वस्तुतः ऑफिस कल्चर में कई बार ऐसा देखने को मिलता है कि एक कर्मचारी के स्वभाव और प्रकृति के विपरीत कुछ लोग आम धारणा बना लेते हैं और उसी के अनुरूप व्यवहार करते हैं. लेकिन लेकिन कभी कभी ऐसा देखने को मिलता है कि किसी खास कर्मचारी के बारे में ज्यदातर लोग एक तरह की बात ही करते हैं. अगर ये बातें नकारात्मक हैं तो जिसके विषय में यह बात की जा रही है उस कर्मचारी को भी आत्म अन्वेषण करने की आवश्यक्ता है. हो सकता है कि आपके व्यक्तित्व में कुछ ऐसी कमी हो जो आपको आलोचना का शिकार बनाती है. अगर एक कर्मचारी के रूप में आपको भी कभी कभी ऐसा महसूस होता है कि आपके अच्छे स्वभाव तथा कर्मठ प्रवृति के बावजूद भी अन्य स्टाफ आपकी शिकायत करते हैं तो अपनी छवि सुधारने के लिए आपको निम्नांकित बातों पर गौर करना चहिये –
1. ऑफिस के सभी कर्मचारी को समान महत्व दें
अक्सर देखने में आता है कि कार्यालय में सीनियर अधिकारी जूनियर अधिकारी से बराबरी का व्यवहार न करते हुए उनसे कुछ अलग तरह का व्यवहार करते हैं. वे अपने सीनियर से तो जरुर डरते हैं लेकिन जूनियर को अपना मोहताज समझते हैं और उनके साथ यथोचित व्यवहार नहीं करते. ऐसी स्थिति में ज्यदातर कर्मचारी आपके सम्मुख न सही लेकिन पीठ पीछे खूब शिकायत करते हैं.याद रखिये कार्यालय में श्रम विभाजन प्रक्रिया का सिद्धांत चलता है और हर कोई अपनी भूमिका निभाता है और किसी की समान भूमिका होती है. इनमें से किसी की भी उपेक्षा नहीं की जा सकती. अतः अपना काम ईमानदारी पूर्वक करते हुए छोटे बड़े कर्मचारियों को समान समझें तथा सबके साथ मित्रवत व्यवहार करें.
2. ऑफिस शिष्टाचार का पालन
अगर आपने गौर किया होगा तो आप पाएंगे कि किसी कार्यालय के सभी कर्मचारी लगभग एक ही मुद्रा में बैठने की कोशिश करते हैं,अब यह अलग बात है कि हर कोई उसका यथावत पालन नहीं कर सकता है. अतः ऑफिस में अपने उठने बैठने की शैली पर पूरा ध्यान दें. आप जब भी कुर्सी पर बैठें तो शिष्टाचार का हमेशा ध्यान रखें. कुर्सी पर धम्म से बैठने या फिर या एकदम से कुर्सी पर गिर कर बैठने की आदत न डालें. आपकी यह आदत अन्य लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकती है. आप जब भी किसी मीटिंग के दौरान बैठें तो अपना हाथ अपने गोद में रखें या फिर कुर्सी के हैण्ड पर. कुर्सी पर बैठते समय अपने पैरों को परस्पर एक साथ रखें लेकिन यदि आप अपना एक पैर दूसरे पैर पर चढ़ाकर बैठते हैं तो उसे कभी भी हिलाने की कोशिश न करें. यह आपके अभद्र व्यवहार को प्रदर्शित करता है.
3. अपने काम को लेकर फोकस रहें
अक्सर देखने में आता है कि यदि स्टाफ अपने काम को लेकर सचेत तथा फोकस नहीं होते हैं तो आपने मैनेजर से डांट के अतिरिक्त अन्य लोगों द्वारा मजाक के पात्र भी बनते हैं. अतः हमेशा अपने काम को लेकर फोकस रहें तथा सही डायरेक्शन में कार्य करें. किसी भी चर्चा या मीटिंग के दौरान अपना ध्यान केन्द्रित रखें. उस समय विशेष रूप से जब आप किसी किसी कार्यक्रम के एंकर हों तथा लोगों का वेलकम कर रहे हों.
4. हंसमुख, मिलनसार और सहयोगी बनें
हंसी या मुस्कुराहट एक ऐसी औषधि है जिससे सबको बड़ी आसानी से वश में किया जा सकता है. हँसते मुस्कराते चेहरे को देखकर तेज गुस्सा भी अनायास ही शांत हो जाता है. कार्यालय के स्टाफ पर क्रोध नहीं करना चाहिए. अगर कोई अपना कार्य सही तरीके से नहीं करता है तो उस पर गुस्साने चिल्लाने से कोई फायदा नहीं है. बेहतर है उसे एक दो बार प्यार से समझाएं तत्पश्चात उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई करें.
5. हमेशा उत्साहित बने रहें तथा सकारात्मक दृष्टिकोण रखें-
बिजनेस जगत में प्रचलित उक्ति है यस बॉस. यानी कि हमेशा हाँ कहने की आदत डालें तथा अपने सीनियर को यह विश्वास दिलाने की कोशिश करें कि कठिन से कठिन टास्क भी हम सभी एक साथ मिलकर आसानी से पूरा कर सकते हैं. इससे घबराने की जरुरत नहीं. इससे आपका बॉस संतुष्ट होगा तथा टीम में भी सकारात्मक उर्जा बनी रहेगी. अगर आप किसी को पसंद नहीं करते हैं तो भी हर संभव उसकी शिकायत करने की कोशिश नहीं करें. इससे आपकी एक अच्छी छवि बनेगी तथा ऑफिस में आप हर किसी द्वारा एक भले इन्सान के रूप में गिने जायेंगे.
अतः अगर आपके प्रकृति के विपरीत लोग बाते कर रहे हैं तथा लाख कोशिशों के बावजूद भी लोग आपकी शिकायत करने से नहीं चुकते हैं, तो आप सर्वप्रथम अपने व्यवहार में परिवर्तन करते हुए ऊपर वर्णित बातों पर गौर करें. यकीन मानिए लोग आपकी शिकायत करना भूल जायेंगे.
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