एसएससी जेई और आईईएस अधिकारी के मध्य एक तुलनात्मक विश्लेषण|

Feb 13, 2017, 16:54 IST

इस आर्टिकल के माध्यम से हम एसएससी जेई और आईईएस प्रवेश के माध्यम से इंजीनियरिंग में मिलने वाली सरकारी नौकरी के सभी महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे। शुरूआत से ही अधिकतर उम्मीदवार अपनी स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए इंजीनियरिंग का चुनाव करते हैं। इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद अपने संबंधित क्षेत्र में नौकरी हासिल करना आसान काम नहीं होता है और मैकेनिकल / सिविल / इलेक्ट्रिकल स्ट्रीम के उम्मीदवारों को इस क्षेत्र में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निजी क्षेत्र मेंनौकरियां कम होने के साथ-साथ वेतन भी बहुत कम है और काम का माहौल भी अनुकूल नहीं होता है, जबकि सरकारी क्षेत्र जॉब सिक्योरिटी, उच्च वेतन और भत्तों सहित एक उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करता है।

SSC JE vs. IES Officer
SSC JE vs. IES Officer

इस आर्टिकल के माध्यम से हम एसएससी जेई और आईईएस प्रवेश के माध्यम से इंजीनियरिंग में मिलने वाली सरकारी नौकरी के सभी महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे। शुरूआत से ही अधिकतर उम्मीदवार अपनी स्नातक की डिग्री हासिल करने के लिए इंजीनियरिंग का चुनाव करते हैं। इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद अपने संबंधित क्षेत्र में नौकरी हासिल करना आसान काम नहीं होता है और मैकेनिकल / सिविल / इलेक्ट्रिकल स्ट्रीम के उम्मीदवारों को इस क्षेत्र में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निजी क्षेत्र मेंनौकरियां कम होने के साथ-साथ वेतन भी बहुत कम है और काम का माहौल भी अनुकूल नहीं होता है, जबकि सरकारी क्षेत्र जॉब सिक्योरिटी, उच्च वेतन और भत्तों सहित एक उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करता है। तो आइए एसएससी-जेई और आईईएस अधिकारी नौकरी के बारे में कुछ महत्वपूर्ण चीजों पर चर्चा करते हैं-

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एसएससी जेई डिप्लोमा धारकों की भर्ती करने की परीक्षा है। इसलिए, इंजीनियरिंग में पूछे जाने वाले सवालों की तुलना में इसमें पूछे जाने वाले सवाल कम कठिन होते हैं। एक स्नातक स्तर के उम्मीदवार को अपने विषयों के बारे में एक अच्छी वैचारिक समझ होती है। यह पोस्ट सीधे इंजीनियर्स के तहत आती है अर्थात वह सभी महत्वपूर्ण योजनाओं में इंजीनियर की सहायता करने योग्य माना जाता है। अब, हम संक्षेप में एसएससी जेई और आईईएस की परीक्षा पैटर्न पर नजर डालेंगे।

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एसएससी जेई की परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाती है: -

1. पेपर I: - यह एक वस्तुनिष्ठ पेपर (ऑबजेक्टिव) पेपर है जिसमें कुल 200 प्रश्न होते हैं और इनमें 100 प्रश्न तकनीकी तथा अन्य 100 प्रश्न रीजनिंग और जनरल अवेयरनेस से संबंधित होते हैं। पेपर- I में सफल होने पर आप पेपर-II में भाग लेने के योग्य होते हैं।

2. पेपर-II: - इस पेपर में 7 प्रश्न होते हैं जिसमें से आपको 5 प्रश्नों के जवाब देने होते हैं। प्रत्येक प्रश्न 60 नंबर का होता है और उसके बाद इसके तहत कुछ अन्य प्रश्न (सब-क्वेश्चन) होते हैं जिनके लिए अंको का निर्धारण विवेकानुसार होता है।

अब, आइए हम आईईएस परीक्षा पर नजर डालते हैं। आईईएस एक शीर्ष स्तरीय परीक्षा है जो बी-टेक इंजीनियर्स की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करता है।इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इस परीक्षा का स्तर एसएससी जेई की तुलना में काफी ज्यादा कठिन होता होगा। आईए, आईईएस परीक्षा के परीक्षा पैटर्न के बारे में चर्चा करते हैं। 2016 तक, आईईएस परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाती है।

स्टेज 1 (चरण 1): - लिखित परीक्षा 3 दिनों की होती है।

1. पहले दिन: - वस्तुनिष्ठ (ऑब्जेक्टिव) प्रकार के जनरल अवेयरनेस।

2. दूसरे दिन: - दो पाली में होती है: सुबह और शाम की पाली। दोनों पालियों में वस्तुनिष्ठ (ऑब्जेक्टिव) तकनीकी परीक्षा (पेपर) होती है।

3. तीसरे दिन: - यह भी सुबह और शाम दो पालियों में होती है जिसमें वर्णनात्मक तकनीकी परीक्षा (पेपर) होती है।

प्रत्येक पेपर अधिकतम 200 अंको का होता है और उम्मीदवार का साक्षात्कार की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए सभी पेपरों में उत्तीर्ण होना जरूरी होता है।

स्टेज 2 (चरण 1): - इस चरण में 200 अंकों का साक्षात्कार होता है। इस साल से उम्मीदवारों का साक्षात्कार लेने के लिए यूपीएससी ने नए इंटरव्यू पैटर्न की शुरूआत की है।

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एसएससी जेई और आईईएस अधिकारी के बीच अंतर: -

1. एसएससी शुरूआत में ग्रेड-बी जूनियर इंजीनियरों की नियुक्ति करती है जो आईएएस ऑफिसर के मुकाबले कमतर है जबकि जेई में इस तरह के पद के लिए सीधे सहायक कार्यकारी इंजीनियर के रूप में नियुक्ति होती है।

2. एसएससी जेई को 4200 ग्रेड पे के साथ 9300-20200 का पे स्केल मिलता है, जबकि, आईईएस अधिकारियों को 5400 ग्रेड पे के साथ 15600-39100 का पे स्केल मिलता है।

3. आईईएस अधिकारी की तुलना में एसएससी जेई में पदोन्नति के अवसर कम रहते हैं।

4. जेई (जूनियर इंजीनियर) आईईएस अधिकारी द्वारा बनाई गई नीतियों को लागू करते हैं जबकि आईईएस ऑफिसर इंजीनियरिंग डिवीजनों के मुखिया होते हैं और केंद्र सरकार के निर्णय लेने वाले अभियांत्रिकी प्रभाग प्राधिकरण के सर्वे-सर्वा होते हैं।

हर साल लगभग 400 के आसपास आईईएस अधिकारियों की नियुक्ति हो रही है जबकि इसी दौरान लगभग 2,500 जूनियर इंजीनियरों की भर्ती की जा रही है।

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