इन 5 सेल्फ स्टडी टिप्स को अपना कर आपकी भी आ सकती है IIT JEE में अच्छी रैंक

इस लेख में हम सेल्फ स्टडी से सम्बंधित कुछ तथ्यों पर प्रकाश डालेंगे जो IIT JEE और अन्य परीक्षाओं के लिए उपयोगी साबित होंगे।

इस लेख में हम आपको सेल्फ स्टडी से सम्बंधित कुछ महत्पूर्ण टिप्स के बारे में बताने जा रहें हैं | हम सभी जानते हैं कि हम किसी भी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में सेल्फ स्टडी किए बिना अच्छे मार्क्स नहीं ला सकते | ऐसा कोई भी यंत्र नहीं है जिससे हम किसी भी concept को सेल्फ स्टडी किये बिना परीक्षा के समय तक याद रख सकें | सेल्फ स्टडी करना जितना इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जैसे JEE Main, JEE Advanced, UPSEE/ UPTU, WBJEE, VITEEE, SRMJEE के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही कक्षा 10वीं या 12वीं बोर्ड जैसे CBSE Board, UP Board की परीक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है |

यह लेख IIT JEE और अन्य परीक्षाओं के लिए सेल्फ– स्टडी के महत्व से सम्बंधित कुछ तथ्यों पर प्रकाश डालता है। कुछ टिप्स हैं जिन्हें यदि आप नियमित रूप से अपनाएं तो आपको अच्छे नतीजे मिल सकते हैं। ये हैं– प्रेरित रहें, दिनचर्या बनाएं, उचित स्टडी मटेरियल प्राप्त करें, समय का अच्छा प्रबंधन करें, पीयर स्टडी ग्रुप्स बनाएं (समकक्षों का अध्ययन समूह बनाएं) आदि। यह लेख आपके मनोबल को बढ़ाएगा और आपकी तैयारी में मदद करेगा।

Career Counseling

JEE Main 2018 की परीक्षा इस वर्ष अप्रैल के महीने में प्रायोजित है। इंजीनियरिंग में दाखिला लेने की इच्छा रखने वाले छात्रों ने अपनी IIT JEE की तैयारी की रणनीति में मौजूद खामियों को दूर करना शुरु कर दिया है। अलग–अलग JEE कोचिंग क्लासेज में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कक्षा की अवधि बढ़ा दी गई है और अक्सर होने वाले सरप्राइज टेस्ट के साथ मेंटर और शिक्षक रीविजन के मोड में आ चुके हैं। खुद के बूते परीक्षा देने का फैसला करने वाले छात्रों के लिए सफल होना बहुत बड़ी चुनौती है। JEE Main 2018 और JEE Advanced 2018 के लिए सेल्फ– स्टडी का विकल्प चुनने वाले ज्यादातर छात्र खुद को फोकस्ड और प्रेरित रखने में असर्मथ हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि सेल्फ– स्टडी सर्वश्रेष्ठ होती है और सभी संभावनाओं में यह सबसे प्रभावी IIT JEE तैयारी रणनीति साबित होती है | लेकिन उम्मीदवारों को इस तरीके से सफल होने के लिए कुछ विशेष टिप्स और ट्रिक्स की भी ज़रूरत है।

यदि आप भी JEE Main 2018 या JEE Advanced 2018 की तैयारी खुद ही कर रहे हैं, तो नीचे दिए जा रहे सेल्फ– स्टडी टिप्स आपके लिए काफी फायदेमंद होंगे।

जानिए वे कौन सी बातें हैं जो विद्यार्थियों को IIT JEE की परीक्षा की तैयारी के दौरान भ्रमित करती हैं

1. प्रेरित रहें/ उत्साहित रहें:

Self Study Tip 1

JEE Main परीक्षा 2018 की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए प्रेरणा सबसे मूल आधार है। हर विषय में बढ़ती जटिलताओं के साथ एक प्रमुख संस्थान में इंजीनियरिंग की सीट प्राप्त करना चुनौतियों से भरा है। लेकिन उच्च प्रतिस्पर्धा अनुपात और व्यापक सिलेबस के संदर्भ में IIT JEE की परीक्षा में पास होने के लिए कड़ी मेहनत, प्रतिबद्धता और समर्पण अनिवार्य है।

JEE के उम्मीदवारों को इनके साथ– साथ रोजाना कई और मुद्दों से निपटना पड़ता है। इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा के लिए सेल्फ–स्टडी की राह पर चलने वाले छात्रों के लिए चुनौती बहुत जटिल हो जाती है। कोर्स में बने रहने में मदद करने के लिए इन छात्रों के पास कोई शिक्षक नहीं होता इसलिए IIT JEE की तैयारी रणनीति पर बने रहना चुनौती भरी हो सकती है।

अतः इस प्रकार के छात्रों के लिए प्रेरणा जीवन– रक्षक जैसी होती है। यदि आप IIT JEE के अंतिम कट–ऑफ को प्राप्त करने के अपने लक्ष्य की राह में आने वाली सभी बाधाओं को पार करने हेतु  पर्याप्त रूप से प्रेरित और फोकस्ड हैं तो आपको आपकी पसंद के कॉलेज/ संस्थान में इंजीनियरिंग की सीट हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता।

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2. अपनी एक दिनचर्या / रूटीन बनाएं:

IIT JEE कोचिंग क्लासेज करने वाले छात्रों के पास दैनिक टाइम टेबल होता है। सुबह या शाम में क्लास जाना और बीच के समय में स्कूल जाना या सेल्फ स्टडी करना। JEE 2018 की खुद से तैयारी करने वाले छात्रों के लिए दैनिक टाइम टेबल के अनुसार काम करना और अनुशासन बनाए रखना बेहद अनिवार्य है। 

