन्ट टीचर बनने के लिए TET या टीचर इलीजिबिलिटी टेस्ट सबसे पहला स्टेप है. कई राज्यों के हाई कोर्ट ने यह बात स्पष्ट कर दी है कि बगैर टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट के आप किसी भी गवर्नमेन्ट स्कूल में टीचर नहीं बन सकते. स्नातक या परास्नातक तथा टीचर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के बाद कैंडिडेट को CTET (सेन्ट्रल टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट) & TET (टीचर एलीजिबिलिटी टेस्ट) के लिए प्रिप्रेशन शुरू कर देना चाहिए क्योंकि न केवल गवर्नमेन्ट स्कूल बल्कि बहुत से प्राइवेट व पब्लिक स्कूल भी आजकल अपने यहाँ टीचर की नियुक्ति की सेलेक्शन प्रक्रिया में TET को अनिवार्य कर दिया है.
साइंस के विभिन्न विषयों के टीचर बनने के लिए आवश्यक योग्यता:
टीजीटी (नेचुरल साइंस /फिजिकल साइंस ) - कैंडिडेट का किसी भी मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालय से केमिस्ट्री /फिजिक्स/ बायोलॉजी /बॉटनी या जूलॉजी में से किसी एक या दो सब्जेक्ट में ग्रेजुएट होने के साथ हीं किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड होना अनिवार्य.
टीजीटी मैथमेटिक्स - कैंडिडेट का मेन सब्जेक्ट के रूप में केमिस्ट्री /फिजिक्स /बायोलॉजी /बॉटनी /जूलॉजी /जियोग्राफी तथा स्टेटिस्टिक्स में से किसी एक विषय का होना आवश्यक. इसी के साथ कैंडिडेट के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्व विद्यालय से बीएड की डिग्री होना होना अनिवार्य.
सैलरी:
सैलरी की बात की जाए तो पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर ) को 4 से 5 लाख तक का वार्षिक वेतनमान मिलता है.
इस सरकारी नौकरी को पाने के लिए पढ़े करेंट अफेयर्स
इस सरकारी नौकरी को पाने के लिए पढ़े जनरल नॉलेज
Comments
All Comments (0)
Join the conversation