इसलिए उन्हें एक ऐसा टाइम टेबल बनाना चाहिए जिसमें JEE परीक्षा और बोर्ड की परीक्षा की तैयारी एवं स्वस्थ शरीर हेतु सारी जरूरतें पूरी हो रही हों और आराम करने का भी पूरा समय मिल रहा हो। लेकिन ध्यान देने की बात यह है कि कागज पर टाइम टेबल तैयार करना और उसका पालन करना अलग– अलग चीजें हैं। इसलिए अपने अध्ययन की सभी जरूरतों को पूरा करने वाले बेहतरीन टाइम टेबल तैयार करने के साथ– साथ आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि वह व्यावहारिक और लक्ष्यों को पूरा करने वाला हो।

 

3. स्टडी मटेरियल्स (अध्ययन सामग्री):

IIT JEE के लिए सेल्फ– स्टडी की राह चुनने वाले छात्रों द्वारा बताई गई कई परेशानियों में से एक है विश्वसनीय एवं लक्षित स्टडी मटेरिय की अनुपलब्धता। कोचिंग क्लासेज में पढ़ाने के साथ साथ अनुभवी शिक्षकों द्वारा तैयार किये गए नोट्स प्रदान किये जाते हैं l इसके अतिरिक्त यहाँ नियमित होने वाले टेस्ट, गेस पेपर और क्विक टिप्स, JEE Main में सफल होने का सबसे सही रास्ता बताते हैं। लेकिन बहुत अधिक स्टडी मटेरियल और बहुत कम समय भी एक समस्या है।

इसलिए इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा की खुद से तैयारी करने वाले छात्रों के पास इस परिस्थिति का पूर्ण लाभ उठाने का मौका है।

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4. समय प्रबंधन:

Self Study Tip 3

किसी भी प्रकार की परीक्षा तैयारी करने वाले किसी भी छात्र को सबसे अधिक और बार– बार दिया जाने वाला सलाह है समय प्रबंधन। JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि समय बहुत कम बचा है और पठन सामग्री और सिलेबस के लिहाज से अभी काफी कुछ पढ़ना बाकी रहता है।

समय प्रबंधन का अर्थ है समय का इस प्रकार नियोजन कि वह आपके दैनिक कार्यों को पूरा करने में मदद करें साथ ही JEE Main / JEE Advanced में सफल होने के दीर्घ कालिक लक्ष्य की दिशा में नियमित रूप से आपको आगे बढ़ाए। समय प्रबंधन तीन मुख्य अवधारणाओं को कवर करता है–

  • समय का चयन : JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे पढ़ाई के लिए सही समय को चुनें। ऐसा समय जब वे मानसिक और शारीरिक रूप से पढ़ने की स्थिति में हों और जटिल अवधारणाओं तक को आसानी से समझ सकें। प्रत्येक छात्र के लिए पढ़ाई का सही समय अलग– अलग होता है, इसलिए इस मामले में सेल्फ– स्टडी से तैयारी में जुड़े छात्रों को अपने अनुसार तैयारी करनी होगी ।
  • प्राथमिकता तय करना :  पढ़ाई के लिए सही समय के साथ, समय प्रबंधन और पढ़ाई के लिए सही विषय के चुनाव से भी जुड़ा है। यदि किसी अवधारणा या विषय को पूरा करने में 4 घंटे का समय लगने वाला है तो उसे उस समय पढ़ना बिल्कुल भी सही नहीं होगा जब आपके पास पढ़ाई के लिए सिर्फ एक घंटा बचा हो। ऐसी स्थिति से बचने के लिए कौन सा विषय/ अवधारणा कितना समय लेगा, इसकी प्राथमिकता तय करना और चुनना भी सही समय प्रबंधन का हिस्सा है।
  • लक्ष्य आधारित समयसीमा :  क्या आपने कभी महसूस किया है कि घंटों तक पढ़ाई करने के बाद भी आप जिस अवधारणा को समझना चाहते हैं उसे बिल्कुल नहीं समझ पाए हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आपने अपनी पढ़ाई की तकनीकों में लक्ष्य आधारित दृष्टिकोण नहीं अपनाया। समय प्रबंधन लक्ष्य आधारित समयसीमा को परिभाषित करने में भी आपकी मदद करेगा जिससे विषयों को पूरा करने और उसके दायरे में आने वाली  अवधारणाओं में महारत हासिल करने में आपको मदद मिलेगी।

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5. पीयर स्टडी ग्रुप्स (समकक्षों का अध्ययन समूह):

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कोचिंग क्लासेज, एक जैसे दिमाग वाले प्रतिभाशाली छात्रों को प्रतिस्पर्धी माहौल प्रदान कर IIT JEE छात्रों की मदद करते हैं। जब बात JEE की तैयारी की आती है तो इंजीनियर बनने की इच्छा रखने वाले प्रतिभाशाली छात्रों के पूल के साथ प्रतिस्पर्धा करना अक्सर प्रतिस्पर्धा को कठिन बना देता है। लेकिन गौरतलब है कि स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए ज़रूरी नहीं कि आप कोचिंग क्लासेज ज्वाइन करें। JEE की तैयारी करने वालों का पीयर स्टडी ग्रुप्स बनाकर भी ऐसा आसानी से किया जा सकता है।

ऐसे ग्रुप्स अधिक प्रभावी होते हैं क्योंकि इनका लक्ष्य एक होता है। लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्धी होने के बजाय ग्रुप के सदस्य एक दूसरे की खूबियों पर फोकस करने और खामियों को दूर करने में मदद करते हैं।

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